Thursday, December 9, 2010

नरसिंहपुर में मोबाइल बन गया खिलौना, बी एस एन एल नेटवर्क कर रहा परेशान

सिटी चीफ // आनंद कुमार नेमा (नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधी से सम्पर्क 94246 44258

हाल में बी एस एन एल कंपनी की सेवाऐं डप्प होती हुई ज्ञात हो रही हैं, जिससे उपभोक्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि कभी नेटवर्क न मिलना, कभी नेटवर्क मिलने के बाद भी आवाज में स्पष्टता न आना अब यह बात आम हो गई है। कभी अवांछित व्यक्ति के यहाँ फोन का लग जाना ऐसी अनकों समस्याओं से उपभोक्तओं को सामना करना पड़ रहा है। खिलौने से प्रतीत हो रहे मोबाईल: एक लंबे अर्से से शहर में बी एस एन एल उपभोक्ताओं की दिकक्तें नये-नये रूप ले रही हैं। मोबाईल एक-दूसरे से लगातार संपर्क बनाये रखने के लिए रखा है, मगर कभी भी नेटवर्क के गोल हो जाने से मंहगे से मंहगा मोबाईल सेट खिलौना साबित हो रहे हैं।

अगले जनम में मोहे बीटिया ही दीजो.......!

लेख:- रामकिशोर पंवार रोढावाला
पिछले कई दिनो से टी वी चौनलो पर विभिन्न प्रकार के सामाजिक रिश्तो पर आधारित धारावाहिको का प्रसारण होता चला आ रहा है। इन सबमें मुझे वैसे तो कई धारावाहिक पंसद है लेकिन खास कर जी टी वी का लोकप्रिय धारावाहिक अगले जनम में मोहे बीटिया न कीजो.....!
इस धारावाहिक को देखने के बाद और इसका शीर्षक गीत सुनते ही मेरा रोम - रोम दिल में छुपी उस पीड़ा से रो पड़ता है जो बेटी न होने की वज़ह से होती है। इसी तरह के धारावाहिको की श्रंखला में क्लर्स पर आने वाला धारावाहिक भाग्य विधाता में भी उस धारावाहिक की एक महिला पात्र अपने ससुराल वालो के साथ अपने पिता एवं परिजनो को भी चारो धामो की यात्रा करवाती है। कुछ नकारात्मक छबि बनाने वालो ने बिटिया के पात्र ऐसे प्रस्तुत किया है कि उसका बेडागर्क ही हो गया है। ऐसे कई कलाकारो एवं धारावाहिको के लेखको एवं निर्माता ने भारतीय संस्कृति का सवा का अपने स्वार्थ के लिए ऐसा सत्यानाश किया है कि भारतीय संस्कृति मुन्नी की तरह बदनाम हो गई है। ऐसा करने में जितेन्द्र कपूर की बिन बिहाई बेटी एकता कपूर का नाम अव्वल दर्जे पर आता है। एकता के धारावाहिको ने भारतीय नारी की मानसिकता एवं सोच को भी बदल कर ऐसे स्वरूप में प्रस्तुत किया है कि देख कर घृणा एवं तिस्कार की भावना पैदा हो जाती है। अध नंगी हाथो में विदेशी शराब के प्याले लेकर किटी पार्टी में अपनी बहू की बुराई करने वाली और उसके कोसने वाली सास नहीं बल्कि मंहगाई से खतरनाक डायन के रूप में दिखती है। जब भी ऐसे तथाकथित परिवारीक धारावाहिको को अपने माता - पिता एवं परिजनो के साथ जब हम देखते है तो भले ही अपना सिर न पीटे लेकिन मेरा तो मन होता है कि मैं अपना सिर पीट लूं......!
नारी जाति की नकारात्मक छबि पेश कर करने के बाद भी मुझे अपनी बेटी के रूप में राजस्थान की वह छबि दिखती है जो कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने गांव की चौधरी बन कर पुरूष प्रधान समाज को उस राजस्थान में चुनौती देती है जहां पर सदियो से बेटियो को कोख में ही मार दिया जाता है। मुझे हमेशा इस बात टीस सताती रहती है कि भगवान ने मुझे दो लडक़े देने के बजाय एक बीटिया क्यों नहीं दी .....! आज इसी लोग भले ही इस मानसिकता में पल रहे हो कि बेटे ही उनका अपना कुल - वंश - कुन्बा चलाते है। इसलिए हर माँ - बाप को बेटी की जगह बेटे की लालसा बनी रहती है। अपने कथित वंश - कुल - कुन्बे को चलाने के लिए उन्हे कथित कुल दीपक चाहिये। ऐसे लोगो को वह कहावत कभी भी नहीं भूलनी चाहिये जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि घर को आग लगा दी घर के चिराग ने ......! लोगो की अपनी मानसिकता भले ही कुछ क्यों न हो पर मैने अपनी मानसिकता में जरा सा भी परिवर्तन नहीं लाया है। मुझे आज भी इस बात का डर सताता रहता है कि कहीं मेरे दो चिराग मेरे ही अपने आशियाने को ही जला कर राख न कर दे। मैं एक नहीं सौ नहीं सैकड़ो नहीं बल्कि लाखो उदाहरण इस बात के बता एवं दिखा सकता हँू जब बेटे ने ही अपने शराब - शबाब - कबाब - धन लालसा में अपने माता - पिता को बेरहमी से मार डाला या फिर उन्हे धक्के मार कर घर से बेघर कर दिया। आज देश की अदालतो में चलने वाले परीवारीक मामलो में 90 से 99 प्रतिशत मामलो की जड़ में जर - जोरू - जमीन की फाँस रहती है। मैं इस मानसिकता का घोर विरोधी हँू जिसमेें लोग चाहत पालते है कि उसकी पहली और आखरी संतान बेटा ही हो क्योकि बेटा ही उसके बुढ़ापे का कथित सहारा बनेगा.....? मैने अपने जीवन में ऐसे कई वृद्ध आश्रमो में बेटो के द्वारा लात मार कर - बुरी तरह जलील कर - धक्का मार निकाले गये बापो की पीड़ा को जाना है। इन सभी लडक़ो के बाप का बस यही पाप था कि उन्होने बेटी की जगह पाप की ऐसी पेटी को अपनी छाती से बांध रखा जिसने बाद में अपना असर दिखाया तो वे न तो घर के रहे और न घाट के .......। मैने अपने पिता से एक अच्छी सीख ली जिसके अनुसार उन्होने अपनी पूरी वन विभाग की सरकारी नौकरी के दौरान अपने चार बेटो और दो बेटियों का लालन - पोषण किया करके उन सभी का घर संसार बसाया। बाबू जी ने अपने सगे भाई - बहनो के अलावा नाते - रिश्तेदारो को भी अपने पास पाला पोसा और उनके हाथ पीले किये। हम बाबू जी को अकसर उनकी इस दरियादिली पीडित होकर अनमने से यह कहा करते थे कि उन्होने क्या होटल या रैन बसेरा खोल रखा है....! पर बाबू जी कहा करते थे परोपकार ही सच्चा परमार्थ है। मेरे बाबू जी को पांच पर लकवा का अटेक हुआ लेकिन वे आज भी घुम फिर सकते है। उनकी जुबान थोडी सी तुतलाती है लेकिन वे आज भी अपने नाम के अनुरूप दयाराम की दया को लुटाने में कोई कसर नहीं छोड रहे है। नौकरी से रिटायर होने के बाद भी उन्होने अपनी दिवंगत बहन की बेटी का विवाह करवाया। बाबू जी का बेटियो के प्रति प्रेम ही मुझे आज इस बात की पीडा को दे रहा है कि मेरी बेटी होती तो कितना अच्छा होता। पर हमें भी दुसरो को देख कर यह मन में ख्याल आ जाता है कि क्या बाबूजी आपने भी अपने नाम के अनुरूप दयाराम की दया होटल या सराय यदि नहीं खोल रखी होती तो आज हमारे पास भी बंगला - मोटर कार होती लेकिन बाद मे उस बंगले में चार दिवारे और कार के चार टायरो का बटवारा होता तब क्या होता.....! हालाकि हम अपने बाबू जी को यह कहा करते थे कि आप यदि सब दुसरो को ही बाट दोगो तो अपने बेटो - बेटियो को देने के लिए आपके पास बचेगा क्या.....? आज भले ही हमारे बाबू जी से उपकृत हमारे अपने तथाकथित रिश्तेदार ही हमें इस बात की उलाहना देते है कि तुम्हारे बाप के पास क्या है......? हमारे पास देखो चार - चार गगन चुम्बती इमारते है ....? लेकिन वे इस बात को भूल जाते है कि उनके पास पहनने को कपड़े तक नहीं थे......! बाबू जी के कपड़े पहन कर उन्होने अपनी बदहाली के दिन हमारे घर में काटे थे। आज बाबूजी की उस त्याग तपस्या का यह असर रहा कि हमररी दोनो बहनो को रेल्वे में नौकरी करने वाले दामाद मिले , चारो भाईयो का अपना घर परिवार है। आज भले ही हमारे बाबूजी ने हमारे लिए एक प्लाट तक नहीं लिया। आज हमारे बाबूजी अपने परोपकार की वज़ह से पाँच बार मौत को धता देकर चल फिर रहे है। आज यदि वे भी औरो की तरह खेतीबाड़ी और बैंक बैलेंस - घोड़ा गाड़ी - बंगले - मोटर कार खरीद कर रख लेते तो पता चलता कि हम चारो भाई ही एक - दुसरे के खून के प्यासे हो जाते और माता - पिता की सेवा तो दूर उन्हे भी घर से बाहर का रास्ता दिखा देते। आज भी मालिक की दया कहिये या फिर बाबूजी की अपने नाम के अनुरूप की गई दया का असर वे आज भी अपनी मर्जी के मालिक है किसी एक के पास न रह कर वे अपनी इच्छा के अनुसार चारो भाईयो एवं दोनो बहनो के घर पर आते - जाते रहते है। आज के समय में हम सबसे से अच्छे हमारे बाबूजी है। बेटी के प्रति प्रेम और प्यार बाबू जी से मुझे मिला लेकिन ईश्वर की कथित नाइंसाफी की वज़ह से बेटी को अपने आंगन में खेलते - कुदते देखने की लालसा जीवन के आखरी छोर से बरकरार रहेगी। माँ अकसर कहती है कि बेटा तू चिंता क्यों करता है अपने किसी भाई या बहन की बेटी का कन्यादान कर लेना...... लेकिन फिर भी दर्द तो अपनी जगह पर आज भी कैंसर से भी घातक हो चुका है। मैने जीवन के लगभग आधे दशक पूरे होने के पूर्व ही कई अनुभवो को महसुस किया है. उसके हिसाब से मैं कह सकता हँू कि समाज में आज भी कोई माने या न माने लेकिन बेटी का बाप होना एक ऐसी पाठशाला है जिससे बहँुत कुछ सीखा जा सकता है. अकड़ - घमंड - मक्कारी जैसे शब्द लडक़े के बापो में ज्यादा होती है क्योकि उन्हे चिंता नहीं रहती कि उसके परिवार का क्या होगा। वह तो सोचता है कि उसने बेटे को पैदा करके सुदंरलाल पटवा सरकार की एम पी लाटरी का एक इनामी टिकट ले लिया है .......! लेकिन टिकट लेने के बाद वह यह क्यो भूल जाता है कि लाटरी के इनाम के चक्कर में कई लोग बेमौत मारे जा चुके है। जहाँ एक ओर यह कहा जाता रहा है कि बेटा तो एक ही कुल का वंश चलाता है। वही दुसरी ओर बेटी के बारे में कहा जाता है कि वह अपने सात कुलो का नाम रोशन करने के साथ - साथ उनके भी वंश का नाम चलाती है। बेटी का बाप होना कोई पाप या अभिश्राप नहीं है। बेटी के बाप को समाज में क्या दर्जा मिलता है उस पर मैं बहस नहीं करना चाहता लेकिन बेटी के बाप और भाई को समाज सलीका सीखाता है कि अपनी बहन - बेटी की तरह दुसरो की भी बहन - बेटियो की इज्जत करना चाहिये. अगर आज हम किसी की बहन - बेटी को बुरी नज़र से देखेगें तो कल कोई हमारी बहन - बेटी पर बुरी नज़र डालेगा ही। बेटी की कमी हर किसी को है लेकिन लोग बेटे के चक्कर में कोख में ही सैकड़ो - हजारो - लाखो बेटियो को मार डालते चले आ रहे है। यदि आप भगवान को मानते है तो फिर श्री गणेश से कुछ तो सबक लीजिए...... भगवान श्री गणेश ने भी अपने दो बेटो शुभ एवं लाभ के लिए माता संतोषी को अपनी पुत्री रूप में अवतरीत किया था। ऐसे में प्रथम पूज्यनीय भगवान श्री गणेश एवं कार्तिकेय महाराज को बहन न होने की पीड़ा सता सकती है....... और जगत माता आदि शक्ति जगदम्बा पार्वती को पुत्री न होने का दर्द......... तब आप लोगो किस खेत के मूली - बैंगन है.......! बेटी के न होने की पीड़ा जो समझ नहीं सका उसकी लाश का अंतिम संस्कार तक नहीं हो सका है। आज भी इस देश ने ऐसे कई उदाहरण प्रस्तुत किये है जब बेटियो ने अपने पिता को कंधा ही नहीं दिया बल्कि उनका तर्पण तक किया। आज भी भगवान सूर्य नारायण के पुत्र एवं न्याय के देवता शनिदेव जिसके नाम से पूरी दुनिया कांपती है वे भाई दूज को अपनी छोटी बहन माँ ताप्ती के घर पर आते है। इसी तरह स्वर्ग - नरक के स्वामी भगवान यमराज भी अपनी बहन यमुना के घर जाते है। बहन - बेटी की पीड़ा को यदि इस संसार में कोई समझ सका है तो वे स्वंय भगवान दिवाकर - भास्कर -सूर्य नारायण है जिन्होने अपने तेज से पीड़ित पशु - पक्षी - मानव यहाँ तक कि कीट - पंतगो को तृप्त करने के लिए माँ ताप्ती को धरती पर अवतरीत किया। आज भी देश - दुनिया की कई नदिया सुख जाती है लेकिन माँ ताप्ती में अथाल जल भरा पड़ा हुआ है। ताप्ती का जल न सुख पाने के पीछे एक पिता का पुत्री प्रेम ही नहीं तो क्या है....! बेटी का होना एक सुखद पल है जो जीवन में बार - बार नहीं आता। ऐसे में पुत्रमोह में अपनी पुत्रियो का उसकी जननी की कोख में ही गला दबाने वाली माताये और पिता संभल जाये .....! वे अपनी चाहत के चलते अपनी पत्नि की कोख में ऐसे काले विषधर को तो नहीं पाल रहे है , जिसके बाहर निकलते ही उसके दंश से उनका राम - नाम सत्य हो जायेगा...... । अंत में मैं एक बार फिर उस मालिक से उसकी अपनी गलती को सुधारने का करबद्ध दण्डवत होकर यह आग्रह करते हुये यह प्रार्थना - अर्चना - आराधना - आवेदन - कामना करता हँू कि प्रभु अगले जनम में मोहे बीटिया ही दीजो.......!

