Saturday, March 18, 2017

धनी आवादी , सार्वजनिक स्थलों से दूर आवंटित हो नवीन शराब दुकान - आशीष राय 


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राज्यपाल, मुख्यमंत्री,  कमिश्नर को भेजा ज्ञापन। 



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नरसिंहपुर। सार्वजनिक स्थानों से शराब दुकानों के शहर से बाहर स्थांतरण की पहल में विगत वर्षों से संधर्षरत समाजसेवी संगठन श्री साईं श्रद्धा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष राय ने जनहित में राज्यपाल,मुख्यमंत्री,कमिश्नर को ज्ञापन भेजा जिसमे मांग की है की राज्य के अधिकांश प्रायःशहर में कालेज, स्कूलों के मार्गो के पास,धनी आवादी ,सार्वजनिक स्थलों के समीप देशी, विदेशी शराब दुकानों का संचालन किया जा रहा है जिनसे आये दिन क्षेत्र का माहौल खराब होता जा रहा है यहाँ से गुजरने वाले छात्र,छात्राएं विद्यार्थी,महिलाएं,पुरुष अपने आपको असहज महसूस करते है क्योकि शराबीतत्वो द्वारा यही शराब पीकर कई बार गाली गलोच, उत्पात मचाया जाता है जिससे दुर्धटना,जाम जैसा माहौल आये दिन देखने को मिलता है।

जिसका उदाहरण बड़े शहर के साथ सम्पूर्ण जिला एवं तहसील गाडरवारा में भी देखा जा सकता है जिसका साक्षो सहित पूरा शहर साक्षी है। जिसे आपके समक्ष पूर्व में भी हजारों हस्ताक्षर ज्ञापन की प्रतिलिपि भी प्रस्तुत कर चुका हूँ परन्तु उक्त दिवस तक कोई सराहनीय पहल नही हुई। अतः माननीय महोदय जनहित में आपसे पुनःअपील है कि इस बार कालेज, स्कूलों के मार्गो,धनी आवादी ,सार्वजनिक स्थलों से दूर नवीन शराब दुकानों का आवंटन किया जाये ताकि आमजन मानस को वर्षों की इस विकराल समस्या से निजात मिल सकें।

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LIVE: योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम, केशव मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया



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लखनऊ। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के नये मुख्यमंत्री होंगे जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा उप मुख्यमंत्री होंगे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए नायडू ने सभी की घोषणा की ।

इस बीच सूत्रों के अनुसार खबर आ रही है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ यूपी के 21वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।  आखिरी दौर की रेस में योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच टक्कर थी जिसमें योगी आदित्यनाथ ने बाजी मार ली है। रविवार को दोपहर दो बजे यूपी के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह रखा गया है। लखनऊ में समर्थकों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच खबर आ रही है कि यूपी में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री के लिए योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री के लिए केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा का नाम तय किया गया है।

ये होंगे UP में मुख्यमंत्री कैबिनेट के मंत्री!


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नई दिल्ली. शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर मौहर लगा दि गई है। शनिवार दोपहर तक भाजपा उत्तर प्रदेश के लिए भी अपना मुख्यमंत्री चेहरा बता देगी।

अब मुख्यमंत्री का पद किसी को भी मिले लेकिन चार दर्जन मंत्री इस कैबिनेट में शामिल होना तय है। इसमें ज्यादातर वरिष्ठ नेता और पूर्व सरकारो में मंत्री रहें विधायकों को सीट मिलेगी। वरिष्ठ नेताओं के अनुभव के साथ-साथ युवा चेहरों को भी जगह दी जाएगी।

कई नए चेहरे भी इसमें शामिल होंगे और महिलाओं को भी अहम पद दिए जाएंगे। यूपी की इस भाजपा सरकार के कैबिनेट में पार्टी के वरिष्ठ नेता व आठ बार विधायक चुने गए सुरेश खन्ना, सातवीं बार विधायक बने सतीश महाना, वरिष्ठ नेता राधा मोहन दास अग्रवाल, हृदय नारायण दीक्षित, वरिष्ठ नेता सूर्य प्रताप शाही, जयप्रताप सिंह, जगन प्रसाद गर्ग, धर्मपाल सिंह, राजेंद्र सिंह उर्फ मोती सिंह, उपेंद्र तिवारी, दल बहादुर, सत्यप्रकाश अग्रवाल, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, श्रीराम सोनकर, वीरेंद्र सिंह सिरोही, रमापति शास्त्री और अक्षयवर लाल को जगह मिल सकती है।

