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कोर्ट फैसला- सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैंन ने सुनाई सजा
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छतरपुर। सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैन की अदालत ने पत्नी के हत्यारे पति को दोषी करार दिया। आरोपी पति को आईपीसी की धारा 302 में कठोर अजीवन कारावास 5 हजार रुपये जुर्माना और सबूतो को नष्ट करने के आरोप में धारा 201 के तहत दो वर्ष की कठोर कैद के साथ 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि थाना सरबई क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ओदी निवासी अनीता पटेल की सादी लगभग 13 साल पहले ग्राम बीहरपुरवा निवासी चतुरेश पटेल के साथ हुई थी। 21 मई 2012 को मातादीन पटेल ने थाना चंदला में सूचना दी कि जब वह दिन के लगभग 4.00 बजे घर पर सो रहा था। उस समय उसे जानकारी मिली कि अनीता ने फांसी लगा ली हैं।
लाश को नीचे उतारकर लिटा दिया हैं। थाना चंदला के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक आरके गायकवाड, एएसआई यूएस शुक्ला ने मामले की तस्दीक के दौरान अनीता के शव में चोटो के निशान होना पाये। और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अनीता के पति चतुरेश पटेल, ससुर रामसजीवन, सास गैंदारानी के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत के सुपुर्द कर दिया। सत्र न्यायाधीश विमल कुमार ने जैन ने मामले के विचारण के बाद पाया कि आरोपी पति चतुरेश ने अपनी पत्नी अनीता के साथ पहले मारपीट की और बाद में उसे जान से मार कर फांसी पर लटका दिया।
आरोपी चतुरेश ने सबूतो को खत्म करने के आशय से अनीता की लाश को फांसी से नीचे उतार दिया। जिस पर न्यायधीश श्री जैन ने आरोपी चतुरेश को अनीता की हत्या का दोषी करार देते हुये आईपीसी की धारा 302 में कठोर अजीवन कारावास 5 हजार रुपये जुर्माना और सबूतो को नष्ट करने के आरोप में धारा 201 के तहत दो वर्ष की कठोर कैद के साथ 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं अनीता के सास, ससुर पर अपराध सिद्ध ना पाने पर उन्हे बरी कर दिया। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी लोक अभियोजक राकेश शुक्ला द्वारा की गई।