Wednesday, December 8, 2010

नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार


नकली नोटो का काला कारोबार पकड़ाया

ब्यूरो प्रमुख// शेख अमीन कुरैशी (होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)

ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क : 99072 77862

होशंगाबाद। सोहागपुर के चिचली ग्रा निवासी युवक लीलाधर को पुलिस ने नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया। थाना प्रभारी बाबई श्री हरि बल्लभ शर्मा ने बताया कि बमौरी ग्राम की चाय की दुकान पर नकली नोट लेकर आने की सूचना पुलिस को मिली पुलिस ने चाय दुकान की घेराबंदी कर एक युवक को नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया। युवक के पास से एक नोट एक हजार का और पंद्रह नोट सौ रूपये के पुलिस ने जप्त किये है। पुलिस ने आरोपी की सोहागपुर स्थित फोटोकापी की दुकान की तलाशी ली । दुकान से स्केनर सहित कई उपकरण मिले। पुलिस ने नकली नोट बनाने मे काम आने वाली सभी सामान को जप्त कर लिया है। टी.आई शर्मा ने बताया कि आरोपी से पूचताछ की जा रही है। मामले के हर तहलू पर बारिकी से जांच जारी है।

करोंदी स्कूल के गुरूजी का काला कारनामा

शाला के छात्रों की छात्रवृति की राशि हड़प कर गुरूजी ने अपने लिये खरीदी मोटर साइकिल।
प्रतिनिधि // उदयसिंह पटेल (सिहोरा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रमुख से सम्पर्क : 93298 48072
सिहोरा। मझौली विकास ख्सण्ड के अन्तर्गत ग्राम करोंदी की ई.जी.एस पाठशाला के गुरूजी ने छात्रों की संपूर्ण छात्रवृत्ति की राशि हड़प कर अपने लिए मोटरसाइकिल खरीद ली। उल्लेखनीय है कि इस शाला के छात्रों को लगभग 10 वर्षों से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त नहीं हुई। और गुरूजी पे फर्जी बाउचर लगाकर अपने लिये मोटरसाइकिल खरीद कर चमकाने लगे जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत उमरधा की सरपंच सीता बाई लोधी ने लिखित शिकायत मे कहा है, कि गुरूजी विजयकुमार शुक्ला ने आदिवासी बालिकाओं की दस वर्षों की छात्रवृत्ति स्वयं डकार ली । उल्लेखनीय है कि छात्राओं के अभिावकों ने जब गुरूजी से इस संदर्भ मे जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि ई.जी.एस.के स्कूलों मे कोई छात्रवृत्ति नहीं मिलती। अपनी शिकायत मे सरपंच ने यह भी कहा है, कि उक्त शाला के गुरूजी विजय शुक्ला की शिकायत विगत 13 अगस्त को सरपंच के पति एवं छात्राओं के अभिभावकों द्वारा मझौली में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की थी और जब शिकरायत की जानकारी उक्त आरोपी गुरूजी को लगी तो वह मारे क्रोध के भड़क उठा और सरपंच के पति को गोली मारकर घायल कर दिया। मझौली पुलिस ने उक्त घटना के आरोपी गुरूजी को धारा 307 भा.द.वि. के तहत गिरफ्तार कर सिहोरा उपजेल भेज दिया। मालुम हो कि इस अपराध मे गुरूजी विजय शुक्ला 40 दिन तक उपजेल की हवा खाता रहा बाद जमानत पर रिहा किया गया। गौरतलब है, कि ग्राम पंचायत उमरधा की सरपंच ने जिला शिक्षा प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है, कि 40 दिनों तक जेल में बंद रहने वाले और आदिवासी छात्राओं की छात्रवृत्ति हड़पने वाले गुरूजी विजय शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह छात्र छात्राओं के सहयोग से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगी।

मामी ने कराया भाँजी का अपहरण

जबलपूर के गढ़ा थाने की रपट

प्रतिनिधि // उदयसिंह पटेल (सिहोरा // टाइम्स ऑफ क्राइम)

प्रमुख से सम्पर्क : 93298 ४८०७२

जबलपुर गढ़ापुरवा निवासी एक किशोरी को उसकी मामी ने अपने सहयोगी युवक के साथ मिलकर उसका अपहरण करा दिया इस दौरान किशोरी नागपुर व कटनी शहर के कई मकानों में रखकर उसके साथ आरोपी युवक दुराचार करता रहा। अत: तंग किशोरी मौका मिलते ही भाग कर अपने घर पहुंची और परिजनों से उक्त घटना का बयान किया। उक्त पीडि़त किशोरी की रिपोर्ट पर गढ़ा पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया और आरोपी मामी की तलाश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गढ़ा थाना प्रभारी श्री जयंत टेम्भरे ने बताया कि किशोरी ने अपने बयानों मे कहा है, कि कुछ दिनों पूर्व वइ पान उमरिया जिला कटनी निवासी अपनी मामी अनीता कुशवाहा के घर रिश्तेदारी में गई थी, और अनीता उसे घुमाने के बहाने नागपुर ले गई थी, जहां बरगी निवासी राहुल कोष्टा मिला और मामी पीडि़ता किशोरी को उसके हवाले कर दिया। गौर तलब है, कि आरोपी राहुल वहां से किशोरी को अन्य शहरों में घुमाने के बाद कटनी लेकर पहुंचा और 3 दिनों तक वह किशोरी से दुराचार करता रहा। अत: विगत सप्ताह किशोरी मौका देखकर भाग निकली और अपने घर पहुंच कर मातापिता को सारी दास्तान सुनाई। उल्लेखनीय है, कि इस संदर्भ में श्री टेम्भरे ने किशोरी की शिकायत पर आरोपी राहुल कोष्टा तथा अनीता कुशवाहा के खिलाफ अपहरण व दुराचार का मामला दर्ज कर लिया है। और अनीता कुशवाहा की तलाश जारी है।

