ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा (होशंगाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
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शराब दुकान पर छापामार कार्यवाही पुलिस विभाग के अधिकारियों के लिए गले की फ ांस बनती जा रही है। पिछले दिनों पुलिस ने आईटीआई रोड व ग्वालटोली स्थित शासकीय देशी मंदिरा दुकान पर कार्यवाही कर वहां मिले लोगों को पकड़ा था और शहर में जुलूस निकाला था। जनता ने पुलिस की इस कार्यवाही को मानवाधिकार का हनन बताया। वहीं जानकारों का कहना है कि पुलिस ने आबकारी एक्ट के नियमों के विरूद्ध जाकर कार्यवाही की है यह न्यायोचित नहीं है।कार्यवाही को लेकर डीजीपी, प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व जनता ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पीडि़तों ने कार्यवाही के विरोध में मप्र मानव अधिकार आयोग सहित मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी को शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही देख रहे वहां खड़े बेकसूर लोगों पर भी जबरन कार्यवाही कर सरेराह जलील किया। पुलिस ने जिन लोगों पर कार्यवाही की उनमें कुछ जनप्रतिनिधि भी है। शिकायत पत्र में लेख है कि एसपी व एक एसआई द्वारा लोगों के साथ मारपीट की जा रही थी। एसपी ने अपने अधिकार का दुरूपयोग कर पहले तो पीडि़तों व वहां उपस्थित अन्य लोगों को मुर्गा बनाया व बाद में सिर पर शराब की बोतल रखकर पूरे शहर में घुमाते हुए थाने तक लाया गया। साथ ही जातिगत रूप से अपमानित भी किया गया है। एक पुलिसकर्मी द्वारा उन्हें बेल्ट से भी मारा गया। पीडि़तों ने बताया कि मानव अधिकार का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। उक्त घटना की शिकायत प्रार्थी ने होशंगाबाद थाने में दर्ज करानी चाही परंतु दर्ज नहीं की गई। शिकायत पत्र में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है।- - मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात - पीडि़तों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व डीजीपी से मुलाकात कर एसपी व एसआई की शिकायत की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री व डीजीपी ने दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।- इन्हें भी की शिकायत - पीडि़त ने मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा संगठन मंत्री, प्रभारी मंत्री, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष, नर्मदापुरम संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर को शिकायत की है।
शराब दुकान पर छापामार कार्यवाही पुलिस विभाग के अधिकारियों के लिए गले की फ ांस बनती जा रही है। पिछले दिनों पुलिस ने आईटीआई रोड व ग्वालटोली स्थित शासकीय देशी मंदिरा दुकान पर कार्यवाही कर वहां मिले लोगों को पकड़ा था और शहर में जुलूस निकाला था। जनता ने पुलिस की इस कार्यवाही को मानवाधिकार का हनन बताया। वहीं जानकारों का कहना है कि पुलिस ने आबकारी एक्ट के नियमों के विरूद्ध जाकर कार्यवाही की है यह न्यायोचित नहीं है।कार्यवाही को लेकर डीजीपी, प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व जनता ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पीडि़तों ने कार्यवाही के विरोध में मप्र मानव अधिकार आयोग सहित मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी को शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही देख रहे वहां खड़े बेकसूर लोगों पर भी जबरन कार्यवाही कर सरेराह जलील किया। पुलिस ने जिन लोगों पर कार्यवाही की उनमें कुछ जनप्रतिनिधि भी है। शिकायत पत्र में लेख है कि एसपी व एक एसआई द्वारा लोगों के साथ मारपीट की जा रही थी। एसपी ने अपने अधिकार का दुरूपयोग कर पहले तो पीडि़तों व वहां उपस्थित अन्य लोगों को मुर्गा बनाया व बाद में सिर पर शराब की बोतल रखकर पूरे शहर में घुमाते हुए थाने तक लाया गया। साथ ही जातिगत रूप से अपमानित भी किया गया है। एक पुलिसकर्मी द्वारा उन्हें बेल्ट से भी मारा गया। पीडि़तों ने बताया कि मानव अधिकार का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। उक्त घटना की शिकायत प्रार्थी ने होशंगाबाद थाने में दर्ज करानी चाही परंतु दर्ज नहीं की गई। शिकायत पत्र में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है।- - मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात - पीडि़तों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व डीजीपी से मुलाकात कर एसपी व एसआई की शिकायत की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री व डीजीपी ने दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।- इन्हें भी की शिकायत - पीडि़त ने मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा संगठन मंत्री, प्रभारी मंत्री, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष, नर्मदापुरम संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर को शिकायत की है।