युवा नेताओं में सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, देवमणि द्विवेदी और मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव जीते युवा नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है। बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी से दूसरी बार विधायक बने रवि शर्मा का नाम भी आगे है। इन्हीं नेताओं में से एक को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल सकता है।

मिनकपुर से जीते पूर्व सांसद आरके पटेल के साथ, नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह और पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी भी दावेदारी में हैं। भाजपा सरकार में लखनऊ से भी कई चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर है इनमें मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हराने वाली रीता बहुगुणा जोशी, लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन प्रमुख हैं।

साथ ही बृजेश पाठक और दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को भी मौका मिल सकता है। अल्पसंख्यक (सिख) कोटे से विधायक हरिमिंदर सिंह उर्फ रोमी साहनी को जगह मिलनी तय है। वह बसपा छोड़कर भाजपा में आए और विधायक चुने गए हैं। भाजपा इस बार महिलाओं को मंत्रिमंडल में अहम पद देगी।

रीता बहुगुणा जोशी, कृष्णा पासवान, प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल, मंत्री नीलिमा कटियार, महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाति सिंह के अलावा रजनी तिवारी, रानी पक्षालिका सिंह व कांग्रेस के गढ़ को फतह करने वाली भूपति भवन की रानी गरिमा सिंह (कांग्रेस नेता संजय सिंह की पहली पत्नी) को भी मौका मिल सकता है।

भाजपा सरकार में गठबंधन के सहयोगी दलों- अपना दल (सोनेलाल) व भारतीय समाज पार्टी (भासपा) को एक-एक मंत्री पद मिलना तय है। भासपा कोटे से अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर व अपना दल कोटे से दोबारा विधायक बने आरके वर्मा का नाम चर्चा में है।

योगी आदित्यनाथ होंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री…दो चेहरे बनेंगे डिप्टी सीएम !



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उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।

तमाम अटकलों, तमाम उठापठक, तमाम राजनीतिक चर्चाओं का दौर चल रहा है कि आखिर उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बारे में एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है और बताया जा रहा है कि इस वक्त योगी आदित्यनाथ के नाम पर सर्वसम्मति बनती दिख रही है। उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद रणनीतिकार और पॉलिटिकल पंडित इस बात की चर्चा कर रहे थे कि आखिर देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे की कमान किसे सौंपी जाएगी ? मीडिया रिपोर्ट्स पर यकीन करें तो सीएम पद की दौड़ में अब केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम पीछे चला गया है। कहा जा रहा था कि इस रेस में योगी और केशव प्रसाद मौर्य का नाम चल रहा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है।

सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर ये ही है कि इस वक्त योगी के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। रविवार दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर कांशीराम स्मृति उपवन में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा। उत्तर प्रदेश के सीएम के रूप में योगी का नाम इसलिए आगे चल रहा है क्योंकि यूपी में योगी बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर माने जाते हैं। इससे पहले योगी सिर्फ पूर्वांचल तक ही सीमित थे।

लेकिन इस चुनाव से पहले पार्टी ने योगी से वेस्ट यूपी में भी जमकर प्रचार कराया । योगी की हिंदू हार्डलाइनर वाली इमेज है। गोरखपुर से सांसद आदित्यनाथ का नाम चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए काफी पीछे चल रहा था। हैरानी तो तब हुई जब बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले योगी का नाम सीएम की दौड़ में अचानक से आगे हो गया।