बैतूल:खापाखतेडा हत्याकांड में आठ लोगों को आजीवन कारावास

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)TIMES OF CRIME
बैतूल। बैतूल जिला मुख्यालय स्थित विशेष न्यायाधीश आर के जोशी ने जिले के आमला विकास खण्ड के गांव खापाखतेडा मे चार साल पहले हुये ममता, गणेश, श्री की हत्या के मामले में आठ आरोपियो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। आमला पुलिस थाना में दर्ज अपराध 382 की विवेचना उपरांत खापाखतेडा ग्राम के ग्रामिणों ने योजनाबद्ध तरीके से ममता, गणेश एवं श्री की तोरणवाडा - खापा खतेडा जोड के पास हत्या कर दी थी। विशेष नयायालय में 22 फरवरी 2007 से विचाराधीन प्रकरण में सुनवाई करते हुये विशेष न्यायाधीश आर के जोशी ने सभी पुलिस हिरासत में जेल भेजे गये आठो नामजद आरोपियो जिसमें रामचरण आत्मज कचरिया जाति भोयर, नान्हू आत्मज सुखलाल, रामेश्वर आत्मज कालूराम, कलिराम आत्मज घुडन, धनराज आत्मज रामदास तथा राजू आत्मज रघुनाथ को धारा 302 एवं 149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी प्रकरण में धारा 148 के तहत तीन साल कासश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये का अर्थदण्ड तथा धारा 307 एवं 149 में 10 साल की सजा एवं 3 हजार रूपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई। इसी ग्राम में पूर्व में लोहार जाति की तीन महिलाओं को जिंदा जला दिया गया था। खापाखतेडा ग्राम में वर्ष 2006 से 2007 के बीच तीन नरसंहार के प्रकरण में पूरे गांव के प्रत्येक परिवार के पुरूष सदस्य आरोपी बनाये गये थे। आज स्थिति यह है कि पूरे गांव में महिलायें और बच्चे ही बचे हुये है। गांव के आधे ज्यादा पुरूष सजा भोग रहे है या फिर फरारी काट रहे है। पुरूष वीहिन खापाखतेडा गांव में बीते सालो में हुये सामुहिक हत्याकांड के एक मामले में पचास से अधिक लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। बैतूल एवं मुलताई - होशंगाबाद - भोपाल की जेलो में खाताखतेडा के ग्रामिण सजा भोग रहे है। एक जाति विशेष के लोगो के कथित आतंक से उपजे इन तीनो नरसंहारो के चलते पूरा गांव का कामकाज महिलाये ही संभाल रही है। सजा भोगने वालो में रेल्वे के कर्मचारियो की संख्या सबसे अधिक है जिनकी हत्याकांड के समय रेल्वे में नौकरी चल रही थी लेकिन न्यायालय ने रेल्वे के रिकार्ड को अस्वीकार करते हुये फरियादी पक्ष और उसके गवाहो को ही साक्ष्य मानते हुये विभिन्न अपराधो में सजा सुनाई है। बैतूल जिले के आमला थाना के अन्तगर्त आने वाले इस गांव के हंगरी लोहार के परिवार की तीन महिलाओं को जिंदा जला देने के बाद से उपजी वैमनस्ता के चलते हंगरी लोहार के परिवार के सदस्य गांव को छोड कर चले गये थे। पूर्व के सामुहिक हत्याकांड में आरोपियो के खिलाफ गवाही देने के बाद दो सामुहिक हत्याकांड में गांव के अन्य लोग भी अब सजा सुना दी गई। लगभग तीन साल तक चले इस मामले में अभी भी 69 आरोपियों को पुलिस पकड नहीं सकी है। सभी आरोपी गांव को छोड कर चले जाने के कारण पकड़ाये गये सभी आठ आरोपियों को पूरे प्रकरण के निपटारे होने तक न्यायालय ने जमानत पर नहीं छोडा और प्रकरण की आखरी सुनवाई करते हुये सभी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इस बहुचर्चित प्रकरण पर सभी की निगाहे लगी हुई थी।

अभियंता को 3 साल की कैद, 5 करोड़ रुपये का जुर्मान

TIMES OF CRIME, devas
देवास, । मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक स्थानीय अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोपी लोक निर्माण विभाग के एक उप अभियंता (सब इंजीनियर) के खिलाफ तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उसके ऊपर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।वर्तमान में देवास में कार्यरत तथा इसके पहले शाजापुर में कार्यरत रहे उप अभियंता, प्रीतम सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद उज्जैन के लोकायुक्त ने मार्च 2002 में छापा मारकर उनके पास 50 लाख रुपये से अधिक की अनधिकृत सम्पत्ति का खुलासा किया था। इस आरोप में प्रीतम सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। विशेष अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश पी.के. व्यास ने सोमवार को प्रीतम सिंह को मामले में दोषी पाया।न्यायालय ने प्रीतम सिह के खिलाफ तीन साल कैद की सजा सुनाई, साथ ही पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने लोक सेवकों में बढ़ते भ्रष्टाचार पर भी सख्त टिप्पणी की है।

नर्स चला रही थी प्रसूति गृह, प्रसूतिगृह सील, कागजात जब्त

नर्स चला रही थी प्रसूति गृह - प्रसूतिगृह सील, कागजात जब्त -
- प्रभारी मंत्री तथा जिला कलेक्टर को हुई थी शिकायत

उज्जैन, (डॉ। अरुण जैन)


उज्जैन, मंगलवार को कलेक्टर डॉ। एम. गीता के निर्देश पर अशोकनगर स्थित जीवन ज्योति प्रसूतिगृह पर छापामार कार्रवाई की गई। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल व एसडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी के नेतृत्व में गए दल ने उपकरण व दस्तावेज जब्त कर भवन को सील कर दिया। इंदौर से जुड़े एक प्रकरण को लेकर विधायक मालिनी गौड़ ने जिले के प्रभारी मंत्री विजय शाह को नर्सिंग होम की शिकायत की थी। स्वास्थ्य विभाग को भी अवैध रूप से नर्सिंग होम संचालन की सूचना लगातार मिल रही थी। संचालक शारदा सिरवैया जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं।जुड़े रसूखदारों से तार- इंदौर की विधायक मालिनी गौड़ ने एक प्रकरण को लेकर प्रभारी मंत्री विजय शाह को प्रसूति गृह की शिकायत की थी। प्रसूति गृह में बिना पति की अनुमति के गर्भपात करने का आरोप लगाया गया था। इंदौर निवासी पीड़ॢत मयंक ने गत 8 जुलाई को कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की थी कि उनकी पत्नी मिताली का गर्भपात उक्त प्रसूतिगृह में बिना अनुमति कर दिया गया। मिताली का मायका उज्जैन में है। मयंक व उनके परिवार का आरोप था कि मिताली का 3 माह का गर्भ प्रसूतिगृह में गिरा दिया, जबकि दूरभाष पर चर्चा में उन्होंने सहमति नहीं जताई थी। इसी मामले को लेकर विधायक मालिनी गौड़ ने भी प्रभारी मंत्री को शिकायत की थी। दूसरी शिकायत दानीगेट के समीप रहने वाली भावना शर्मा द्वारा की गई थी। इसमें बताया गया था कि संचालक द्वारा पेट में उल्टा बच्चा होने पर विश्वास दिलाया गया था कि सब ठीक कर दिया जाएगा। बाद में जब मामला बिगड़ा तो बच्चे को जिला अस्पताल व माता को सलूजा नर्सिंग होम रैफर कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक महिला संचालक के तार रसूखदारों से जुड़े हुए हैं, इसलिए लंबे समय से अवैध संचालित प्रसूतिगृह कार्रवाई की आँच से बचा रहा। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि स्टाफ नर्स के खिलाफ नोटिस जारी कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। छापामार कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं कि यहां अवैध रूप से मेटरनिटी होम संचालित हो रहा था। स्टाफ नर्स को हाल ही में सिविल सर्जन डॉ. डीपीएस गहरवार ने कार्य में लापरवाही बरतने के कारण नोटिस भी जारी किया था। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि स्टाफ नर्स के खिलाफ नोटिस जारी कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। छापामार कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं कि यहांॅ अवैध रूप से मेटरनिटी होम संचालित हो रहा था। स्टाफ नर्स को हाल ही में सिविल सर्जन डॉ. डीपीएस गहरवार ने कार्य में लापरवाही बरतने के कारण नोटिस भी जारी किया था। लंबे समय से चल रहा था- छापामार कार्रवाई के दौरान अवैध संचालित प्रसूतिगृह में प्रसूति किए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं। यहाँ प्रसूति के लिए उपयोग में लाई जा रही सामग्री भी जिला अस्पताल की होना बताया जा रहा है। प्रसूतिगृह में मिले एक रजिस्टर में वर्ष 2005 से लेकर अब तक हुई प्रसूति का विवरण भी मिला है। जन्म प्रमाण पत्र के कोरे आवेदन भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि प्रसूतिगृह में जन्म लिए नवजात का जन्म प्रमाण पत्र जिला अस्पताल के माध्यम से बनाया जा रहा था। आवश्यक दवाइयाँ व उपकरण के साथ ही प्रसूताओं को भर्ती करने तक की व्यवस्था थी। संचालिका जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं और छापे के दौरान उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई। प्रसूतिगृह से जिला अस्पताल की इंडेंट बुक भी जब्त की गई है। इस बात की तस्दीक भी की जाएगी कि इंडेंट बुक का इस्तेमाल शासकीय दवाओं का निजी उपयोग करने में तो नहीं किया गया।

