नई दिल्ली।।
मंदिरों और गुरुद्वारों में चोरी करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने एक
मुलजिम को गिरफ्तार किया है। यह मुलजिम कंझावला के एक गुरुद्वारे में तबला
भी बजाता था। इस गिरफ्तार शख्स से चोरी का सामान खरीदने के आरोप में एक
जूलर को भी पकड़ा गया है। इनके कब्जे से चांदी के चार कलश, दो क्राउन और
चांदी का ही एक शिवलिंग सहित कई चीजें बरामद की गई हैं।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अशोक चांद ने बताया कि अडिशनल डीसीपी जॉय टिर्की, एएसआई हेमकरण और सिपाही अमित तोमर आदि की टीम ने इन्हें पकड़ा है। गिरफ्तार मुलजिमों में तिलक नगर निवासी चरणजीत सिंह उर्फ चैन सिंह (25) और चंद्र विहार निवासी अजय कुमार (33) हैं। चरणजीत मुख्य अभियुक्त है और अजय जूलर। पुलिस ने दावा किया है कि इनके पकड़े जाने से गीता कॉलोनी के महावीर मंदिर, गोविंदपुरी के जैन मंदिर, सराय रोहिल्ला के दुर्गा मंदिर, विवेक विहार के सतनाम धर्म मंदिर और महेंद्र पार्क के गुरुद्वारा सिंह सभा में हुई चोरियों का खुलासा हो गया है। पुलिस ने बताया कि चरणजीत अपने कुछ साथियों के साथ दिन में मंदिरों और गुरुद्वारों की रेकी करता था और रात को वहां जाकर चांदी आदि की आइटमों की चोरियां करता था।
चोरी किए माल को यह चंद्र विहार में जूलरी की दुकान चलाने वाले अजय को बेचता था। इस धंधे में वह 2010 से उतरा था। इससे पहले भी वह सेंधमारी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस ने बताया कि चरणजीत के साथी राजीव और कुलवंत अभी फरार हैं।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अशोक चांद ने बताया कि अडिशनल डीसीपी जॉय टिर्की, एएसआई हेमकरण और सिपाही अमित तोमर आदि की टीम ने इन्हें पकड़ा है। गिरफ्तार मुलजिमों में तिलक नगर निवासी चरणजीत सिंह उर्फ चैन सिंह (25) और चंद्र विहार निवासी अजय कुमार (33) हैं। चरणजीत मुख्य अभियुक्त है और अजय जूलर। पुलिस ने दावा किया है कि इनके पकड़े जाने से गीता कॉलोनी के महावीर मंदिर, गोविंदपुरी के जैन मंदिर, सराय रोहिल्ला के दुर्गा मंदिर, विवेक विहार के सतनाम धर्म मंदिर और महेंद्र पार्क के गुरुद्वारा सिंह सभा में हुई चोरियों का खुलासा हो गया है। पुलिस ने बताया कि चरणजीत अपने कुछ साथियों के साथ दिन में मंदिरों और गुरुद्वारों की रेकी करता था और रात को वहां जाकर चांदी आदि की आइटमों की चोरियां करता था।
चोरी किए माल को यह चंद्र विहार में जूलरी की दुकान चलाने वाले अजय को बेचता था। इस धंधे में वह 2010 से उतरा था। इससे पहले भी वह सेंधमारी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस ने बताया कि चरणजीत के साथी राजीव और कुलवंत अभी फरार हैं।