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बैतूल। गर्मी का चढ़ता पारा जिले में 42 को पार कर चुका हैं। ऐसे में दिन भर की गर्मी के बाद होने वाली हल्की बूंदाबांदी के तेज वर्षा में बदल जाने की संभावना से करोड़ो रूपयों का हजारो टन बैतूल जिले की विभिन्न सहकारी समितियों के कार्यालय परिसर एवं कृषि उपज मंडियों में सड़ जाने की तैयारी में हैं। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशो के बाद भी बैतूल जिले अधिकारियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं आ रही हैं। जिले की कृषि उपज मंडियो में भंडारण के लिए ट्रकों की कतार, तथा जिले की मंडियों में 30 हजार बोरे खुले आसमान के नीचे बिना किसी सुरक्षा के पड़े हुए हैं। हवा के घुमाव और स्थानीय स्तर पर बन रहे कम दबाव के चलते हर रोज मौसम तेवर बदल रहा हैं। कहीं तेज हवाएं तो कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश के आसार बन रहे हैं। मंडियो के शेड के बाहर फर्श पर लगभग 30 हजार बोरे गेहूं परिवहन नहीं होने के कारण असुरक्षित पड़ा है। सोसाइटी के कर्मचारी बताते हैं कि खुले में रखे गेहूं को न केवल बारिश से खतरा है बल्कि बोरों से गेहूं भी निकाला जा रहा है इससे सोसाइटी का नुकसान होगा। लगातार धूप में बोरे रखे होने के कारण नमी कमी हो रही है जिससे गेहूं का वजन कम होगा। दो दिन से गेहूं की खरीदी नहीं होने तथा लगातार बढ़ रही मंडियों एवं सहकारी समितियों में गेहूं की आवक ज्यादा हो गई तो पूरे जिले में स्टाक 80 हजार बोरे से ज्यादा हो जाएगा। वैसे तो कृषि उपज मंडी परिसर के एक शेड में लगभग 5 हजार टन गेहूं का भंडारण किया गया है। शेड के नीचे ढेर में रखे गेहूं के निचले हिस्से में महज तीन बोरे की कतार को पालीथीन से ढंका गया है यदि हवा के साथ तेज बारिश हो जाए तो बाहरी हिस्से की परत पूरी तरह खराब हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्र की सोसाइटियों में हजारों टन गेहूं को फटी पालीथीन के सहारे बारिश से बचाने की कवायद हो रही है। जिला मुख्यालय पर बीते कल की शाम मंडी के एक हिस्से में ओपन स्टेक के लिए 12 ट्रक कतार में लगे नजर आए तो वहीं परिसर में रखे गेहूं उठाने के लिए दो ट्रक खड़े थे। सोसाइटी कर्मचारियों के अनुसार बीते एक सप्ताह में मंडी से केवल 8 ट्रक गेहूं उठाया गया यदि नियमित परिवहन किया जाता तो यह स्थिति नहीं बनती। सोसाइटी ने गेहूं को बारिश से बचाने के लिए कुछ ढेरों को पालीथीन से ढंक दिया लेकिन यदि 15-20 मिनट जोरदार बारिश हो जाए तो करोड़ों रुपए का गेहूं खराब हो जाएगा। ऐसा हाल पूरे जिले का हैं। बैतूल जिले में इस बार प्राकृतिक आपदा के बाद भी गेहूं का बम्फर उत्पादन हुआ हैं।