पचौरी की विदाई के लिए दिल्ली में बंटी

भोपाल//आलोक सिंघई (टाइम्स ऑफ क्राइम)

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में इन दिनों उदासीनता का दौर छाया हुआ है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की कमान जल्दी ही किसी नए इलाकेदार को थमाई जानी है. बीच में तो कुछ अखबारों ने खबरें भी छाप दी थीं कि गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. हालांकि बाद में कुछ बदलाव नजर नहीं आया क्योंकि हाईकमान ने इसके लिए कोई और तारीख मुकर्रर करने की बात कहकर मामला ठंडा कर दिया. अब पार्टी हाईकमान को दिल्ली का बवेला थमने का इंतजार है. उम्मीद की जा रही है कि नए साल में पार्टी अपना नया अध्यक्ष भेजेगी जो कांग्रेस के वाकओवर को चुनौती में बदलने का प्रयास करेगा.
दरअसल पूरे देश में भाजपा और क्षेत्रीय पार्टियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए देश में एकदलीय शासन की परिपाटी बदलती जा रही है. ये माना जाने लगा है कि क्षेत्रीय दलों से तालमेल करके बेहतर शासन दिया जा सकता है. इसके चलते राजनीतिक दलों ने अपने प्रबंधन की शैली में बदलाव किया है. बिहार की हार के बाद कांग्रेस में क्षेत्रीय दलों की बढ़ती चुनौतियों पर नए सिरे से चिंतन करने की जरूरत महसूस हो रही है. मध्यप्रदेश में तो ताजा बदलाव की बयार वह खुफिया रिपोर्ट ला रही है जो दो साल पहले दस जनपथ के पास पहुंच चुकी थी. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान ने यह रिपोर्ट तैयार कराई थी. जिसमें कांग्रेस की हार की समीक्षा की गई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुरेश पचौरी के नेतृत्व में पार्टी की सत्तर सीटों पर टिकिटों की खरीद फरोख्त की गई है. इन विधायकों ने पचौरी खेमे को सीट के मुताबिक चालीस लाख से एक करोड़ रुपए तक भेंट चढ़ाई थी.इनमें से 22 सीटों पर कांग्रेस को लगभग एक हजार मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. महाकौशल क्षेत्र के एक दिग्गज नेता तो आठ करोड़ रुपए देकर पचौरी की मदद से आठ टिकिट कबाड़े.कई विधायकों ने टिकिट पाने के लिए पजेरो गाड़ियां भी नजराने के रूप में भेंट कीं तब जाकर उन्हें कांग्रेस के चिन्ह पर लड़ने का अवसर मिल सका.
मजेदार बात तो ये है कि कथित तौर पर टिकिट खरीदने वाले इन विधायकों को पार्टी का संबल भी नहीं मिला. कुछ सीटों पर तो भाजपा प्रयाशियों की हार की घोषणा हो जाने के बाद पुनर्गणना के माध्यम से उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया. पचौरी खेमे ने उन सीटों पर भी प्रशासन से अपना प्रतिरोध दर्ज नहीं कराया. नतीजतन धांधली चल गई और कांग्रेस को दो अंकों में ही सिमट जाना पड़ा.
इसी प्रकार लोकसभा के लिए 29 सीटों पर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह पाने के लिए कांग्रेसियों को पार्टी फंड तो मिला नहीं उलटे उन्हें एक करोड़ से पांच करोड़ रुपए का चंदा भेंट करना पड़ा. यह सौदा लगभग 18सीटों पर हुआ और उनमें से ज्यादातर सांसद हार भी गए.
बाद में स्थानीय निकायों के चुनावों में भी पार्टी को इसी प्रकार के व्यापारिक गणित का सामना करना पड़ा. टिकिट बाकायदा बेचे गए और फिर टिकिट खरीदने वालों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. पार्टी के चुनाव कैंपेन में भी कसावट नहीं थी और ज्यादातर बड़े क्षत्रपों को इस खरीद फरोख्त की जानकारी मिल गई. नतीजतन उन्होंने भी कांग्रेस की जीत के बजाए स्थानीय नेताओं को जिताने में ज्यादा रुचि ली.यह चुनाव पूरी तरह से पार्टी विचारधारा से अलग सिर्फ स्थानीय जरूरतों के आधार पर लड़ा गया चुनाव था. इस चुनाव में भी पार्टी की विचारधारा ने प्रत्याशियों को फायदा नहीं दिलाया.
पचौरी की कार्यशैली हाईकमान के लिए नए विवादों का कारण बन गई है. अब तक वे स्थानीय नेताओं और क्षत्रपों से अपना तालमेल नहीं बिठा पाए हैं. अपने स्वभाव और चंद सहयोगियों की कोटरी के चलते उन्होंने पार्टी का ताना बाना छिन्न भिन्न कर दिया है. कहा जाता है कि पचौरी सनाड्य ब्राह्मण हैं और वे अन्य ब्राह्मणों के राजनीतिक हितों को साधने में बुरी तरह असफल साबित हो रहे हैं. कान्य कुब्ज, सरयूपारी, और नार्मदीय ब्राह्मणों की राजनीतिक चेतना मध्यप्रदेश में ज्यादा असरकारी है एसे मे ब्राह्मण उन्हें अपना नेता मानने तैयार नहीं हैं. पचौरी के बारे में शुरु से कहा जाता है कि वे या तो सनाड्य ब्राह्मणों पर भरोसा करते हैं या फिर धनाढ्य ब्राह्मणों पर. गरीब गुरबे ब्राह्मण तो पचौरी से ज्यादा ठाकुरों से जुड़ गए हैं. एसे में कांग्रेस को अपना जमीनी आधार खड़ा करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मध्यप्रदेश में स्थानीय ठाकुरों के भाजपा में पलायन के बाद से कांग्रेस ने ब्राह्मणों के माध्यम से सत्ता के समीकरण अपने पक्ष में करने का जो कार्ड खेला था उसे पचौरी और उनके सहयोगी भुना नहीं पाए हैं. अरविंद मालवीय, राजीव सिंह और अतुल शर्मा जैसे चंद सहयोगियों की टीम के सहारे पचौरी ने अपनी राजनीतिक शैली प्राईवेट लिमिटेड की तरह बना ली है. एसे में कांग्रेस को अपना जनाधार बढ़ाने में खासी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है.
पचौरी पर सबसे गंभीर आरोप यह लगाया जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा रिश्ता कायम कर लिया है. बाबूलाल गौर के माध्यम से किए गए इस समझौते के बाद पचौरी को सरकार की ओर से विपक्ष चलाने के लिए बाकायदा 25 लाख रुपए का नजराना दिया जा रहा है. इसका नतीजा यह रहा है कि विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने लगभग बगावती अंदाज में गुल गपाड़ा किया और सदन की कार्रवाई नहीं चलने दी. इससे कांग्रेस विपक्षी दल के बजाए भाजपा के मसखरे सहयोगी के रूप में ही ज्यादा नजर आए.
इस बीच कांग्रेस के दिग्गज क्षत्रपों और क्षत्रिय नेताओं ने अपनी लाबी खड़ी करनी शुरु कर दी है. श्रीमती जमुनादेवी के निधन के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है.जिसके लिए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अपना दावा जताना शुरु कर दिया है. चौधरी राकेश सिंह कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं और कांग्रेस हाईकमान की नजर में वे पचौरी से ज्यादा उपयोगी साबित होते नजर आ रहे हैं. वहीं क्षत्रिय लॉबी ने अपने ज्यादातर नेताओं को भाजपा में जगह दिला रखी है और वे अब मिलजुलकर अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मुहिम चला रहे हैं. जिससे कांग्रेस की राजनीति में असमंजस का माहौल बन गया है. चौधरी राकेश सिंह आलाकमान के कुछ सहयोगियों के माध्यम से मैदान मारते नजर आ रहे हैं. लेकिन वे सदन के बाहर इतने कारगर नहीं हैं.
कांग्रेस आलाकमान एक नए चेहरे अरुण यादव पर भी जयादा गंभीरता से विचार कर रहा है. वह है पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष यादव के सुपुत्र अरुण यादव. वे केन्द्र सरकार में भारी उद्योग राज्यमंत्री हैं और अपने पिता की विरासत को थामने वाले प्रत्याशी के रूप में उनके अंक सबसे ज्यादा हैं. इसका कारण है कि मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 51 फीसदी है. इतने बड़े समुदाय को प्रभावित करने के लिए अरुण यादव जैसे युवा नेता राहुल गांधी की टीम में भी सबसे मुफीद बैठते हैं. इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर अरुण यादव को बिठाकर कांग्रेस पिछली पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश करेगी. इन्हीं कोशिशों के बीच गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी को आदिवासी क्षेत्रों से करीबी स्थापित करने के लिए भेजने की मुहिम चलाई गई थी. लेकिन इसे कुछ सोचकर बीच में ही रोक दिया गया.
सुरेश पचौरी के बारे में कहा जाता है कि वे भारतीय सेना के कुछ बड़े अधिकारियों के ज्यादा करीब हैं.केन्द्रीय कार्मिक मंत्री रह चुके होने के कारण वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की बारीकियों से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं. यही कारण है कि उन्होंने चंद दिनों पहले मध्यप्रदेश मे पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए कार्मिक मंत्रालय से एक संदेश भी जारी करवाया था कि मध्यप्रदेश के अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा न दें. बल्कि भारतीय जनता पार्टी के नेता यदि उन पर गैर कानूनी काम करने के लिए दबाव डालते हैं तो उनके कारनामे उजागर किए जाएं. उम्मीद की जाती है कि पचौरी की यह मुहिम कारगर साबित होगी.
राजनीति के मैदान में प्रशासनिक जोड़तोड़ जितना सहयोगी साबित होता है उससे ज्यादा सहयोगी विधा जनांदोलन की होती है. भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक दक्षता के मामले में भले ही काफी पिछड़े नजर आते हों लेकिन वे जनता के बीच अपना जनाधार बढ़ाने में भरपूर सफल हुए हैं. आज भी जब प्रदेश के हालात कांग्रेस की सरकार की तुलना में बहुत ज्यादा बेहतर नहीं हैं तब भी शिवराज सिंह चौहान के प्रति जनता में आक्रोश नहीं देखा जा रहा है. जाहिर है कि लोगों के दिल मे जगह बनाने में पचौरी तुलनात्मक रूप से बुरी तरह असफल साबित हुए हैं. इस बीच भाजपा के कार्यकर्ता गौरव दिवस ने कांग्रेसियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. कांग्रेसियों ने दिल्ली जाकर उस आयोजन की सीडियां अपने अपने दिग्गजों को दिखाई हैं और उनसे कहा है कि भाजपा ने तो 2014 के चुनावों की तैयारियां शुरु कर दीं हैं, जबकि कांग्रेस बुरी तरह उदासीन है. एसे में मध्यप्रदेश को पचौरी से मुक्त करवाया जाए और किसी नए अध्यक्ष की ताजपोशी की जाए.