इसके अलावा कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 20 कैबिनेट मिनिस्टर होंगे। इनमें स्वाति सिंह को भी लाल बत्ती मिल सकती है। कहा जा रहा है कि इस बार उत्तर प्रदेश में दो डिप्टी सीएम होंगे। फिलहाल इस बात की ही बड़ी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि उत्तर प्रदेश की कमान इस बार योगी आदित्यनाथ को सौंपी जा सकती है। आज दिन भर क्या क्या हुआ इस बारे में भी हम आपको बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजभवन से कुछ ही दूरी पर VVIP गेस्ट हाउस में वेंकैया नायडू बड़े नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं। इस बैठक में योगी और केशव प्रसाद मौर्या भी शामिल हैं। आपको बता दें कि नायडू को बीजेपी विधायक दल की मीटिंग के लिए आलाकमान ने सेंट्रल ऑब्जर्वर बनाया है।

सुबह तक सीएम पद की रेस में मनोज सिन्हा का नाम आगे चल रहा था। वो अब तक लखनऊ नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि लखनऊ में योगी की वेंकैया नायडू के साथ बंद कमरे में मीटिंग हुई। कहा जा रहा है कि सीएम पद की रेस में मनोज सिन्हा पीछे हो गए हैं। उधर केशव प्रसाद मौर्या दिल्ली से लौटकर लखनऊ पहुंचे। मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी मीडिया को इस बात का इंतजार करना चाहिए।

तो कह सकते हैं कि इस वक्त लखनऊ में गर्मा गर्मी का माहौल चल रहा है और बात लगभग पक्की है कि योगी ही उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। देखना है कि उत्तर प्रदेश की कमान अब किसे सौंपी जाएगी। जाहिर है कि देश के सबसे बड़े पॉलिटिकल स्टेट में सीएम पद के लिए राजनीति तो गर्मानी ही चाहिए।

रतन टाटा बताते हैं सफलता के मूल मंत्र : Ratan Tata 10 Rules for getting success

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रतन टाटा सफलता के 10 मूल मंत्र

1.  मैं कभी भी सही निर्णय लेने पर विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय ले कर, उसे सही साबित करने में विश्वास करता हूं।

 2.जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए उतार-चढ़ाव का बड़ा ही महत्व है। यहां तक कि ई.सी.जी. (ECG) में भी सीधी लकीर का अर्थ- मृत माना जाता है।

3.उन सारे पत्थरों को अपने पास रख लें, जिसे लोग आप पर फेकते हैं और उन पत्थरों का प्रयोग एक मजबूत स्मारक बनाने में करे।

4.लोहे को कोई नुकसान नहीं पहूंचा सकता लेकिन यह कार्य उसका अपना ही जंग (Rust) कर सकता है। वैसे ही किसी व्यक्ति को कोई नष्ट नहीं कर सकता सिवाय उसकी अपनी मानसिकता के।

5.हम सभी के पास समान योग्यता नहीं है लेकिन हमारे पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए समान अवसर है|

6.अगर आप तेज चलना चाहते है तो अकेले चलिए। लेकिन अगर दूर तक जाना चाहते है तो साथ-साथ चलिए।

7.मैं उन लोगों की प्रसंशा करता हूं जो बहुत सफल हैं। लेकिन अगर वह सफलता बहुत ज्यादा निर्ममता से हासिल हो तो मैं उस व्यक्ति की प्रसंशा तो करूँगा लेकिन इज्जत नहीं।

8.जिन जीवन मूल्यों और नीतियों को मैं जीवन में जीता रहा, इसके अतिरिक्त मैं जो संपंदा अपने पीछे छोड़ना चाहता हूं वह यह है कि आप हमेशा जिस चीज को सही माने उसके साथ डट कर खड़े रहे और जहां तक संभव हो निष्पक्ष बने रहे।

9.हो सकता कि मेरे निर्णयों से कई लोग दुःखी हो लेकिन मैं उस व्यक्ति के रूप में पहचाना-जाना चाहता हूं जिसने कभी किसी भी परिस्थिती में सही काम को सही ढ़ग से करने के लिए समझौता नहीं किया।

10.मैं भारत के भविष्य और इसकी क्षमता को लेकर काफी आशान्वित हूं। यह बहुत महान देश है। इसमें बहुत क्षमता हैं।

