गवाहो का अवसर समाप्त करने एवं फरियादी के आवेदन को किया निरस्त
toc news internet channel (टाइम्स ऑफ क्राइम)
बैतूल। ''मैं इस जिले का मालिक हँू जो चाहुंगा वहीं होगा एक महिने के अंदर इसे जिले के बाहर करके ही दंभ लूंगा ...... उक्त धमकी भरी बाते बैतूल जिले के विवादास्पद जिला कलैक्टर विजय आनंद कुरूील ने विगत 28 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अग्रणी बैतूल जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक पंजाब केसरी के बैतूल ब्यूरो रामकिशोर पंवार को दी। श्री पंवार के विरूद्ध दर्ज चौदह मामलो में ऐसे कोई भी संगीन अपराध नही है जिससे किसी को जान माल का खतरा हो तथा श्री पंवार उन मामलो में से 12 मामले में न्यायालय द्वारा बरी किये जाने के बाद भी उसके खिलाफ वैमनस्ता पूर्वक जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है।
श्री पंवार का बीते दो वर्ष पूर्व 26 अप्रेल 2009 में एक वाहन दुर्घटना में अपंगता आ गई थी। बैतूल जिला चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड द्वारा 45 प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किये जाने तथा दो वर्षो तक इलाज करवाये जाने के प्रमाण पत्र के बाद भी कलैक्टर द्वारा दो वर्षो से डाक्टरो की सलाह पर बेड रेस्ट एवं इलाज करवा रहे पत्रकार श्री पंवार को परेशान करने की नीयत से उसके खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है। ताजी घटना के अनुसार जब अपनी पेशी पर उपस्थित हुये पत्रकार रामकिशोर पंवार को जिला कलैक्टर - जिला मजिस्टेज द्वारा पेशी के दौरान अपामानित करते हुये धमकी दी कि वे किसी भी सूरत में इसे जिला बदर करके ही दंभ लेगें। प्रकरण में श्री पंवार के अधिवक्ता द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत करके गवाहो को समंस जारी करके उन्हे बुलवाने का अनुरोध किया गया जिसे निरस्त करते हुये कलैक्टर ने आगामी पेशी को सभी गवाहो को एक साथ बुलवा कर एक ही दिन में पूरी गवाही सुबह से शाम तक गवाही लेकर अगली पेशी के पूर्व गवाह अवसर समाप्त करके इस माह के अंत तक जिला बदर करने की धमकी तक दे डाली। अपाहिज पत्रकार अपने पुत्र के सहारे बैसाखी लेकर पेशी तारीख पर बीते एक लगभग पौन वर्ष से आ रहा है। वह एक भी पेशी पर अनु उपस्थित नही रहा।
जबकि जिला मजिस्टेज अनेक बार अनुउपस्थित रहे पूरे पौने एक साल में मात्र छै लोगो की ही गवाही हो सकी जबकि पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा अपने चाल - चरित्र एवं कार्यशैली को लेकर जिला मुख्यालय के 20 लोगो की गवाही की सूचि प्रस्तुत की गई थी। बैतूल जिला कलैक्टर एवं मजिस्टेज द्वारा पत्रकार रामकिशोर पंवार को इस तरह डराने एवं धमकाने के बाद श्री पंवार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रेस कौेंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष एवं मानव अधिकार आयोग तक शिकायत प्रस्तुत की है। पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा प्रस्तुत तीन अलग - अलग जालसाज के तीन परिवादो को न्यायालय से वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा था। श्री पंवार द्वारा प्रस्तुत परिवाद के खात्मा का दो बार पुलिस प्रयास कर चुकी लेकिन जालसाजी के मामले में न्यायालय द्वारा परिवाद को समाप्त करने के पुलिस के आग्रह को अस्वीकार किये जाने के बाद जालासाजी के आरोपियो द्वारा पुलिस एवं प्रशासन की मदद से पत्रकार रामकिशोर पंवार को परेशान किया जा रहा है। पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा प्रस्तुत जालसाजी के मामले मेें पांच आरोपियो में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा की कथित मुंहबोली मां श्रीमति उर्मिला भार्गव , दो भाई मयंक भार्गव एवं मयूर भार्गव भी जिन्हे न्यायालय द्वारा दर्ज जालसाजी के प्रकरणो में पुलिस से बचाने के लिए राजनैतिक दबाव भी प्रशासन एवं पुलिस पर डाला जा रहा है। हाल ही में बैतूल आये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष इन जालसाजी के तीन आरोपियो के घर पर रूके भी एवं वहां पर आयोजित कार्यक्रम में भाग भी लिया। इधर बैतूल कलैक्टर विजय आनंद कुरील द्वारा पत्रकार रामकिशोर पंवार को अपने न्यायालय में डराने एवं धमकाने तथा उन्हे हर हाल में एक माह के भीतर जिला बदर किये जाने की धमकी को लेकर पत्रकार संगठनो ने भी आवाज उठाई है। पत्रकार संगठनो का आरोप है कि बैतूल कलैक्टर के न्यायालय में बलातकार - हत्या - लूट - डकैती जैसे संगीन अपराधो के आदतन अपराधियो के जिला बदर के मामले नही चल रहे है और जो चल भी रहे है वे बरसो से ज्यों के त्यों पड़े हुये है। श्री पंवार को परेशान किये जाने एवं उसकी अपंगता के चलते पूरे परिवार को ही परेशान किये जाने की घटना को लेकर पत्रकार एवं पत्रकार संगठन बडे स्तर पर आन्दोलन की रूपरेखा तैयार करने में लग गये है।
