दो साल में पांच साल की ग्यारंटी वाली एक करोड़ 30 लाख की सडक़ प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ गधे के सिंग की तरह लापता
ब्यूरो प्रमुख // संतोष प्रजापति (बैतूल// टाइम्स ऑफ क्राइम)ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:-: 88716 46470
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बैतूल .भारत निमार्ण के तहत प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ परियोजना द्वारा बनवाई गई चोपना जोड़ से ग्राम पंचायत खापा के ग्राम मालवर (मालोर) के लिए महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण द्वारा 3 मई 2008 को शुरू की गई 4.40 किलोमीटर लम्बी सडक़ निमार्ण योजना में 17543. 0 घनमीटर वाली सडक़ पर 1755 ट्रक मिटट्ी डाल कर उसे पानी एवं रोड रोलर से बनाया गया। सडक़ का मिटट्ी आधार 2158.44 घनमीटर जो कि लगभग 239 ट्रक के बराबर है उसे पानी डाल कर रोड रोलर से दबाया गया तथा उस पर 431.68 घनमीटर मुरम डाली गई। तीन परतो में इस सडक़ में 1816.87 घन मीटर गिटट्ी डाली गई जो कि लगभग 20 ट्रक के बराबर है। एक करोड़ चालिस लाख की इस मात्र 4.40 किलोमीटर लम्बी सडक़ को बने अभी दो साल पूरे हो जाने के बाद वह पूरी तरह से दलदल बन चुकी है।
सडक़ का पूरा तीन चरणो का बेस मेंट पूरी तरह से अपनी जगह को छोड़ कर बाहर हो चुका है। स्थिति यह है कि बीते वर्ष 25 अप्रेल 2009 को पूर्ण हुई इस सडक़ की पांच वर्ष की ग्यारंटी थी लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक सडक़ पूरी तरह से गधे के सिंग की तरह से लापता हो चुकी है। गांव को जाने वाली पगडंडी भी इस सडक़ से अच्छी है क्योकि उस पर चलने वाली मोटर साइकिल के जमीन में धंस जाने के कोई चांस नहीं है। ग्राम मालवर से चोपना जोड़ तक बनी इस सडक़ पर अभी बीते तीन माह में 80 ट्रक गिटट्ी - बोल्डर डाल कर उस पर चौपहिया वाहन जाने लायक रास्ता उन लोगो द्वारा बनवाया गया है जिनके द्वारा लीज पर ली गई रेत खदान से रेत का परिवहन किया जा रहा है।
ऐसा नहीं कि भारी वाहनो की वजह से शाहपुर से चोपना सडक़ का भी बेसमेंट पसर सकता था लेकिन उस प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ का निमार्ण कार्य में लापरवाही नहीं बरती गई लेकिन इस सडक़ के निमार्ण कार्य में तो ऐसी लापरवाही बरती गई कि आज पूरी सडक़ ही लापता हाक गई। न तो साढ़े चार किलामीटर लम्बी सडक़ पर डाली गई रेत का पता है और न गिटट्ी का पता है। पूरी सडक़ दोनो ओर से नाली का रूप ले चुकी है।
सडक़ पर बिछाई गई डामर की पूरी परत ही बरसात में लगता है बह चुकी है। मध्यप्रदेश प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ परियोजना क्रंमाक एक द्वारा तिरूपति कस्टे्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी के द्वारा बनवाई गई सडक़ के इस तरह से निमार्ण कार्य से भाजपा सरकार की कथनी एवं करनी का पता चलता है क्योकि सडक़ को बनाने वाली कंपनी के दोनो कत्र्ता - धर्ता भाजपा के स्थानीय शीर्ष नेता है। भाजपा मंडल अध्यक्ष रह चुके संतोष तनवर एवं जिला भाजपा उपाध्यक्ष पीजे शर्मा की संयुक्त सांझेदारी में बनवाई गई सडक़ की गुणवत्ता पर जिले के वर्ततान कलैक्टर को कुछ आंशका थी इसलिए उन्होने पूरे जिले में ही ग्रामीण क्षेत्रो की सडक़ो पर भारी वाहनो के प्रवेश पर रोक लगाने संबधी आदेश कर दिये थे इसके बाद भी भाजपा नेताओं की रेत खदानो की रेत की ढुलाई ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना की पूरी पोल खोल कर रख दी है।
अब ऐसे में कार्य अनुबंध के अनुसार ठेकेदार को पूरी तरह से लापता हुई सडक़ को नए सिरे से पुन: बनाया जाना चाहिए लेकिन भाजपा नेताओं की नाक में नकेल डाल कर पूरी सडक़ पुन: बनवाने की हिम्मत कौन जुटाएगा..? बैतूल जिले में अधिकांश प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ परियोजनाओं के निमार्ण कार्य में जिले के भाजपाई ठेकेदारो ने विशेष रूचि लगा कर चौतरफा लूट मचाई है जिसका परिणाम है कि जिले की लगभग दो सौ से अधिक गांवो को जोडऩे वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ो के हाल गुदड़ी की तरह से तार - तार हो चुके है। अब समस्या इस बात की है कि जिले से प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ परियोजना के अधिकांश कार्यालय छिन्दवाड़ा जा चुके है ऐसे में सडक़े भगवान भरोसे हो चुकी है।
लापता हुई सडक़ के लिए रेत ठेकेदार के विरूद्ध मुकदमा दर्ज