विवाह महूर्त आते ही भारी पड़ रही है मंहगाई डायन की मार

गरीब तबका हैरान परेशान मैरिज हॉल से लेकर दूल्हे की शेरवानी तक में मची है लूटमार

सिटी चीफ // आनंद कुमार नेमा (नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)

प्रतिनिधि से सम्पर्क 94246 44258

अभी ठंड के मौसम ने अपना रुतबा ठीक तरह से दिखाया नहीं किंतु शादी-विवाह की बात की जाये तो 22 नवम्बर से विवाह की शुरुआत हो चुकी है। जो युवा विवाह की आयु सीमा को पार कर गये है उनके मन में अपनी जीवनसाथी को लेकर अजीब-अजीब तरह ख्याल पैदा हो रहे हैं और उनका दिल मचल रहा है। आलम यह है कि, रोजाना सड़क से 4-6 बारातें अवश्य ही निकलती देखी जा सकती हैं। इस सगुन के अवसर पर नगरों में प्रतिदिन मदमस्त सा माहौल बना रहता है। मगर जिन बंधुओं को इस शुभ घड़ी को रंगीन बनाने की संपूर्ण जबावदारी होती है। वे बाजार की मंहगाई रूपी आग की लपटों को लेकर चिंतित है। ज्ञातव्य है कि पहले पेट्रोल, डीजल, बिजली की दरों में लगातार बढ़ोत्तरी होने से इसका प्रभाव शादी-विवाह, पार्टी, समारोहों पर भी निश्चित रूप पड़ा।
प्रथम पृष्ठï का शेष....शादी-विवाह का खर्च करीब दो से तीन गुना आगे निकलने से सामान्य लोगों का आर्थिक प्रबंध डगमगाने लगा। बाजार में झकझकाती दुकान को लगा कर बैठे छोटे-बड़े व्यापारियों ने बताया कि, अंधाधुंध बढ़ती मंहगाई आम जनता की खुषियों को कम कर रही है। मैरिज हॉल, गार्डन, होटल तो मंहगे पहले से ही हैं, इसके अतिरिक्त दूल्हे के सूट से लेकर दुल्हन की ज्वेलरी, मेकअप की सामग्रियों तो आसमान को छू रही हैं। ऐसे जिन घरों में विवाह की शुभ घड़ी का आगमन हुआ है उन्हें बड़े ही सूझ-बूझ से व्यय करना होगा। किंतु नगरों में बहुत शादियाँ हो रही हैं। और आनंदित पलों में मंहगाई डायन के भाँति पैर पसारकर मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों लोगों के सम्मुख एक चुनौती बनकर आ डटी है। चप्रतिनिधि से सम्पर्क 94246 44258शादी-विवाह का खर्च करीब दो से तीन गुना आगे निकलने से सामान्य लोगों का आर्थिक प्रबंध डगमगाने लगा। बाजार में झकझकाती दुकान को लगा कर बैठे छोटे-बड़े व्यापारियों ने बताया कि, अंधाधुंध बढ़ती मंहगाई आम जनता की खुशियों को कम कर रही है। मैरिज हॉल, गार्डन, होटल तो मंहगे पहले से ही हैं, इसके अतिरिक्त दूल्हे के सूट से लेकर दुल्हन की ज्वेलरी, मेकअप की सामग्रियों तो आसमान को छू रही हैं। ऐसे जिन घरों में विवाह की शुभ घड़ी का आगमन हुआ है उन्हें बड़े ही सूझ-बूझ से व्यय करना होगा। किंतु नगरों में बहुत शादियाँ हो रही हैं। और आनंदित पलों में मंहगाई डायन के भाँति पैर पसारकर मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों लोगों के सम्मुख एक चुनौती बनकर आ डटी है।

ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या

ब्यूरो प्रमुख// शेख अमीन कुरैशी (होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क : 99072 ७७८६२
होशंगाबाद जिले के पिपरिया तहसील में एक और हत्या का मामला सामने आया शनिवार व रविवार की दरमियानी रात होशंगाबाद पिपरिया के मुख्य मार्ग पर पुलिया के पास अज्ञात बाइक सवार ने ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गये। हत्या की बजह व हत्यारे का अभी कोई सुराग नही लगा है पिपरिया में रामविलास कालोनी निवासी ट्रक चालक भूरे लाल गूजर पिता करण सिह गूजर रात्री लगभग 2 बजें ट्रक के ऊपर चढ़कर तिरपाल बांध रहा था उसी दौरान दो लोग बाइक पर सवार होकर आये उन्होंने नकाब से मुंह ढका हुआ था ट्रक चालक से उन्होने गन्ना मांगा और लेकर चले गये फिर दोबारा लोटकर आये और ट्रक चालक भूरे लाल के सीने मे गोली मार दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रक चालक को अस्पताल पहुंचाया जहां पर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रदेश के 18 जिलों मे खुलेगें श्रम कार्यालय

ब्यूरो प्रमुख// शेख अमीन कुरैशी (होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क : 99072 77862
होशंगाबाद। प्रदेश के 18 जिलों में अब तक श्रम कार्यालय नही थे अब जल्द ही प्रदेश के 18 जिलो में श्रम कार्यालय खोले जायेंगे। साथ ही होशंगाबाद संभाग में श्रम सहायक आयुक्त कार्यालय खुलेगा। यह बात प्रदेश के श्रम मंत्री श्री जगन्नाथ सिंह ने एक दिन के होशंगाबाद दौरे पर कही। वह 5 दिसंबर को होंशगाबाद आये एवं मंत्री जी ने कलेक्ट्रेड में अधिकारियों को संवोधित किया कहा कि बाल श्रमिक प्रथा कंलक के समान है। इसे सख्ती बंद करना चाहिए वहीं रेस्ट हाउस मे पत्रकारों से चर्चा के दौरान मत्री जी कहा कि विभाग का बजट कम है। मात्र 52 करोड प्रतिवर्ष का बजट है। बाल श्रमिकों पर पूछे गये सवाल के जबाव में बोले कि बाल श्रमिक प्रथा को रोकने के लिए सरकार की कई योजनाऐं चलाई जा रही है। पर इसे रोकना सिर्फ सरकार या अधिकारियों का ही काम नहीं है। देश के हर नागरिक को जिम्मेदारी समझनी होगी। कही बाल श्रमिक कार्य करता हुआ दिखाई दे तो संबंधित अधिकारियों को सूचना दे मंत्री जी बोले हमारे देश मे न भेद-भाव है न छूआ छूत है न जातिवाद है न ऊच नीच है। अगर है तो अमीरी गरीबी का बोझ क्योकि जब आदमी गरीब होता है तो सारे भेद भाव होते है। पर जब व्यक्ति संपन्न हो जाता है तो किसी तरीके का कोई भेद नही रह जाता है सभी भेदभाव मिट जाते है। हमें देश मे गरीबी समाप्त करना है। इसके लिए हर व्यक्ति का शिक्षित होना आवश्यक हैं। क्योकि जब व्यक्ति शिक्षित होता है। तभी वह अपनी गरीबी मिटाने के लिए ज्यादा प्रयत्न कर सकता है।

कालेज से चोरी गई मोटर सायकल नवेगॉव छात्रावास से जप्त

जिला प्रतिनिधि // डी. जी. चौरे (बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479
जे.एस.टी. कालेज से 8 माह पूर्व चोरी गई मोटरसायकल नवेगॉव स्थित एस.टी छात्रावास से जप्त की गई। इस टी.वी.एस. मोटर सायकल को इसी कालेज के बी.एस.सी द्वितीय वर्ष के छात्र विनोद कुमार/परसराम मेरारवी 21 वर्ष ग्राम बेलगांव मलाजखण्ड निवासी ने चोरी की थी। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक 29 मार्च को ग्राम घड़ी नेवरगॉव निवासी राम प्रसाद राहंगडाले अपनी टी.वी.एस. मोटरसायकल एम.एच.35 जे 9384 से जे.एस.टी कालेज परीक्षा देने आया था। जिसमें अपनी मोटरसायकल कालेज के परिसर में खड़ी कर दी थी। और मोटरसायकल 6 बजे के बीच यह मोटरसायकल चोरी हो गई। जिसकी रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 379 ता.हि.के तहत अपराध दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही थी। 4 दिसम्बर को आरक्षक प्रमोद राहंगडाले और अविनाश द्विवेदी को पता चला कि एस.टी कालेज के नवेगॉव में रहने वाले कालेज के एक छात्र के पास टी.वी.एस मोटरसायकल है, जो कालेज से चोरी हो गई थी। इस सूचना के आधार पर सहायक उपनिरीक्षक सहदेव राय साहू ने दोनों आरक्षक के साथ नवेगांव स्थित छात्रावास पहुंच कर जांच करी जांच पड़ताल की। छात्र विनोद से पूछताछ करने पर उसने इस मोटर सायकल को अपनी होना बताया। परन्तु कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाया। चेसीस एवं इंजिन नं. मिलाने पर वह मोटर सायकल पाई गई जो ग्राम घड़ी निवासी रामप्रसाद राहंगडाले की है। इस मोटर सायकल को छात्रावास से जप्त की गई और इस मोटर सायकल चोरी के आरोप में छात्र विनोद कुमार मेरावी को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस विभाग ने निकाली जनचेतना यात्रा

सिटी चीफ // मुकेश तिवारी (बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 9301220500