श्री पंवार का बीते दो वर्ष पूर्व 26 अप्रेल 2009 में एक वाहन दुर्घटना में अपंगता आ गई थी। बैतूल जिला चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड द्वारा 45 प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किये जाने तथा दो वर्षो तक इलाज करवाये जाने के प्रमाण पत्र के बाद भी कलैक्टर द्वारा दो वर्षो से डाक्टरो की सलाह पर बेड रेस्ट एवं इलाज करवा रहे पत्रकार श्री पंवार को परेशान करने की नीयत से उसके खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है। ताजी घटना के अनुसार जब अपनी पेशी पर उपस्थित हुये पत्रकार रामकिशोर पंवार को जिला कलैक्टर - जिला मजिस्टेज द्वारा पेशी के दौरान अपामानित करते हुये धमकी दी कि वे किसी भी सूरत में इसे जिला बदर करके ही दंभ लेगें। प्रकरण में श्री पंवार के अधिवक्ता द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत करके गवाहो को समंस जारी करके उन्हे बुलवाने का अनुरोध किया गया जिसे निरस्त करते हुये कलैक्टर ने आगामी पेशी को सभी गवाहो को एक साथ बुलवा कर एक ही दिन में पूरी गवाही सुबह से शाम तक गवाही लेकर अगली पेशी के पूर्व गवाह अवसर समाप्त करके इस माह के अंत तक जिला बदर करने की धमकी तक दे डाली। अपाहिज पत्रकार अपने पुत्र के सहारे बैसाखी लेकर पेशी तारीख पर बीते एक लगभग पौन वर्ष से आ रहा है। वह एक भी पेशी पर अनु उपस्थित नही रहा।
जबकि जिला मजिस्टेज अनेक बार अनुउपस्थित रहे पूरे पौने एक साल में मात्र छै लोगो की ही गवाही हो सकी जबकि पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा अपने चाल - चरित्र एवं कार्यशैली को लेकर जिला मुख्यालय के 20 लोगो की गवाही की सूचि प्रस्तुत की गई थी। बैतूल जिला कलैक्टर एवं मजिस्टेज द्वारा पत्रकार रामकिशोर पंवार को इस तरह डराने एवं धमकाने के बाद श्री पंवार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रेस कौेंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष एवं मानव अधिकार आयोग तक शिकायत प्रस्तुत की है। पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा प्रस्तुत तीन अलग - अलग जालसाज के तीन परिवादो को न्यायालय से वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा था। श्री पंवार द्वारा प्रस्तुत परिवाद के खात्मा का दो बार पुलिस प्रयास कर चुकी लेकिन जालसाजी के मामले में न्यायालय द्वारा परिवाद को समाप्त करने के पुलिस के आग्रह को अस्वीकार किये जाने के बाद जालासाजी के आरोपियो द्वारा पुलिस एवं प्रशासन की मदद से पत्रकार रामकिशोर पंवार को परेशान किया जा रहा है। पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा प्रस्तुत जालसाजी के मामले मेें पांच आरोपियो में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा की कथित मुंहबोली मां श्रीमति उर्मिला भार्गव , दो भाई मयंक भार्गव एवं मयूर भार्गव भी जिन्हे न्यायालय द्वारा दर्ज जालसाजी के प्रकरणो में पुलिस से बचाने के लिए राजनैतिक दबाव भी प्रशासन एवं पुलिस पर डाला जा रहा है। हाल ही में बैतूल आये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष इन जालसाजी के तीन आरोपियो के घर पर रूके भी एवं वहां पर आयोजित कार्यक्रम में भाग भी लिया। इधर बैतूल कलैक्टर विजय आनंद कुरील द्वारा पत्रकार रामकिशोर पंवार को अपने न्यायालय में डराने एवं धमकाने तथा उन्हे हर हाल में एक माह के भीतर जिला बदर किये जाने की धमकी को लेकर पत्रकार संगठनो ने भी आवाज उठाई है। पत्रकार संगठनो का आरोप है कि बैतूल कलैक्टर के न्यायालय में बलातकार - हत्या - लूट - डकैती जैसे संगीन अपराधो के आदतन अपराधियो के जिला बदर के मामले नही चल रहे है और जो चल भी रहे है वे बरसो से ज्यों के त्यों पड़े हुये है। श्री पंवार को परेशान किये जाने एवं उसकी अपंगता के चलते पूरे परिवार को ही परेशान किये जाने की घटना को लेकर पत्रकार एवं पत्रकार संगठन बडे स्तर पर आन्दोलन की रूपरेखा तैयार करने में लग गये है।