आखिर देर बसेर बैतूल के हाईटेक कलैक्टर ने भारत निमार्ण के तहत प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ परियोजना द्वारा बनवाई गई चोपना जोड़ से ग्राम पंचायत खापा के ग्राम मालवर (मालोर) के लिए बनी 4.40 किलोमीटर लम्बी सडक़ के लापता हो जाने के मामले में जिला कलैक्टर बी चंद्रशेखर ने जिला खनिज अधिकारी को इसकी जांच के निर्देश दिये। कलैक्टर के निर्देश पर जिला माइनिंग अधिकारी श्री खान ने माइनिंग इंस्पेक्टर देवेन्द्र पटले से जांच करवाई। माइनिंग इंस्पेक्टर श्री पटेल ने मौके पर जाकर प्रधानमंत्री सडक़ के जर्जर होने के कारणो की विस्तृत जांच पड़ताल की गई। जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री सडक़ की आवागमन क्षमता 9 टन की है परंतु उक्त सडक़ पर रेत खदान के ठेकेदार द्वारा रेत के ओव्हरलोड ट्रक-डम्फरो का संचालन किया जा रहा है जिसमें सडक़ उखडक़र जर्जर हो जाने के बाद वी अपने मूल स्वरूप के साथ पूरी तरह लापता हो चुकी है।
माइनिंग इंस्पेक्टर ने प्रधानमंत्री सडक़ के जर्जर होने के लिए रेत खदान ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराकर ठेकेदार द्वारा शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने का उल्लेख कर जांच रिपोर्ट कलैक्टर के समक्ष प्रस्तुत की। माइनिंग इंस्पेक्टर श्री पटले ने बताया कि कलैक्टर के निर्देश पर उन्होंने प्रधानमंत्री सडक़ क्षतिग्रस्त होने के मामले में मालवर रेत खदान ठेकेदार विशाल गोचरे द्वारा शासकीय संपत्ति में क्षति पहुंचाने की शिकायत पुर्नवास क्षेत्र के चोपना पुलिस थाने में दर्ज कराई है। ग्राम पंचायत मालवर की रेत खदान के ठेकेदार विशाल गोचर के खिलाफ शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है। बैतूल कलैक्टर ने दैनिक पंजाब केसरी में प्रकाशित उस सनसनी खेज खबर पर तत्काल प्रभाव के साथ कार्रवाई के आदेश दिए जिसमें यह बताया गया था कि प्रधानमंत्री ग्रामिण सडक़ योजना के तहत बी 17543. 0 घनमीटर वाली सडक़ पर 1755 ट्रक मिटट्ी डाल कर बनाई गई सडक़ पूर्ण रूप से गायब हो चुकी है। जिला योजना समिति की बैठक में यह मामला उठ चुका था जिसके कारण नियमानुसार ठेकेदार को भी पांच साल की गारंटी के चलते पुन: उक्त सडक़ का निमार्ण करना पड़ेगा। अब एक बार फिर से 2158.44 घनमीटर मिटट्ी जो कि लगभग 239 ट्रक के बराबर है उसे पानी डाल कर रोड रोलर से दबा कर सडक़ बनाना होगा।
इस बार भी ठेकेदार को 431.68 घनमीटर मुरम डालनी पड़ेगी तथा तीन परतो में इस सडक़ में 1816.87 घन मीटर गिटट्ी डाल कर नियमानुसार सडक़ बनानी होगी। एक करोड़ चालिस लाख की इस मात्र 4.40 किलोमीटर लम्बी सडक़ को बने हालाकि अभी दो साल पूरे हो जाने के बाद वह पूरी तरह से दलदल बन चुकी है। सडक़ का पूरा तीन चरणो का बेस मेंट पूरी तरह से अपनी जगह को छोड़ कर बाहर हो चुका है। आज स्थिति यह है कि बीते वर्ष 25 अप्रेल 2009 को पूर्ण हुई इस सडक़ की पांच वर्ष की ग्यारंटी थी लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक सडक़ पूरी तरह से गधे के सिंग की तरह से लापता हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ परियोजना क्रंमाक एक द्वारा तिरूपति कस्टे्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी के द्वारा बनवाई गई सडक़ के इस तरह से निमार्ण कार्य से भाजपा सरकार की कथनी एवं करनी का पता चलता है क्योकि सडक़ को बनाने वाली कंपनी के दोनो कत्र्ता-धर्ता भाजपा के स्थानीय शीर्ष नेता है।
निरस्त होगी रेत खदान
माइनिंग इंस्पेक्टर री पटले ने साफ तौर पर कहा कि कलैक्टर के निर्देश पर उन्होंने स्वयं चोपना जाकर रेत खदान ठेकेदार के खिलाफ शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का शिकायती पत्र थाने में सौंपा है। रेत की ओव्हर लोडिंग से प्रधानमंत्री सडक़ के क्षतिग्रस्त होने के मामले में कलैक्टर ने कड़ा रूख अपनाया हुआ है। कलैक्टर बी चंद्रशेखर ने बताया कि रेत का ओव्हरलोड परिवहन कर सडक़ के डेमेज करने वाले रेत खदान ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज होगी साथ ही उससे डेमेज रोड के निर्माण में व्यय हुई राशि की वसूली भी की जायेगी। कलैक्टर बी चन्द्रशेखर ने कहा कि मालवर स्थित रेत ठेकेदार की खदानो की लीज भी निरस्त करेंगे ताकि रेत के परिवहन से किसी भी प्रकार की प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ को नुकासान न उठाना पड़े। ऐसा पूरे जिले में भी होगा तथा ग्रामीण सडक़ो से भारी वाहनो के परिवहन पर हर संभव रोक लगाई जाएगी।