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छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ का अध्यक्ष बताकर लाखों रुपये फर्जी तरीके से गबन करने के आरोप में नारायण शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में चालान पेश करने पर कोर्ट में जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई। पुलिस ने यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के वास्तविक अध्यक्ष अरविंद अवस्थी की शिकायत के बाद की है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी नारायण शर्मा ने 2008 में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के नाम से लेटर में अपने आपको अध्यक्ष बताकर शासन से पत्रकारों को गोवा टू ले जाने की बात कर और विज्ञापन के लिए 5 लाख 92 हजार 5 सौ रुपये प्राप्त कर लिया था। इस रुपये का हिसाब भी नहीं दिया गया। नारायण शर्मा द्वारा इसी लेटरहेड से अपने आपको अध्यक्ष बताकर फिर से शासन को श्रमजीवी पत्रकार संघ के लिए पत्रकार जगत नाम से पत्रिका के प्रकाशन के लिए 5 लाख, विज्ञापन के लिए 5 लाख व टेलीफोन डायरेक्टरी के लिए 2 लाख की मांग की गई थी, इसके अलावा वेबासाइट भी शुरू कर शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए 5 लाख रुपये की मांग की गई थी।
पुलिस के मुताबिक इस मांग के आधार पर शासन से 2 लाख रुपये स्वीकृत भी हो गए। इस बात का पता जब श्रमजीवी पत्रकार संघ के वास्तविक अध्यक्ष अरविंद अवस्थी को लगा तो उन्होंने शिकायत दर्ज की, जिसके बाद स्वीकृत दो लाख रुपये को नारायण शर्मा द्वारा नहीं उठाया गया। इधर इस मामले को पुलिस में ले जाते हुए अरविंद अवस्थी ने नारायण शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। इस शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के पंजीयन क्रमांक 163 का अध्यक्ष अरविंद अवस्थी पाया गया। पुलिस द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर नारायण शर्मा के खिलाफ फर्जीवाड़ा, गबन सहित अन्य पांच मामलों में अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने इस मामले में जमानत याचिका भी खारिज कर दिया है और आरोप नारायण शर्मा को जेल भेज दिया गया है।
साभार : देशबंधु