वर्ष 2008 में हुए कैश फॉर वोट कांड में आज एक नया मोड़ आ गया है। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता और सांसद रेवती रमण को आरोपी बनाया है। कोर्ट ने यह फैसला मामले को खुद ही संज्ञान में लेकर किया है और 3 नवंबर को रेवती रमण को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इसी दिन बीजेपी सांसद अशोक अर्गल की भी कोर्ट में पेशी होनी है।
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस की ओर से इस मामले में दायर दूसरी चार्जशीट में अशोक अर्गल का भी नाम शामिल था। इसके साथ ही साथ इस आरोप पत्र में अमर सिंह, सुधींद कुलकर्णी और भाजपा के दो पूर्व सांसदों महावीर सिंह भगोरा और फग्गन कुलस्ते के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने इसपर पूछा था कि रेवती रमण सिंह को अब तक आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है।
इस संबंध में बचाव पक्ष के वकील ने रेवती रमण सिंह पर भाजपा सांसदों से मिलने का आरोप लगाया था और कहा था कि 22 जुलाई 2008 को विश्वास मत पर मतदान के दौरान रेवती रमण सिंह लागातार भाजपा सांसदों के संपर्क में रहे थे। मगर इस पूरे मामले में सरकारी वकीलों ने कहा कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि रेवती रमण सिंह सांसदों को रिश्वत देने की साजिश में शामिल थे। इसीलिए आरोप पत्र में इनका नाम शामिल नहीं किया गया है।
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