फोन हो गया चोरी तो ऐसे पायें कुछ ही मिनटों में

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फोन एक ऐसी जरुरत की चीज बन चुका है की थोड़ी देर के लिए भी अगर नजर से दूर जाता है तो बड़ी मुश्किल हो जाती है। कई बार यह हमसे गुम हो जाता है तो कई बार हम इसे कहीं रखकर भूल जाते हैं। तुरंत कहीं कॉल करना हो या इंटरनेट पर कुछ सर्च करना हो, उस वक्त फोन न मिले तो बड़ी खीझ होती है। अच्छी बात यह है कि गूगल ने एक ऐसा फीचर बनाया है, जिससे आप बेहद आसानी से अपना फोन ढूंढ सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया गूगल के डिवाइस मैनेजर का एक हिस्सा है। आप सीधे गूगल डिवाइस मैनेजर पर जाकर भी ऐसा कर सकते हैं। वहां पर आपको फोन को लॉक करने और कॉन्टेंट उड़ाने का भी ऑप्शन मिलेगा।

इसका तरीका बेहद ही आसान है :

1. सबसे पहले गूगल का होम पेज खोलिए। यहां पर उस गूगल अकाउंट आईडी से साइन इन कीजिए, जो आपने अपने एंड्रायड स्मार्टफोन में रजिस्टर की है।
2. इसके बाद गूगल होमपेज के सर्च बार पर टाइप करके सर्च कीजिए - 'Where's my phone?' जैसे ही आप यह सर्च करेंगे, आपके सामने एक मैप खुल जाएगा।
3. इस मैप में कुछ ही देर में आपको अपने फोन की लोकेशन दिख जाएगी। गूगल आपके स्मार्टफोन की लोकेशन ट्रेस करेगा और बताएगा कि वह कहां है।
4. अगर आप किसी और जगह से होकर आए हों और याद न आ रहा हो कि फोन वहां छूट गया या कहीं और, ऐसे में यह फीचर बड़े काम का है। आपको फोन की लोकेशन दिख जाएगी कि वह कहां पर है। इसलिए आप सही जगह पर उसे तलाश कर सकते हैं। जब आपको लोकेशन पता चल जाए, तब वहां जाकर अगला कदम उठाएं
5. अगर आप फोन को घर पर ही कहीं रखकर भूल गए हैं या आसपास कहीं गिर गया है तो आप इसे फुल वॉल्यूम पर रिंग करवा सकते हैं। अगर आपने फोन सायलेंट मोड पर भी रखा होगा, तब भी यह फीचर काम करेगा। बस बैटरी खत्म नहीं होनी चाहिए। रिंग करने का ऑप्शन आपको मैप के नीचे दिखेगा।

देखें चौकाने वाला वीडियो, पाक में नवाज शरीफ के सामने पढ़ा गायत्री मंत्र

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कराची। पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के सामने एक युवती ने गायत्री मंत्र पढ़कर सबको हैरान कर दिया है। खास बात यह है कि गायत्री मंत्र पढ़ने के बाद नवाज शरीफ ने तालियां बजाकर युवती की तारीफ भी की। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल भी हो गया है। इस वीडियो को जिसने भी देखा, वो चौक गया। 
इस वीडियो में नवाज शरीफ कराची में होली के मौके पर हिंदू समुदाय के लोगों के साथ एक समारोह में थे। समारोह में नवाज ने कहा, ‘जबरन मजहब बदलना और दूसरे धर्म के धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाना इस्लाम और पाकिस्तान में क्राइम है। यह किसी का काम नहीं कि वह फैसला करे कि कौन जन्नत जाएगा और कौन जहन्नुम में जाएगा। लेकिन, हमें पाकिस्तान को धरती पर जन्नत बनाना है।’
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए नवाज ने कहा, ‘एक मजहब विशेष को अपनाने के लिए कोई किसी पर प्रेशर नहीं डाल सकता। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि किसी को उसका मजहब जबरन बदलने के लिए मजबूर करना एक अपराध है। हमारा कर्तव्य है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जाए।’
देखें चौकाने वाला वीडियो, गायत्री मंत्र सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल


लोपामुद्रा ने जब वाइफ-स्वापिंग से इनकार तो उसे प्रताडि़त किया, उद्योगपति का बेटा गिरफ्तार

