प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर। जिला मुख्यालय पर आदिम जाति कल्याण विभाग जब से नगर को जिले का दर्जा मिला हैं तब से लेकर आज तक तक किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना रहता हैं। क्योंकि इस विभाग द्वारा अपने कार्य क प्रति कितना सजग हैं इसका अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता हैं कि आदिवासी छात्रों को डे्रस गत वर्ष जून माह से मिलना थी, वह करीब 7 माह बाद जनवरी में मिल रही हैं। वह भी सभी छात्रों को नहीं मिल रही हैं। क्योंकि कुल डें्रस 20 प्रतिशत के लिये मंगाई गई हैं। वैसे तो नगर में कडाके की ठंड पड रही हैं। लेकिन इन निर्धन छात्रों को जनवरी माह में ठंड के कपडे अभी तक प्राप्त नहीं हुये हैं। एक ओर जहंा प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में छात्रों के दर्द को समझते हुये अधिक ठंड पडने के कारण दस दिवस का शासकीय अवकाश घोषित कर दिया हैं। वहीं उनकी योजनाओं का लाभ निर्धन छात्रों को समय पर नहीं मिल रहा हैं। क्योंकि आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी कर प्रदेश सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कोर-कसोर बाकी नहीं छोड रहे हैं।
इस संबंध में जब जिला संयोजक रमाशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होने बताया कि बजट के अभाव में स्वार्टर, जूता-मौजा तथा बच्चों की डे्रस विलंब से खरीदी गई हैं। तथा शेष बचे छात्रों का शीघ्र डे्रस उपलब्ध कराने के लिये मैं शासन को पत्र लिख रहा हूॅ। डे्रस के भौतिक सत्यापन के लिये जिला प्रशासन द्वारा अभिषेक दुबे डिप्टी कलेक्टर के. के. सल्या, जिला कोषालय अधिकारी रामकुमार दुबे, जिला शिक्षा केंद्र के समक्ष माल का भौतिक सत्यापन किया गया।
इस संबंध में जब जिला संयोजक रमाशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होने बताया कि बजट के अभाव में स्वार्टर, जूता-मौजा तथा बच्चों की डे्रस विलंब से खरीदी गई हैं। तथा शेष बचे छात्रों का शीघ्र डे्रस उपलब्ध कराने के लिये मैं शासन को पत्र लिख रहा हूॅ। डे्रस के भौतिक सत्यापन के लिये जिला प्रशासन द्वारा अभिषेक दुबे डिप्टी कलेक्टर के. के. सल्या, जिला कोषालय अधिकारी रामकुमार दुबे, जिला शिक्षा केंद्र के समक्ष माल का भौतिक सत्यापन किया गया।