बालाघाट जिले के मुख्यालय से लगभग 50-60 किलो मीटर नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस रेज के आई.जी श्री सी.वी. मुनिराजू एवं एस.पी. संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पदयात्रा की।पुलिस विभाग को उद्देश्य नक्सलवादियों से लडऩा या चेताना नहीं था अपितु इन संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे 6 लोगों की बुनियादी समस्याओं से मुखातिब होना एवं शासन द्वारा चलाये जा रहे नक्सली उन्मूलन तहत विकास योजनाओं की जानकारी देना एवं जनता को जाग्रत करना था।प्राप्त समाचारों के मुताबिक यह जनचेतना तीन दिवसीय थी। इसमे लगभग 100 किलोमीटर पुलिस के हमरारह जवानों के साथ पैदल मार्च किया गया। यात्रा डाबरी होते हुए झकुरडा पहुंची ग्रामीणों से चर्चा उपरांत अधिकारियों ने भोजन एवं रात्रि विश्राम उसी गांव में किया। अगले दिन का पडारव विलालकसा होते हुए जैतपुरी पहुंचे एवं उसके बाद ग्राम पितकोना पुलिस को सेंदल पहुंचे। पुलिस के सेंदल पहुंचते ही ग्रामीण बैगा डर के भारी भीड़ में पुलिस से चर्चा की।जनता ने गिनायी समस्याएंनक्सली क्षेत्र में निवासरत ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं गिनाई। जनता ने बताया कि क्षेत्र का विकास अवरूद्ध पड़ा है। नाला बना था किंतु एक वर्ष में ही टूट गया। सड़कों का निर्माण कुछ जगह हुआ किंतु अब सड़के उखड़ गई है। गांवों में बिजली की समस्याएं है। बिजली पहुंचाने के लिए प्रशासन ने राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में प्रस्ताव भेजे है। किंतु आज तक प्रस्ताव लंबित पड़े है। स्कूलों में मास्टर है किंतु माह में दो-चार दिन ही आते है। किंतु मध्याहन भोजन स्कूलों में बनता है, बच्चे सिर्फ भोजन करने स्कूल जाते है। पढ़ाई से छात्रों का दूर दूर तक नाता नहीं है। पुलिस द्वारा बच्चों से सवाल किये गये। किंतु पांचवीं के छात्रों को अ का ज्ञान नहीं है। सड़के बनाने वाली निर्माण ऐजेंसी का ये आलम है कि वे सिर्फ एक बरसात ही सहन कर पाती है। बड़े अधिकारी इन क्षेत्रों को दौरा नहीं करते इसलिए सड़कों का रख-रखाव एवं मेंटनेंस नहीं होता है।

माननीय मंत्री कमलनाथ का आश्वासन पूरा ६०० करोड़ रूपये की सड़कों की सौगात

सिटी चीफ // मुकेश तिवारी (बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 9301220500

बालाघाट। केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री कमलनाथ ने पूर्व बालाघाट प्रवास के दौरान 200 कारोड़ रूपये की सड़क निर्माण कार्य करने का आश्वासन दिया था। जिस कार्य को करने की घोषणा की। हाल में कटंगी विधायक भगत जी एवं वारासिवनी विधायक जायसवाल ने दिल्ली में कमलनाथ से भेटकर उन्हें सड़कों के विकास के लिए प्रस्ताव सौपे है। जो कि लगभग 400 करोड के प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए प्रकिया प्रारंभ हो गई है। वारासिवनी क्षेत्र जहां की सीमा मे प्रवेश करते ही वर्तमान सड़को की दशा बदतर है। अब वारासिवनी क्षेत्र के विधायक के प्रयास से सड़को की हालत सुधरती जा रही है। ये मार्ग है बालाघाट-वारासिवनी, रामपायली- तुमसर को जोडऩे वाली सड़क रेगाटोला, चंगेटा, वारासिवनी रामपायली-गर्वचौकी, इन सड़कों के फिर से अच्छे बनने की ओर अग्रसर होगी।

- बाघ नदी पर बनेगा पुल -

कमलनाथ जी ने बालाघाट एवं महाराष्ट्र सीमा से लगे गोडिय़ा को जोडऩे वाले बाघ नदी के लिए 16.50 करोड रूपये की स्वीकृति प्रदान करने का वादा किया है। इससे घिसर्टी नदी भी पुल बनेगा। बरसात के मौसम में दोनो राज्यों क मध्य आवागमन अवरूद्ध हो जाता था इससे राहत मिलेगी। छत्तीसगड़ सीमा से लगे रास्तों में लांजी -दुर्ग रास्ते की हालत भी सुधरेगी। इसके लिए 77 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके है।

बुदनी स्टेट लाईट की कमी खलती है

तहसील प्रमुख // हरिशंकर कदम (बुदनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
तहसील प्रमुख से सम्पर्क 90986 76150
टी.टी.सी. निवासियों को देर सबेर मरर्केट से लौटते समय स्टेट लाईट की कमी महसूस होती है। क्योंकि पुलिया के पास काफी दूर तक कोई भी खम्बे पर लाईट नहीं है- टी.टी.सी. निवासी अरविन्द और वर्ततान टी.टी.सी. पार्षद का कहना है। इससे पूर्व भी पूलियों के पास बाहर से ट्रेक्टर ट्रेनिग पर आनक वाले कुछ लोगों के साथ लूट मारपीट जैसी घटना हो चुकी है। क्योंकि पूलिया के पसे कुछ दूरी तक सुनसरान रास्ता हम टी.टी.सी. निवासियों को तय करना पड़ता है, अंधेरा और सुनसान रास्तें के कारण असुरक्षा का भय रहता है

बुदनी : चाकू की नोक पर लूट

तहसील प्रमुख // हरिशंकर कदम (बुदनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
तहसील प्रमुख से सम्पर्क 90986 76150
बुदनी। थाना बुदनी जिला सीहोर अंतर्गत टी।टी। सी बुदनी ट्रेक्टर कालोनी निवासी को चार व्यक्तियों द्वारा रात नौ बजे करीब लूटने का प्रयास किया गया। एस.पी. रेकवार बुदनी मार्केट से वापिस अपने घर जा रहे थे। तभी सुनसान रास्ते में पुलिया के पास चार लोगों ने रेकवार को चाकू अड़ा कर लूटने की कोशिश की कि रेकवार द्वारा शोर मचाने पर अपराधियों ने रेकवार को चाकू से घायल कर दिया एवम अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गये। जिसमें रेकवार को दो जगह चोट लगी एक चाकू सर तथा कमर में उक्त घटना की जानकारी बुदनी थाना को दी गई जिसके चलते पुलिस हरकत में आई और घटना स्थल पर पहुंचे थाना प्रभारी श्री पंचाल सब इंस्पेक्टर यादव जी अपने सहयोगी स्टाप सहित घटना स्थल पर पहुंचे एवम रेकवार के बयान दर्ज कर कार्यवाहीं करते हुए चार लोगों मे से एक को गिरफ्तार किया, तीन लोगों की तलाश जारी है।

२५०० हजार के.जी.हाई बोलटेज लाईन से झुलसा व्यक्ति

तहसील प्रमुख // हरिशंकर कदम (बुदनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)

तहसील प्रमुख से सम्पर्क 9098676150

बुदनी। रेल्वे स्टेशन पर उस समय अफरा तरफी मच गई जिस समय एक व्यक्ति 2500 हजार के.जी. लाईन की चपेट आ गया। दादर अमृतसर 1057 इटारसी से भोपाल की ओर जाने वाली गाड़ी में लतिफ नामक व्यक्ति उस समय घटना का शिकार हो गया जब गाड़ी बुदनी रेल्वे स्टेशन पर रूकी और लतिफ ट्रेन के ऊपर जा चढ़ा, होशंगाबाद निवासी ट्रालीमेन शंख हमिद के अनुसार लतिफ ट्रेन के ऊपर चढऩे के कारण रेल्वे हाई बोलटेज लाईन की चपेट मे आ गया, सूचना पर पहुंची पुलिस ने लतिफ को बुदनी हास्पिटल पहुंचाया जिसे बुदनी से जिला अस्पताल भर्ती किया गया।

Monday, December 6, 2010

कस्बा कोरांव मे मच्छरों से जनता परेशान

ब्यूरो प्रमुख उ.प्र.// सूर्यनारायण शुक्ला (इलाहाबाद// टाइम्स ऑफ क्राइम) ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9936229401
कस्बा कोरांव/ इलाहाबाद, नगर पंचायत कोरांव प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग की मूकदर्शता के चलते तथा सफाई के अभाव मे एवं दवाओं के छिड़काव न होने से नगरवासियों एवं ग्रामीणों के नन्हें-मुन्ने बच्चों छात्रों आदि नागरिकों का जीना दुश्वार हो गया है।कोरांव के समस्त मुहल्लों मे स्थित नालियों एवं कूड़ा खानो तथा मुहल्ले मे मच्छर नाशक दवाईयों की सफाई के साथ-साथ दवाईयों का छिड़काव न होने से मच्छरों का आतंक निरंतर बढ़ता जा रहा है। रात हो या दिन मच्छरों के प्रकोप से लोग त्रस्त है और संक्रामक बिमारियों का सामना कर रहे है। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से दवा का छिड़काव कराकर जनता को राहत देने की मांग की है।

