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बालाघाट [ हितेन चैहान] बिहार के छपरा में स्कुली बच्चों की मध्याह्न भोजन खाने के बाद हुई मौत का मामला अभी थमा भी नही है कि बालाघाट के वारासिवनी विकासखंड के भांडी पीपरियां गांव में माध्यमिक विद्यालय में दुषित मध्याह्न भोजन के खाने से 33 बच्चे बिमार हो गये। जिन्हें समय रहते जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है और उपचार के पश्चात बच्चों की हालत बेहतर है। चैकाने वाली बात यह है कि मध्यान्ह भोजन के तहत मीनू के अनुसार जो भोजन बच्चों को दिया जाना चाहिए था वह भोजन बच्चों को नही दिया गया।
जानकारी अनुसार पिपरिया गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में कल मध्याह्न भोजन के नियमित मेन्यू के स्थान पर छात्रों को आलू और पोहा खाने को दिया गया था. मध्याह्न भोजन वितरित किये जाने के बाद बारिश के चलते स्कूल की छुट्टी कर दी गयी थी और सभी छात्र घर पहुंच गये थे |
घर पहुंचने के बाद छात्रों को उल्टी दस्त की शिकायत शुरु हो गयी तथा इस बात की जानकारी गांव के सरपंच को लगने के बाद उन्होने एम्बुलेंस की सहायता से छात्रों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया. छात्रों को त्वरित इलाज मिल जाने के चलते उनकी तबियत में सुधार आया और देर रात एवं आज सुबह तक सभी छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.| जिला कलेक्टर बीचंद्रशेखर इस घटना की सूचना मिलने के बाद ही जिला अस्पताल पहुंच गये थे और वहां उन्होने बच्चों के इलाज का जायजा लिया. चंद्रशेखर ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं |
डाक्टरों का कहना है कि फुट पायजन की वजह से बच्चों की तबियत बिगड़ी और अब बच्चों के स्वास्थ सुधार देखा जा रहा है। देश में हर दिन कही न कही किसी स्कुल में मध्यान्ह भोजन की गड़बड़ी से बच्चों के बीमार होने की खबरे सामने आती रहती है। बावजूद इसके स्कुलों के प्रबधंन और भोजन व्यवस्था करने वाले इन घटनाओं से थोड़ा भी सबक नही लेते आज समय रहते अगर स्कुली बच्चों को स्वास्थ सुविधाओं का लाभ नही मिलता तो बालाघाट में भी बिहार की तरह किसी अप्रिय घटना से नही रोका जा सकता था। अब देखना यह है कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है। ताकि भविष्य में मासूम बच्चों के स्वास्थ के साथ मध्याह्न भोजन की आड़ में खिलावाड़ न किया जा सकें।
बालाघाट [ हितेन चैहान] बिहार के छपरा में स्कुली बच्चों की मध्याह्न भोजन खाने के बाद हुई मौत का मामला अभी थमा भी नही है कि बालाघाट के वारासिवनी विकासखंड के भांडी पीपरियां गांव में माध्यमिक विद्यालय में दुषित मध्याह्न भोजन के खाने से 33 बच्चे बिमार हो गये। जिन्हें समय रहते जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है और उपचार के पश्चात बच्चों की हालत बेहतर है। चैकाने वाली बात यह है कि मध्यान्ह भोजन के तहत मीनू के अनुसार जो भोजन बच्चों को दिया जाना चाहिए था वह भोजन बच्चों को नही दिया गया।
जानकारी अनुसार पिपरिया गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में कल मध्याह्न भोजन के नियमित मेन्यू के स्थान पर छात्रों को आलू और पोहा खाने को दिया गया था. मध्याह्न भोजन वितरित किये जाने के बाद बारिश के चलते स्कूल की छुट्टी कर दी गयी थी और सभी छात्र घर पहुंच गये थे |
घर पहुंचने के बाद छात्रों को उल्टी दस्त की शिकायत शुरु हो गयी तथा इस बात की जानकारी गांव के सरपंच को लगने के बाद उन्होने एम्बुलेंस की सहायता से छात्रों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया. छात्रों को त्वरित इलाज मिल जाने के चलते उनकी तबियत में सुधार आया और देर रात एवं आज सुबह तक सभी छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.| जिला कलेक्टर बीचंद्रशेखर इस घटना की सूचना मिलने के बाद ही जिला अस्पताल पहुंच गये थे और वहां उन्होने बच्चों के इलाज का जायजा लिया. चंद्रशेखर ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं |
डाक्टरों का कहना है कि फुट पायजन की वजह से बच्चों की तबियत बिगड़ी और अब बच्चों के स्वास्थ सुधार देखा जा रहा है। देश में हर दिन कही न कही किसी स्कुल में मध्यान्ह भोजन की गड़बड़ी से बच्चों के बीमार होने की खबरे सामने आती रहती है। बावजूद इसके स्कुलों के प्रबधंन और भोजन व्यवस्था करने वाले इन घटनाओं से थोड़ा भी सबक नही लेते आज समय रहते अगर स्कुली बच्चों को स्वास्थ सुविधाओं का लाभ नही मिलता तो बालाघाट में भी बिहार की तरह किसी अप्रिय घटना से नही रोका जा सकता था। अब देखना यह है कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है। ताकि भविष्य में मासूम बच्चों के स्वास्थ के साथ मध्याह्न भोजन की आड़ में खिलावाड़ न किया जा सकें।