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भुवनेश्वर। ओडिशा पुलिस ने राज्य के एक बड़े उद्योगपति के बेटे को वाइफ-स्वापिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त वाईबी खुरानिया का कहना है, आरोपी की पहचान नयागढ़ चीनी मिल के मालिक उद्योगपति त्रिलोक्य नाथ मिश्रा के पुत्र सब्यसाची मिश्रा के रूप में हुई है। सब्यसाची को महिला पुलिस ने उनके खारवेल स्थित फॉर्म हाउस से गिरफ्तार किया।
सब्यसाची की पत्नी लोपामुद्रा ने छह महीने पहले अपने पति और ससुराल के लोगों पर आरोप लगाया था कि वाइफ-स्वापिंग में हिस्सा लेने से इनकार करने पर वे उसे प्रताडि़त करते थे। उसने आरोप लगाया था कि उसका पति और ससुराल वाले दहेज के लिए भी उसे प्रताडि़त करते थे। लोपामुद्रा के आरोपों के अनुसार, विवाह के बाद सब्यसाची उसे विदेश ले गया और वाइफ-स्वापिंग में हिस्सा लेने के लिए मजबूर किया।
इससे इनकार करने पर, सब्यसाची ने अपने परिवार की मदद से उसे प्रताडि़त किया। लोपामुद्रा का आरोप है कि इस संबंध में छह महीने पहले महिला पुलिस में शिकायत करने के बाद उसके ससुराल वालों ने उसकी और उसके बेटे की हत्या का प्रयास भी किया। पुलिस ने मिश्रा के परिवार को सम्मन किया है, लेकिन गिरफ्तारी की डर से वे लोग फरार हो गये हैं।
परिवार ने अदालत से अंतरिम सुरक्षा भी ले ली है। सुरक्षा अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस उन्हें तलाश रही थी। सब्यसाची के संबंध में सूचना मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। मिश्रा और सब्यसाची दोनों ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। -(एजेंसी)

वीना मालिक का आरोप- शौहर करता था ये काम, इसलिए लिया तलाक

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नई दिल्ली। पिछले दिनों पाकिस्तानी एक्ट्रेस वीना मलिक के अपने पति असद खटक से तलाक लेने की खबर सामने आई थी। वीना ने खुद तलाक का केस फाइल किया था और कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।
कहा जा रहा था कि इस तलाक की वजह खुद वीना हैं। वीना ने पैसे के लिए शादी की थी। लेकिन अब वीना ने अपने तलाक को लेकर कई खुलासे किए हैं।
वीना ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बात करते हुए अपने पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस इंटरव्यू में वीना मलिक फूट-फूटकर रोते हुए नजर आ रही हैं।
साथ ही अपने ऊपर लगाए गए झूठे इल्जामों को बेबुनियाद बता रही हैं। वीना ने कहा, 'लोग कहते हैं कि मैंने पैसे के लिए शादी की। आज असद के पास पैसे खत्म हो गए, तो मैं उनसे तलाक ले रही हूं। हालांकि बात तो कुछ और ही है।
हाल ही में ट्विटर पर शो का प्रोमो रिलीज किया गया है। कुछ दिन बाद ये शो टीवी पर टेलीकास्ट होगा। इस शो में वीना ने कहा कि असद ने उनके साथ मारपीट की। साथ ही मेंटली भी उन्हें एब्यूज किया गया। जिसके बाद उन्होंने तलाक का कदम उठाया।
Watch exclusive Interview with @iVeenaKhan on "Aisay Nahi Chalay Ga with Aamir Liaquat " tonight at 10:30 PM@AamirLiaquat #BOLNews pic.twitter.com/T8Pntc8aup
- BOL NEWS (@BOLNewsOfficial) 13 March 2017

अब बस देखना यह है कि इस सब में खून कितना बहेगा ?, देश का भूगोल बहुत छोटा हो गया है

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देश का भूगोल बहुत छोटा हो गया है