एम्स नई दिल्ली में गये हुए बिना भर्ती मरीजों तथा परिजनों को ठहरने की घोर समस्या

ब्यूरो प्रमुख उ.प्र.// सूर्यनारायण शुक्ला (इलाहाबाद// टाइम्स ऑफ क्राइम) ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9936229401
इलाहाबाद. कोरांव इलाहाबाद प्राप्त जानकारी एवम प्रत्यक्ष दर्शित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान अंसारी नगर नई दिल्ली जो भारत का एक बहुचर्चित एवम् प्रत्येक अंगों के इलाज के लिए आर्युविज्ञान संस्थान के रूप में केन्द्रसरकार द्वारा संचालित है, उसमें बिना भर्ती हुए मरीजों तथा साथ में गये हुए परिजनों के लिए ठहरने तक के लिए कोई सुविधा नहीं है। जिससे दूर दूर से पहुंचने वाले मरीजों तथा परिजनों को विशेष परेशानियों से गुजर करना पड़ता है। इसका प्रमुख कारण वहां पर तैनात गार्डों की बदसलूकी का होना है। प्राय: यह देखा गया कि विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीज येने केन प्रकरेण अस्पताल तो पहुंच जाता है और जैसे ही गेट के अन्दर छटपटाते मरीज एवं बिलखते परिजन अपने साथ झोला बैग लेकर अस्पताल ग्राउन्ड मे रखने लगते है, तभी वहां टहलते घूमते कई गार्ड पहुंच जाते है और वे मरीजों तथा परिजनों को डॉटना फटकारना चालू कर देते है, और कहते है हटो यहां से हटाओं ये सभी समान बाहर ले जाओ। जहां भी मरीज अपना सामान रख देते है, वहां पहुंचकर झोला बैग फेकना शुरू कर देते है। कई जगह ठोकरे खाते-खाते जब मरीज तथा साथ मे गये हुए परिजन फुटपाथ पर बैठ जाते हैं, तो वहां पर भी सुरक्षा गार्ड जो वर्दी लगाये रहते है। वे अपने हाथ से झोला फेकने लगते है। तमाम गिड़गिड़ाने पर भी जरा सी रहम नाम की चीज इन सुरक्षा गार्डो को नही आती है। कभी- कभार यह भी होता है कि इन तमाम समस्याओं से आजिज होकर मरीज तथा साथ गये हुए परिजन अपना झोला बैग लेकर बिना इलाज के ही चले जाते हैं। कैन्टीन जो एम्स परिसर में है उसमें मनमाना पैसा भोजन के लिए लिया जाता है। च

सूचनाधिकार: साल भर से वांछित सूचनायें देने हेतु टालमटोल कर रहे प्रभागीय वन निदेशक

ब्यूरो प्रमुख उ।प्र.// सूर्यनारायण शुक्ला (इलाहाबाद// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9936229401
कोरांव इलाहाबाद। जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 को सामाजिक वानिकी वन प्रभाग प्रभागीय निदेशक इलाहाबाद के जन सूचनाअधिकारी महत्व नहीं देेते जो चर्चा का विषय बना हुआ है।ज्ञात हो कि ए।ए। सिद्दी की पत्रकार ने आर.टी.आई के तहत उक्त निदेशक के जन सूचनाधिकारी से वन विभाग का कुछ आवश्यक सूचनाएं वर्ष 2009 मे मांगी थी। जो कोरांव रेंज में मनरेगा की धनराशि से कराये गये कार्य व स्थलों, व्यय प्रपत्र तथा कुछ जी. ओ जिसमें एक ही जिले कार्यालय में 25-30 वर्ष से कुछ कर्मियों को तैनात कर बंधुआ बना दिया गया है व कुछ अवैध खनन से संबंधित पेपर्स मांगे गये थे। इन संदर्भ में सूचना न देने पर प्रमुख वन संरक्षक उ.प्र. लखनऊ से भी वांछित सूचनाएं मांगी गयी। उन्होंने जन सूचनाअधिकारी प्रभागीय निदेेशक सा.वा.वन प्रभाग इलाहाबाद को वांछित सूचनाएं मुहैय्या कराने का स्पष्ट आदेश दिया था। सूचना देने में फंस रही कुछ गर्दनों से उक्तनिदेशक ने आनाकानी की। सूचना माँगकत्र्ता ने प्रदेश के वन मंत्री, प्रमुख सचिव वन आदि सक्षम वनाधिकारी व अपीलीय वनाधिकारी वन संरक्षण इलाहाबाद वृत्त इलाहाबाद से की है।इस संदर्भ में अपीलीय वनाधिकारी ने वन निदेशक को सूचनाएं प्रदान करने का फैसला सुनाया। इस पर भी उक्त जन सूचनाअधिकारी ने सूचनाएं देने के लिए व समय नष्ट करने के लिए पच्चास हजार रूपये की मांग इस आशय से सूचना मांग कत्र्ता को पत्र देकर किया। की उक्त सूचनाएं देने मे पच्चास हजार रूपए लगेगा और जमा करने पर ही सूचना मिलेगी। अपीलीय अधिकारी से पुन: उक्त डिमान्ड राशि की शिकायत की गयी और उक्त यह अवगत कराया गया कि सूचना देने हेतु प्रति पेज 2 रूपया ही प्राप्त करने का प्राविधान है। तब जाकर प्रभागीय वन निदेशक सूचनाधिकारी सूचना देने हेतु हामी भरे और सूचना मांगकत्र्ता ने 18.11.2010 को एक सौ रूपया मनीआर्डर भेजा। और पुन: प्रार्थना पत्र भेजा। उक्त धनराशि निदेशक कार्यालय को वापस भेज दी गयी।

पत्रकार उत्पीडऩ मामला: डी.जी.पी. और आई.जी. से निष्पक्ष विवेचना की मांग।

थाना कोरांव से विवेचना ट्रांसफर करने का आई।जी। ने दिया आश्वासन
ब्यूरो प्रमुख उ।प्र।// सूर्यनारायण शुक्ला (इलाहाबाद// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9936229401
इलाहाबाद। कस्बा कोरांव इलाहाबाद ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उ.प्र. इलाहाबाद के जिला उपाध्यक्ष ने 26 नवम्बर को पत्रकार उत्पीडऩ प्रकरण की उच्चन्यायालय इलाहाबाद के आदेश पर प्रदेश के डी.जी.पी. के निर्देश पर चल रही गैर जनपद के पुलिस अधिकारी से जांच को निष्पक्षता पूर्वक कराने व जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उसी केस-प्रकरण से क्षुब्ध होकर तत्कालीन थानाध्यक्ष कोरांव द्वारा स्वयं वादी मुकदमा बन कर थाना कोरांव में दर्ज कराई गयी। प्राथमिकी को पुलिस थाना कोरांव से विवेचना हटाकर विशेष जांच प्रकोष्ठ से विवेचना कराने की मांग की है।अवगत हों कि अवैध खनन से नष्ट हो रहे वन, पर्यावरण की क्षति संबंधित खबरें ग्रा.प.ए उपाध्यक्ष अहमद सिद्दीकी ने प्रकाशित कराई थी और शिकायतें भी की थी। जिससे यू.पी.एम.पी. सीमा के म.प्र. के वन विभाग ने अभियान चलाकर परथर वन माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाहीं की ट्रके जब्त हुयी कुछ ने जमानतें करायी और इस कारण धंधा बन्द होने से व थाना कोरांव पुलिस की लाखों रूपये की माहवारी रूकने से क्षुब्ध होकर व एक राय होकर माफियाओं, थाने के दलालों ने जाने से मारने झूठे केसो में फंसाने का प्रयास किया। जिसकी सूचना प्रदेश के डी.जी.पी. को भी दी। अमल न होने पर पत्रकार ने हाईकोर्ट की शरण ली।उच्वन्यायालय ने डी.जी.पी. को याचिका विनिश्चित करने का आदेश दिया और डी.जी.पी. ने आई.जी. जोन इलाहाबाद को। गैर जिले के पुलिस अधिकारी को जांच का आदेश दिया। वर्तमान मे जांच प्रतापगढ़ जिले के एक पुलिस उपअधीक्षक कर रहे है। उसी केस से जुड़े प्रकरण की विवेचना थाना कोरांव के पुलिस चौकी इंचार्ज कर रहे है। किन्तु न्यायालय के मेटर व एक पुलिस थानाध्यक्ष और पत्रकार मामले को लेकर जांच अधिकारी व विवेचक असमंजस में है। पत्रकार ने पुलिस के आलाअफसरों से पुलिस जांच अफसरों -विवेचक पर निष्पक्षता पूर्वक जांच न करने का आरोप लगाया है और रंजिशन थाना कोरांव थानाध्यक्ष कोरांव द्वारा दर्ज कराई गयी, गुण्डा टैक्स लेने के मुकदमें की विवेचना कोरांव पुलिस से हटाकर एस.आई.एस. से कराने की मांग भुक्तभोगी पत्रकार ने आई.जी.जोन इलाहाबाद से 26 नवम्बर को किया। आई.जी. ने आश्वासन दिया है। साथ ही डी.जी.पी. को भी उक्त आशय का एक पत्र पत्रकार ने डाक से भेजा है। कोरांव पुलिस के विवेचक अपने पूर्व थानेदार द्वारा दर्ज कराई गई पत्रकार के विरूद्ध विवेचना कर कैसे पत्रकार कर नाम हटाये और कैसे अपने थानेदार को गलत साबित करें। यह सांप छुछन्दर का हाल बना है। क्योंकि निष्पक्ष जांच कार्यवाहीं न होने पर यह केस पुन: हाईकोर्ट जा सकता है, जांच अधिकारी यदि निष्पक्ष जांच विवेचना करेंगे तो निश्चय ही निर्दोष बचेगा, दोषी फंसेगा अन्याय नहीं होगा। मजेदार बात तो यह है कि पूर्व एस.ओ. कोरांव अजय सिंह भी इस समय वकीलों पर लूट-मारपीट करने के मुल्जिम है व निलंबित है तथा फरार है। पत्रकारों-वकीलों का उत्पीडऩ करने में माहिर दरोगा है देखना है पुलिस क्या न्याय दिलाती है।

