रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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सिंगरौली. एनसीएल के विभिन्न परियोजनाओं में पदस्थ अधिकारियों द्वारा फर्जी अनुभव पत्र के आधार पर निविदा ठेका देने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बैढऩ न्यायालय ने परिवादी दयाषंकर चौबे के परिवाद पत्र पर पूर्व सीएमडी एनसीएल वगैरह के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तलब किया है। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर टेण्डर ठेका दिये जाने की जानकारी के तहत परिवादी दया शंकर चौबे ने बैढऩ न्यायालय में परिवाद दायर किया था। अवैध रूप से सांठ-गांठ कर फर्जी तरीके से व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर टेण्डर के माध्यम से ठेकेदारी के मामले में प्रथम सुनवाई पश्चात आरोपी ठेकेदार द्वय निर्मल चक्रवर्ती, मृणाल चक्रवर्ती जो मेसर्स पार्टनर द्वारा हाउस इंटरप्राइजेज के पार्टनर द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जिसे बीसीसीएल धनबाद द्वारा जारी होना बताकर एनसीएल सिंगरौली के विभिन्न परियोजनाओं में टेण्डर पर वर्क आर्डर लेकर कार्य किया गया। निगाही परियोजना में उपरोक्त संविदा एजेंसी द्वारा कम्पोजिट बिल्डिंग के संचालन एवं रख-रखाव कथित ठेकेदारों द्वारा किये जाने का आरोप है। इस संदर्भ में एनसीएल के सर्तकता अधिकारी विश्वजीत प्रधान व लल्लू सिंह महाप्रबंधक एनसीएल सिंगरौली को साक्षी के रूप में पेष होने व न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बैढऩ ने अपना कथन दिया, जिस पर माननीय न्यायालय ने संतुष्ट होकर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध अन्तर्गत धारा 420, 465, 120बी भादस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण क्रमांक 1941/10 के तहत पॉंच-पॉंच हजार के जमानती वारंट जारी कर न्यायालय में हाजिर होने का आदेष पारित किया गया था। परिवाद की ओर से एम.के. सिन्हा एडवोकेट ने पैरवी की।