क्योंकि आपको विकास चाहिये और ऐसा विकास चाहिये जिसमे आपको शहर में ही बिना पसीना बहाए ऐशो आराम का सब सामान मिलता रहे . इस तरह के विकास के लिये आपको ज़्यादा से ज़्यादा संसाधनों अर्थात जंगलों , खदानों , नदियों और गावों पर कब्ज़ा करना ही पड़ेगा . लेकिन तब करोंड़ों लोग जो अभी इन संसाधनों अर्थात जंगलों , खदानों , नदियों और गावों के कारण ही जिंदा हैं आपके इस कदम का विरोध करेंगे . आपको तब ऐसा प्रधानमंत्री चाहिये जो पूरी क्रूरता के साथ आपके लिये गरीबों के संसाधन लूट कर लाकर आपकी सेवा में हाज़िर कर दे .

अब बस देखना यह है कि इस सब में खून कितना बहेगा ?


पलाश विश्वास
असम की 15 वर्षीय युवा गायिका नाहिद आफरीन को गाने से रोकने के प्रयास की दसों दिशाओं में निंदा हो रही है।हम भी इसकी निंदा करते हैं लेकिन असहिष्णुता के इसी एजंडा के तहत संघ परिवार ने असम में विभिन्न समुदायों के बीच जो वैमनस्य, हिंसा और घृणा का माहौल बना दिया है,उसकी न कहीं निंदा हो रही है और न बाकी भारत को उसकी कोई सूचना है।
इसी तरह मणिपुर में इरोम शर्मिला को नब्वे वोट मिलने पर मातम ऐसा मनाया जा रहा है कि जैसे जीतकर पूर्वोत्तर के हालात वे सुधार देती या जो सशस्त्र सैन्य बल विशेषाधिकार कानून मणिपुर में नागरिक और मानवाधिकार को,संविधान और कानून के राज को सिरे से खारिज किये हुए आम जनता का सैन्य दमन कर रहा है,जिसके खिलाफ इरोम ने चौदह साल तक आमरण अनशन करने के बाद राजनीति में जाने का फैसला किया और नाकाम हो गयी।
मणिपुर में केसरिया सुनामी पदा करने के लिए नगा और मैतेई समुदायों के बीच नये सिरे से वैमनस्य और उग्रवादी तत्वों की मदद लेकर वहां हारने के बाद भी जिस तरह सत्ता पर भाजपा काबिज हो गयी,उस पर बाकी देश में और मीडिया में कोई च्रचा नहीं हो रही है।इसीतरह मेघालय, त्रिपुरा, समूचा पूर्वोत्तर,बंगाल बिहार उड़ीसा दजैसे राज्यों को आग के हवाले करने की मजहबी सियासत के खिलाफ लामबंदी के बारे में न सोचकर निंदा करके राजनीतिक तौर पर सही होने की कोशिश में लगे हैं लोग।
मुक्त बाजार में भारतीय जनमानस कितना बदल गया है,जड़ और जमीन से कटे सबकुछ जानने समझने वाले पढ़े लिखे लोगों का इसका अंदाजा नहीं है और कोई आत्ममंथन करने को तैयार नहीं है कि खुद हम कहीं न कहीं सेट होने,पेरोल के मुताबिक वैचारिक अभियान चलाकर अपनी साख कितना खो चुके हैं।
चुनावी समीकरण का रसायनशास्त्र सिरे से बदल गया है।
गांधीवादी वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता उपभोक्ता संस्कृति के शिकंजे में फंसे शहरीकृत समाज के जन मानस का शायद सटीक चित्रण किया है।शहरीकरण के शिकंजे में महानगर,उपनगर ,नगर और कस्बे ही नहीं हैं,देश में मौजूदा अर्थव्स्था के मुताबिक देहात में जो पैसा पहुंचता है और वहां बाजार का जो विस्तार हुआ है,वह भी महानगर के भूगोल में खप गया है और जनपदों का वजूद ही खत्म है।
हिमांशु जी ने जो लिखा है,वह अति निर्मम सच है और हमने अभी इस सच का समाना किया नहीं हैः