आखिर गुरू शिष्या का रिश्ता शर्मसार हुआ, माफी मांगी।

ब्यूरो प्रमुख उ।प्र.// सूर्यनारायण शुक्ला (इलाहाबाद// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9936229401
इलाहाबाद कस्बा कोरांव मे स्थित 27 नवम्बर को उस समय एक प्रेमी शिक्षक एवं छात्रा को रंगरेलिया मनाते लोगों ने पकड़ लिया जब ये दोनो अपने विद्यालय से फुर्सत होकर मुहल्ला चमनगंज मे स्थित अपने आवास पर गया था। और अपनी उक्त प्रेमिका को बुलाया था।अवगत हो कि 27 नवम्बर को समय ग्राम कपासी क्षेत्र की एक लड़की कोरांव में स्थित प्राइवेट स्कूल मे शिक्षारत है और उसी स्कूल का एक युवक जो बतौर शिक्षक कार्यरत है तथा राजनीति करता है। योजनाबद्ध तरीके से गुरू ने अपने अपनी शिष्या प्रेमिका को अपने सुनसान कमरे मे बुलाया था। जैसे ही ये दोनो बंद कमरे अपनी मुहब्बत को परवान चढ़ाने लगे वैसे ही आस पास के कुछ बच्चों ने उन दोनो की हरकत को देखकर अगल बगल के लोगों को सूचित कर दिया, अन्तोगत ये दोनो मुहल्लेवालो के हत्थे चढ़ गये ,आखिरकार दोनो जोड़ो ने मुहल्लेवालों से हाथ पैर जोड़कर तथा आरजू विनती करके भविष्य मे ऐसी गलती न करने को तैयार हो गये, आगे बात न बढ़े तथा घर एवं रिश्तेदारी तथा थाने तक बात न पहुंचे, लोगों ने दया दृष्टि के साथ उन लोगों को छोड़ दिया । उक्त युवक अथवा शिक्षक गाढ़ा क्षेत्र का बताया जाता है तथा कस्बा कोरांव में अपना निजी मकान बनवा लिया है। और एक राजनीति पार्टी मे शामिल होकर नेतागिरीकी शुरूआत भी की थी। लेकिन उक्त हरकतों से कस्बा वासियों के निगाह मे नेताजी घटिया किस्म घोषित हो गए। प्रेमिका किसी तरह तो अपने घर चली गई लेकिन अपने ऊपर उस मुहल्ले और विद्यालय में एक अपनी गलत पहचान प्रदर्शित कर गयी। उक्त वारदात को लेकर कस्बे मे तरह-तरह की चर्चायें व्याप्त है।

सिंगरौली- सौ मीटर केबिल चोरी

रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली// टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
सिंगरौली! थाना मोरवा क्षेत्रान्तर्गत एनसीएल झिंगुरदह परियोजना के सीएचपी से 22 नवम्बर की रात को अज्ञात चोरों द्वारा 100 मीटर केबिल चोरी कर केबिल पार कर दिया था। झिंगुरदह परियोजना के प्रधान सुरक्षा प्रहरी हरिवंश सिंह यादव की रिपोर्ट में मोरवा पुलिस जॉंच में लग गई। जिसमें मोरवा टीआई अनिल उपाध्याय के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम को बीते रात सफलता हाथ आई। पुलिस को मिली सूचना पर पुलिस ने सर्किट हाउस रोड में दबिस देकर केबिल के साथ सत्य कुमार पुत्र विजय चौधरी, शोभनाथ पुत्र शंकरलाल यादव, सुखचैन चौधरी पुत्र रामलाल चौधरी को रंगे हाथ पकड़ लिया और धारा 379 कायम कर बैढऩ न्यायालय में भेज दिया गया, जिसमें पुलिस टीआई अनिल उपाध्याय, एसआई बी.एन. सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक राम उजागर विष्वकर्मा आदि का योगदान सराहनीय रहा।

अमलोरी परियोजना के खदान क्षेत्र में शॉवेल जली

रिपोर्टर // बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क : ९९२६३ ३३४७०
सिंगरौली! अमलोरी परियोजना खदान क्षेत्रांतर्गत कार्यरत दो शॉवेल धूं-धूंकर जलती रही और परियोजना के किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी ने ध्यान नहीं दिया। करोड़ो की लागत से खरीदी गई उक्त शॉवेल में आग लगने से परियोजना एवं एनसीएल को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। वहीं उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। एनसीएल अमलोरी परियोजना में लगी शॉवेल में अचानक आग भड़कने से श्रमिकों की भीड़ एकत्रित हो गई। श्रमिकों में शॉवेल में आग लगने से तरह-तरह की चर्चाओं का माहौल व्याप्त रहा। चर्चाओं में शामिल था कि शॉवेल कुछ दिनों पूर्व ही परियोजना में एनसीएल मुख्यालय सिंगरौली द्वारा लाया गया था। हादसे की वजह सही मेन्टेनेंस न होना, हाइड्रोलिक सिस्टम में लिकेज आदि माना जा रहा है। शॉवेल में भड़की आग की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

मालगाड़ी से एक हजार लीटर डीजल गायब

रिपोर्टर // बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क : ९९२६३ ३३४७०
सिंगरौली, बीती रात एनसीएल जयन्त से बीजपुर जाने वाली मालगाड़ी के इंजन से एक हजार लीटर डीजल चोरी हो जाने की खबर है। घटना की सूचना मिलते ही पहुॅंचे सुरक्षा गार्डो का दल मौके पर पहुंचता तब तक विलम्ब हो चुका था। बताया जाता है कि इतने बड़े पैमाने पर डीजल चोरी होने से विभाग में खासा हड़कम्प मच गया है। वहीं क्षेत्र में किसी गिरोह के सक्रिय होने की चर्चाएं व्याप्त है। बताया जाता है कि बीते छ: माह में कई बार मालगाड़ी रोक कर डीजल निकालने की घटनाएं हो चुकी है। क्षेत्र में आये दिन हो रही डीजल एवं कोयला की तस्करी से एक बार फिर माफियाओं के सक्रिय होने की कोशिश बतायी जा रही है।

सिंगरौली में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

रिपोर्टर // बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
सिंगरौली, वारदात विन्ध्यनगर थाना क्षेत्रांतर्गत ढ़ोटी ग्राम में 27 अप्रैल 2008 की है। जिसमें विवाहिता की आग से जलने के बाद नेहरू चिकित्सालय जयन्त में 19 मई को दम तोड़ दिया था। पसत्र प्रकरण 175/2010 संस्थिता 25/08 के सम्बन्ध में एडीपीओ श्री पाण्डेय ने विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने जानकारी में बताया कि लगभग दो वर्ष पूर्व हुए इस प्रताडऩा व विवाहिता संग क्रूरतम व्यवहार में रीता उर्फ आरती पुत्री सेतलाल का विवाह ढ़ोटी निवासी लालजी शाह के पुत्र रामबाबू से लगभग सात वर्ष पूर्व होना बताया जाता है। महज एक वर्ष के उपरांत ही विवाहिता रीता उर्फ आरती पर क्रूरता व दहेज 70 हजार रूपये की मांग को लेकर ससुराल वालों द्वारा बर्बरता बरपाना शुरू हो गया। कई मर्तबा इसकी शिकायत पर रीता के परिजनों तथा ससुराल पक्ष के मध्य सुलह समझाईश का भी दौर जारी रहा। यहां तक की पुलिस से भी हस्तक्षेप कराया गया था। घटना दिनांक के पूर्व भी विवाहिता संग क्रूरता बर्ती गयी थी। अंतत: इस 27 अप्रैल, 08 को ससुराल पक्ष के लोग जिनमें सास, ससुर तथा पति भी शामिल थे ने इस प्रकरण को समाप्त करने की ठानी। वहीं रीता उर्फ आरती के हाथ पकड़ मिट्टी का तेल डाल उसे फुंक डाला। गंभीर हालत में उसे नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान 19 मई, 08 को विवाहिता ने दम तोड़ दिया। पुलिस व तहसीलदार ने अग्निदग्धा का पूर्व में चिकित्सा के दौरान बयान दर्ज किया था। जिस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्त में ले लिया। वहीं चालान व्यायालय समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय में विभिन्न साक्ष्यों की सुनवाई उपरांत आरोपियों का दोष सिद्ध पाया। एडीजे प्राणेश कुमार प्राण ने आरोपी लालजी साहू तनय रामचरित्र, श्रीमती सुकवरिया पत्नी लालजी तथा रामबाबू पुत्र को भादवी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किया। वहीं पॉंच सौ रूपये का अर्थदण्ड से भी दण्डित किए जाने का फरमान सुनाया। भादवी धारा 498 के तहत भी एक वर्ष का कारावास तथा सौ रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

व्यवसायी हत्याकांड के मामले में बरगवां थाने का घेराव

रिपोर्टर // बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
सिंगरौली - ब्रगवां थानान्तर्गत एक व्यावसायी हीरालला गुप्ता के साथ लूटपाट व समझौता कर नृशंस हत्या कर देने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ बल्कि व्यवसायियों में अभी भी आक्रोश इस बात की है कि नृशंस हत्या के आरोपियों को आज तक न तो पकड़ा गया और न ही दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई और हत्या का सह देने वाले टी.आई. को पुन: बहाल कर बरगवां थाने में तैनात किया गया। जिसके विरोध में बरगवां के व्यवसायियों ने बरगवां बाजार बंद कर थाने का घेराव करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जब मृतक हीरालला के पुत्र मुकेश कुमार से जानकारी ली गई तो बताया कि 12 सितंबर को उसके पिता एवं अन्य के साथ बरगवां थाने के करीब कुछ व्यक्तियों द्वारा लूटपाट की गई, थाने में जाने पर पुलिस द्वारा मनमानी समझौता कराया जाकर थाने के समीप ही लूटपाट के आरोपियों द्वारा व्यवसायी हीरालाल ने घटना स्थल में ही दम तोड़ दिया और दो को घायल हालत में छोड़ा गया और उक्त घटना को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गये। जिसमें आरोपी को भगाने में पुलिस का हांथ था, जिसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को दी गई थी। उन्होंने बताया कि बरगवां टी.आई. के.के. चतुर्वेदी एवं एस.आई. शिवराम जागरा को निलंबित कर दिया गया था, इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा आष्वासन दिये जाने के बावजूद न तो दोषी पुलिस अधिकारी पर मुकदमा दर्ज किया गया और न ही हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जिससे पीडि़त पक्ष बार-बार अपनी न्याय की गुहार लगाता रहा। इसके बावजूद कोई भी कार्यवाही आज तक नहीं की गई और घटना के दोषी टी.आई. के.के. चतुर्वेदी को आरोपियों को पकडऩे एवं बरगवां थाने में पुन: तैनात किया गया है जो आम जन मानस को मान्य नहीं है। इस पूरे घटना क्रम को लेकर बरगवां क्षेत्र के नागरिक एवं प्रमुख दलों के नेताओं एवं समस्त व्यवसायियों ने निर्णय लिया है कि बरगवां बाजार बंद रहेगा और थाने का घेराव कर व्यवसायी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग तथा थानेदार को बरगवां थाने से तत्काल हटाये जाने के बाद ही व्यवसायी आंदोलन प्रदर्शन बंद करेंगे।

Monday, November 29, 2010

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आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
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