राज्य शिक्षा केन्द्र के छात्रावास एक दर्जन से अधिक छात्रावासो में नियम विरूद्ध नियुक्तियां |
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बैतूल संवाददाता // अशोक झरबड़े : 9424554933
बैतूल तक आकर काम करती है छात्रावास की बेटिया , अधीक्षिकाओं के पतियों की मौज मस्ती केन्द्र
बैतूल, इसे महज दुर्रभाग्य कहा जाए कि मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से 60 लाख रूपये के वार्षिक बजट वाले चार कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास एवं २८ लाख के वार्षिक बजट वाले ११ बालिका छात्रावासो में नियम विरूद्ध नियुक्तियां सबसे बड़ी त्रासदी का कारण बनी है।
चिल्लौर बालिका छात्रावास की 3 अधीक्षिकाओ को सिर्फ उनके पतियों की आवाजाही एवं छात्रावास में अनावश्क्य हस्तक्षेप के चलते हटाया गया लेकिन आज भी इस छात्रावास में अधीक्षिका श्रीमति लता मरकाम के पति राकेश लांजीवार की आवाजाही बंद नहीं हो सकी है। अधीक्षिका के पति की चौपहिया गाड़ी हमेशा छात्रावास परिसर में मौजूद रहती है। ऐसा सब इसलिए हो रहा है क्योकि अधीक्षिका के पति महोदय राज्य शिक्षा मिशन के आला अफसरो से लेकर बीआरसी कार्यालय भीमपुर तक को उपकृत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।
बीजादेही का मोह नहीं छोड़ रही राधा धुर्वे
शिकायतो पर हटाने के बाद फिर से कुर्सी पर !
बीजादेही की कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका श्रीमति राधा धुर्वे को दिसम्बर २०१४ में कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास का प्रभारी बनाया गया था उसके बाद उसे वहां से गंभीर शिकायतो के चलते हटाया गया। उसकी जगह पर तत्कालिन भाजपा जिला महामंत्री श्री राम भलावी की बेटी श्रीमति किरण भलावी को बीजादेही की अधीक्षिका पद पर भाजपा शासन के केबिनेट मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री लाल सिंह आर्य की अनुशंसा पर नियुक्त किया गया
लेकिन श्रीमति राधा धुर्वे के इशारे पर हुए तथाकथित विरोध प्रदर्शन एवं छात्राओ के बैतूल आकर जिला कलैक्टर को ज्ञापन देने के चलते बीजादेही की अधीक्षिका न बनाते हुए उसे एकलव्य बालिका छात्रावास शाहपुर की अधीक्षिका बनाया गया लेकिन वहां से भी छात्राओ की शिकायत के बाद एकलव्य से श्रीमति किरण भलावी की बिदाई हो गई। लम्बे समय तक केवल छात्रावासो की अधीक्षिका बनने एवं हटने का श्रीमति भलावी का रिेकार्ड को छूने का काम श्रीमति राधा धुर्वे करने जा रही है। मौजूदा समय में श्रीमति धुर्वे ने तीसरी बार बालिका छात्रावास बीजादेही की अधीक्षिका बन गई।
बीते तीन वर्षो से अधिक समय 9 बालिका छात्रावास अधीक्षिका
9 में एक जिला पंचायत उपाध्यक्ष की भाई बहू भी शामिल
इसी कड़ी में २०१४ एवं २०१५ से राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा बैतूल जिले में संचालित 15 बालिका छात्रावासो में से 9 ऐसी है जो वर्ष २०१५ से फेविकोल के जोड़ से कुर्सी पर चिपकी हुई है। 9 अधीक्षिका में जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश फाटे सभापति शिक्षा समिति के छोटे भाई पवन फाटे की पत्नि श्रीमति प्रीति पवन फाटे भी सदर बालिका छात्रावास की अधीक्षिका के पद पर कार्यरत है।
इसी कड़ी में दुनावा बालिका छात्रावास की श्रीमति मुक्ता पंवार, सुश्री रफत अली बेगम बाकुड बालिका छात्रावास , सुश्री नसीम खान कुनखेड़ी बालिका छात्रावास , श्रीमति सुनीता नरवरे कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास माण्डवी , श्रीमति गीता सेलकरी बालिका छात्रावास चिल्कापुर, श्रीमति भारती अनवाने बालिका छात्रावास शाहपुर, श्रीमति सुजाता उइके बालिका छात्रावास गोधना अधीक्षिका के पद पर कार्यरत है। नियुक्ति समिति एवं राज्य शिक्षा केन्द्र की गाईड लाइन के अनुसार अधीकतम 3 वर्ष के लिए अविवाहित , विधवा, तलाकशुदा महिला को प्राथमिकता के आधार पर इन छात्रावासो की अधीक्षिका बनाया जाना था लेकिन मात्र दो अल्प संख्यक समुदाय सुश्री रफत अली बेगम एवं सुश्री नसीम खान को छोड़ कर सभी अधीक्षिकाओ के बाल बच्चे एवं पति है।
बच्चो की देख रेख एवं घरो का काम
करती छात्रावास की नाबालिग छात्राए
चिल्लौर की बालिका छात्रावास की अधीक्षिका श्रीमति लता मरकाम बैतूल में अपने निवास पर हर शनिवार दो चार छात्रााओ को पति के चौपहिया वाहन में लेकर आती है। दो दिन शनिवार - रविवार श्रीमति लता मरकाम के घर पर बर्तन से लेकर झाडू - पोछा एवं बाजार तक में साग - भाजी का झोला लेकर श्रीमति लता मरकाम एवं उनके पति राकेश लांजीवार के संग आती - जाती देखी जा सकती है। इसी कड़ी में अन्य छात्रावासो की भी छात्राओ से घरेलू कार्य करवाने की शिकवा - शिकायते आम बात हो चुकी है। कई बार तो बाल श्रम की तस्वीरे भी सामने आई लेकिन मीडिया में ऐसी तस्वीरो का छापा नहीं गया। बैतूल जिले की अधिकांश बालिका छात्रावास की अधीक्षिकाओं को उनके पदो से इसलिए नहीं हटाया जा सका क्योकि उनके पतियों एवं रिश्तेदार ऊंचे लोग ,ऊंची पसंद के रूप में अपनी पहचान बनाने हुए है।
छात्रावास मे छात्राओ के पिता के बदले
अधीक्षिकाओ के पतियों की आवाजाही
साप्ताहिक अवकाश के दिनो में दिन भर इन छात्रावास में पढऩे वाली छात्राओं के पालको के मेल - मुलाकात का दिन होता है लेकिन छात्रावास परिसर में कुर्सी तोड़ते अधीक्षिकाओं के पतियो के जलवे देखने लायक होते है। पलंग पर पांव लम्बे करके जाम झलकाते अधीक्षिकाओ के पतियों को देखना अब आम बात हो चुकी है। कहने को तो इन छात्रावासो में पांच बजे के बाद किसी भी पुरूष का प्रवेश निषेध है फिर चाहे वह छात्रा का पालक हो या छात्रावास अधीक्षिका का पति लेकिन नियम सिर्फ औरो के लिए होता है अपने तो दिवाल तोड़ कर आए या गेट खोल कर उन्हे कौन रोक सकता है।
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