आप को मोदी को स्वीकार करना ही पड़ेगा . क्योंकि आपको विकास चाहिये और ऐसा विकास चाहिये जिसमे आपको शहर में ही बिना पसीना बहाए ऐशो आराम का सब सामान मिलता रहे . इस तरह के विकास के लिये आपको ज़्यादा से ज़्यादा संसाधनों अर्थात जंगलों , खदानों , नदियों और गावों पर कब्ज़ा करना ही पड़ेगा . लेकिन तब करोंड़ों लोग जो अभी इन संसाधनों अर्थात जंगलों , खदानों , नदियों और गावों के कारण ही जिंदा हैं आपके इस कदम का विरोध करेंगे . आपको तब ऐसा प्रधानमंत्री चाहिये जो पूरी क्रूरता के साथ आपके लिये गरीबों के संसाधन लूट कर लाकर आपकी सेवा में हाज़िर कर दे . इसलिये अब कोई लोकतांत्रिक टाइप नेता आपकी विकास की भूख को शांत कर ही नहीं पायेगा .इसलिये आप देखते रहिये आपके ही बच्चे मोदी को चुनेंगे . इसी विकास के लालच में ही आजादी के सिर्फ साठ साल बाद का भारत आदिवासियों के संसाधनों की लूट को और उनके जनसंहार को चुपचाप देख रहा है .
क्रूरता को एक आकर्षक पैकिंग भी चाहिये . क्योंकि आपकी एक अंतरात्मा भी तो है . इसलिये आप अपनी लूट को इंडिया फर्स्ट कहेंगे . लीजिए हो गया ना सब कुछ ?
कुछ लोगों को आज के इस परिणाम का अंदेशा आजादी के वख्त ही हो गया था पर हमने उनकी बात सुनी नहीं .
अब बस देखना यह है कि इस सब में खून कितना बहेगा ?
हिमांशु जी के इस आकलन से मैं सहमत हूं कि अपनी उपभोक्ता हैसियत  की जमीन पर खड़े इस देश के नागरिकों के लिए देश का भूगोल बहुत छोटा हो गया है।लोग अपने मोहल्ले या गांव,या शहर हद से हद जिला और सूबे से बाहर कुछ भी देखना सुनना समझना नहीं चाहते।
बाकी जनता जिंदा जलकर राख हो जाये,लेकिन हमारी गोरी नर्म त्वचा तक उसकी कोई आंच न पहुंचे,यही इस उपभोक्ता संस्कृति की विचारधारा है।
सभ्यता के तकाजे से रस्म अदायगी के तौर पर हम अपना उच्च विचार तो दर्ज करा लेना चाहते हैं,लेकिन पूरे देश के हालात देख समझकर नरसंहारी संस्कृति के मुक्तबाजार का समर्थन करने में कोताही नहीं करेंगे,फिर यही भी राजनीति हैं।
हमारे मित्र राजा बहुगुणा ने उत्तराखंड के बारे में लिखा है,वह बाकी देश का भी सच हैः
इस बार के चुनाव नतीजे इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस संस्कृति की जडें और गहरी हुई हैं।दोनों दलों को मिलने वाले मत जोड़ दिए जाएं तो साफ तस्बीर दिखाई दे रही है।इसका मुख्य कारण है कि अन्य राजनीतिक ताकतो में स़े कुछ तो इसी कल्चर की शिकार हो खत्म होती जा रही हैं और अन्य के हस्तक्षेप नाकाफी साबित हो रहे हैं ? इस लूट खसौट संस्कृति का कसता शिकंजा तोड़े बिना उत्तराखंड की बर्बादी पर विराम लगना असंभव है ?
पहाड़ से कल तक जो लिखा जा रहा था,उसके उलट नया वृंदगान हैः
त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी को उत्तराखंड के 9वें मुख्य मंत्री बनने पर हार्दिक शुभकामनाये । आशा है की आप कृषि मंत्री रहते हुए किया गया कमाल । मुख्य मंत्री रहते हुए नही दोहराएंगे ।
हम त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को नहीं जानते।गनीमत है कि ऐन मौके पर पालाबदल करने वाले किसी दलबदलू बड़े नेता को संघ परिवार ने नेतृत्व के लिए चुना नहीं है।
