लखनऊ.उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर अभी भी सस्पंस बरकरार है। संसदीय दल की बैठक में अखिलेश के नाम पर मुहर लगी, तो खुद अखिलेश ने कहा मुलायम सीएम होंगे। मीडिया चैनल भी अपने-अपने सूत्रों से अलग-अलग खबर चला रहे हैं। अखिलेश यादव अभी भले सीएम बनें न बनें 2014 में जरूर बन जायेंगे। अभी मुलायम सिंह यादव सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। उनके सीएम बनने से पार्टी में किसी को ऐतराज भी नहीं होगा।
यह पक्का है कि अगर सपा ने अपने शासनकाल में सब कुछ अच्छा किया, तो 2 साल बाद 2014 में सपा को लोकसभा में अच्छी संख्या में सीटें मिलेंगी। तब तक यूपी में मुलायम का शासन रहेगा। 2014 में भारी संख्या में सीट जुटाने के बाद मुलायम केंद्रीय राजनीति में पर्दापर्ण कर जायेंगे। तब चाहे वो कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए से गठबंधन करें या भाजपा की एनडीए से मुलायम का रोल दोनों में अहम होगा और उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय ही मिलेगा। तब मुलायम यूपी की बागडोर अपने पुत्र अखिलेश के हाथों में सौंप कर दिल्ली कूच कर जायेंगे। तेज़ न्यूज़ का यह आंकलन 100 फीसदी सही है और मुलायम को अगर अपनी पार्टी में सबको खुश रखना है तो ऐसा ही करना होगा।
उन्होंने कहा, "यूपी में जया बच्चन, जयाप्रदा, राज बब्बर, संजय दत्त, अमर सिंह या बेनी प्रसाद वर्मा के बिना क्रांति रथ के पीछे लाखों का हुजूम शुरू से ही बयां कर रहा है कि यूपी में अखिलेश का जादू चल गया है। यह जादू किसी और पर नहीं यहां के युवाओं पर चला है। अब अगर अखिलेश सीएम नहीं बने तो युवा नाराज हो सकते हैं, लेकिन अगर अखिलेश को सीएम बनाया तो पार्टी का मुस्लिम चेहरा आजम खान और शिवपाल सिंह की नाराजगी पार्टी में भरी पद सकती है। लिहाजा यही बेहतर होगा अगर मुलायम अभी सीएम बनें और 2014 में कुर्सी अखिलेश को दे दें।
इन तमाम मसलो को लेकर कल पार्टी के विधानमण्डल दल की 11 बजे प्रदेश कार्यालय में बैठक होगी I जिसमें विधानमण्डल दल के नेता का चुनाव किया जायेगा। बैठक में सभी निर्वाचित विधायक, सदस्य विधान परिषद, सांसद लोकसभा और राज्य सभा सांसद भी भाग लेंगे।
यह पक्का है कि अगर सपा ने अपने शासनकाल में सब कुछ अच्छा किया, तो 2 साल बाद 2014 में सपा को लोकसभा में अच्छी संख्या में सीटें मिलेंगी। तब तक यूपी में मुलायम का शासन रहेगा। 2014 में भारी संख्या में सीट जुटाने के बाद मुलायम केंद्रीय राजनीति में पर्दापर्ण कर जायेंगे। तब चाहे वो कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए से गठबंधन करें या भाजपा की एनडीए से मुलायम का रोल दोनों में अहम होगा और उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय ही मिलेगा। तब मुलायम यूपी की बागडोर अपने पुत्र अखिलेश के हाथों में सौंप कर दिल्ली कूच कर जायेंगे। तेज़ न्यूज़ का यह आंकलन 100 फीसदी सही है और मुलायम को अगर अपनी पार्टी में सबको खुश रखना है तो ऐसा ही करना होगा।
उन्होंने कहा, "यूपी में जया बच्चन, जयाप्रदा, राज बब्बर, संजय दत्त, अमर सिंह या बेनी प्रसाद वर्मा के बिना क्रांति रथ के पीछे लाखों का हुजूम शुरू से ही बयां कर रहा है कि यूपी में अखिलेश का जादू चल गया है। यह जादू किसी और पर नहीं यहां के युवाओं पर चला है। अब अगर अखिलेश सीएम नहीं बने तो युवा नाराज हो सकते हैं, लेकिन अगर अखिलेश को सीएम बनाया तो पार्टी का मुस्लिम चेहरा आजम खान और शिवपाल सिंह की नाराजगी पार्टी में भरी पद सकती है। लिहाजा यही बेहतर होगा अगर मुलायम अभी सीएम बनें और 2014 में कुर्सी अखिलेश को दे दें।
इन तमाम मसलो को लेकर कल पार्टी के विधानमण्डल दल की 11 बजे प्रदेश कार्यालय में बैठक होगी I जिसमें विधानमण्डल दल के नेता का चुनाव किया जायेगा। बैठक में सभी निर्वाचित विधायक, सदस्य विधान परिषद, सांसद लोकसभा और राज्य सभा सांसद भी भाग लेंगे।