toc news internet channal
(भोपाल// टाइम्स ऑफ क्राइम)
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने आज कहा है कि म.प्र. के जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के ग्राम झीटी में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और म.प्र. सरकार के वन विभाग के अफसरों की मिली भगत से काफी अधिक लौह अयस्क के अवैध उत्खनन का घोटाला उजागर हुआ है। इसमें म.प्र. को करोड़ों रूपये का नुकसान हो चुका है। म.प्र. खनिज विकास निगम के अध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामेश्वर शर्मा ने इस बारे में केंद्रीय ऊर्जा एवं खनिज साधन राज्य मंत्री को लिखे एक पत्र में इस खनिज उत्खनन घोटाले की कर्नाटक के बेल्लारी खनिज उत्खनन घोटाले से भी बड़ा बताया है। मानक अग्रवाल ने इस खनिज उत्खनन घोटाले को अत्यंत गंभीर बताते हुए मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की है। आपने कहा है कि इस घोटाले को जानबूझ कर सुनियोचित रूप से अंजाम दिया गया है। कटनी की मेसर्स पैसिफिक एक्सपोर्ट कं. ने जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के ग्राम झीटी में 20.650 हेक्टेयर क्षेत्र में लेटराइट, आयरन और ब्लूडस्ट के उत्खनन की अनुमति मांगी थी। इस भूमि पर 1468 बड़े पेड़ थे। रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र होने के कारण यह भूमि वन संरक्षण अधिनियम 1980 की परिधि में आती है। इस कारण डीसीएफ से निरीक्षण करवाकर उनकी रिपोर्ट प्राप्त की जाना नियमानुसार आवश्यक था। इसके बाद कंपनी की मांग पर संबंधित राज्य सलाहकार समूह (एस.ए.जी.) द्वारा विचार किया जाना था, किन्तु नियमों को दरकिनार कर उक्त कंपनी को उत्खनन के लिए अनुमति दे दी गई। आपने आगे कहा है कि भारत सरकार के ही पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत जमीन के डायवर्सन अधिकारी सुजॉय बनर्जी ने राय दी थी कि इस जमीन पर उत्खनन की अनुमति देने से रिजर्व फारेस्ट के बेषकीमती वृ़क्षों और वन्य प्राणियों को भारी क्षति पहुंचेगी। उन्होंने अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन की ओर भी ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन उनकी राय पर ध्यान न देते हुए फाइल दबा दी गई। सुजॉय बनर्जी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी उत्खनन की अवैध अनुमति के बारे में पत्र लिखा था। इसके बावजूद उद्योग पतियों के दबाव में सक्षम अधिकारी की राय को एक तरफ रखकर अवैध उत्खनन को जारी रखा गया। अग्रवाल ने अवैध उत्खनन के इस बड़े घोटाले की सी.बी.आई. से जांच कराने की मांग भी की है। आपने कहा है कि छतरपुर, पन्ना, बैतूल आदि जिलों में वन भूमि पर इस प्रकार की लगभग 500 अवैध खदानों में अवैध उत्खनन चल रहा है। इसके अलावा अनुमति से अधिक भूखंड पर उत्खनन के द्वारा भी प्रदेश की खनिज संपदा की लूट का सिलसिला भाजपा राज में बदस्तूर जारी है।