संघ परिवार नेतृत्व बदलने के लिए अब लगातार तैयार दीख रहा है जबकि उसके विरोध में चुनाव हारने वाले राजनीतिक दल पुराने नेतृ्त्व का कोई विकल्प खोज नहीं पा रहे हैं।क्योंकि इन दलों का संगठन संस्थागत नहीं है और न्यूनतम लोकतंत्र भी वहां नहीं है।
जनता जिन्हें बार बार आजमाकर देख चुकी है,मुक्तबाजार की अत्याधुनिक तकनीक, ब्रांडिंग,मीडिया और मार्केटिंग के मुकाबले उस बासी रायते में उबाल की उम्मीद लेकर हम फासिज्म का राजकाज  बदलने का क्वाब देखते रहे हैं।
हमने पहले ही लिखा है कि चुनाव समीकरण से चुनाव जीते नहीं जाते। जाति,नस्ल,क्षेत्र से बड़ी पहचान धर्म की है।संघ परिवार को धार्मिक ध्रूवीकरण का मौका देकर आर्थिक नीतियों और बुनियादी मुद्दों पर चुप्पी का जो नतीजा निकल सकता था, जनादेश उसी के खिलाफ  है,संघ परिवार के समर्थन में या मोदी लहर के लिए नहीं और इसके लिए विपक्ष के तामाम राजनीतिक दल ज्यादा जिम्मेदार हैं।
अब यह भी कहना होगा कि इसके लिए हम भी कम जिम्मेदार नहीं है।
हम फिर दोहराना चाहते हैं कि गैर कांग्रेसवाद से लेकर धर्मनिरपेक्षता की मौकापरस्त राजनीति ने विचारधाराओं का जो अंत दिया है, उसीकी फसल हिंदुत्व का पुनरूत्थान है और मुक्तबाजार उसका आत्मध्वंसी नतीजा है।
हम फिर दोहराना चाहते हैं कि हिंदुत्व का विरोध करेंगे और मुक्तबाजार का समर्थन,इस तरह संघ परिवार का घुमाकर समर्थन करने की राजनीति के लिए कृपया आम जनता को जिम्मेदार न ठहराकर अपनी गिरेबां में झांके तो बेहतर।
हम फिर दोहराना चाहते हैं किबदलाव की राजनीति में हिटलरशाही संघ परिवार के हिंदुत्व का मुकाबला नहीं कर सकता,इसे समझ कर वैकल्पिक विचारधारा और वैकल्पिक राजनीति की सामाजिक क्रांति के बारे में न सोचें तो समझ लीजिये की मोदीराज अखंड महाभारत कथा है।
अति पिछड़े और अति दलित संघ परिवार के समरसता अभियान की पैदल सेना में कैसे तब्दील है और मुसलमानों के बलि का बकरा बनानाे से धर्म निरपेक्षता और लोकतंत्र की बहाली कैसे संभव है,इस पर आत्ममंथन का तकाजा है।
मोना लिज ने संघ परिवार के संस्थागत संगठन का ब्यौरा दिया है, कृपया इसके मुकाबले हजार टुकड़ों में बंटे हुए संघविरोधियों की ताकत का भी जायजा लें तो बेहतरः
60हजार शाखाएं
60 लाख स्वयंसेवक
30 हजार विद्यामंदिर
3 लाख आचार्य
50 लाख विद्यार्थी
90 लाख bms के सदस्य
50लाख abvp के कार्यकर्ता
10करोड़ बीजेपी सदस्य
500 प्रकाशन समूह
4 हजार पूर्णकालिक
एक लाख पूर्व सैनिक परिषद
7 लाख, विहिप और बजरंग दल के सदस्य
13 राज्यों में सरकारें
283 सांसद
500 विधायक
बहुत टाइम लगेगा संघ जैसा बनने में...
तुम तो बस वहाबी देवबंदी-बरेलवी ,,शिया -सुन्नी जैसे आपस में लड़ने वाले फिरकों तक ही सिमित रहो.........और मस्लक मस्लक खेलते रहो........ ... एक दूसरे में कमियां निकालते रहो।
अकेले में बैठकर सोचें कि आप अपने आने वाली नस्लों के लिए क्या छोड़कर जा रहे हैं।

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जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
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नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
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