लूट में छूट
ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क: 99934 54490
toc news internet channal
शहर में इन दिनों मारपीट एव मोबाइल छीनना तथा जेब काटना व लूट होना आम बात हो गई है। अब तो पुलिस ने रिपोट न लिखने का नया बहाना इजाद कर लिया है। अगर चोरी होती है तो रिपोट दर्ज होती है। और अगर किसी ने लूट बताया और मारपीट करके छीनना बताया तो फरियादी से एफ.आई.आर की जगह एक कागज में आवेदन लिखवाकर ले लिया जाता है। एक दूसरे कागज का टुकड़ा फरियादी को थमा कर जॉच में लिया जाता है। अगर फरियादी पूरी तरह से सही बताता है कि अमुख नाम का व्यक्ति नाम के साथ रिपोर्ट डालना चाहता है तो भी पुलिस न करके और आवेदन लेकर टाल दिया जाता है। ऐसी ही एक घटना 04/01/12 को रात्रि करीब 8बजे के आसपास खिरहनी फाटक ओव्हर ब्रिज के पास जब फाटक लगा हुआ था उस वक्त भारी जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। क्योकि फाटक क्रास करना कठिन हो जाता है, उसी समय आचार्य विनोबा भावे वार्ड निवासी नत्थू लाल चौधरी उम्र 65 वर्ष अपनी एक्टीवा गाड़ी लेकर खड़े हुये थे। तथा उनका मोबाइल रिबिन में लगाकर ऊपर की जेब में था। तभी सामने खड़े राजू नाम के लडक़े ने उनके जेब से मोबाइल की रस्सी तोडक़र ले भागा तथा जब वो थाने मोबाइल छीन जाने की रिपोर्ट लिखाने गये एॅव नाम जद रिपोर्ट डालना चाहा तो पुलिस ने खुद मोबाइल गुम जाने का आवेदन बनाने के लिए कहा तथा अपने मन का लिखवाकर आवेदन लेकर जॉच में लेते हुये फरियादी को वापस जाने के लिए कह दिया।
पुलिस छुपाती है सही बात
ऐसी ही घटना 03/01/12 को सुबह 9बजे के आसपास की है। एक आटो चालक ने स्कूल रिक्षे को पीछे से जोरदार ठोकर मारी जिसमें रिक्षा चालक एॅव रिक्षे में बैठे सेक्रेट हार्ड के छोटे छोटे बच्चे बैठे थे। उनमे से दो बच्चियॉ घायल हो गये जिनमे पलक सुहाने एॅव अंषिका तिवारी,पलक सुहाने को गाल एवं दॉत तथा अंशिका तिवारी का माथा फट गया था। जब टाइम्स ऑफ क्राइम की टीम ने बस स्टैड पुलिस चौकी में बैठे सिपाही से इस घटना के बारे में पूछा तो आरक्षक सिपाही ने कहा की आटोचालक का नाम नहीं पता एंव स्कूल रिक्षा में बैठे बच्चे सब सही है किसी को खरोंच तक नहीं आई है। उसके बाद टाइम्स ऑफ क्राइम की टीम ने गुप्त तरीके से पता किया तो रिक्षा चालक एॅॅव स्कूल की दो छात्राएॅ बुरी तरह जख्मी हो गये थे। बड़े षर्म की बात है कि पुलिस आज मुजरिमों का साथ दे रही फरियादी की नहीं अगर फरियादी गरीब हो तो उसे डॉट डपट कर भगा दिया जाता है।