उन्होंने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा, 'जमीन बिल पास होकर रहेगा।'
एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीन बिल पर सुझावों का स्वागत है लेकिन यह पास होकर रहेगा। ऐसा ही रुख उन्होंने जीएसटी को लेकर भी अपनाया। मोदी ने पिछली सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपीए में गैर-संवैधानिक संस्थाएं सरकार चला रही थीं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 'सूट-बूट की सरकार' कहे जाने पर मोदी ने कहा कि कांग्रेस हार नहीं पचा पा रही है। उन्होंने पीएमओ में शक्ति के केंद्रित हो जाने के आरोप को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री और पीएमओ संवैधानिक व्यवस्था का हिस्सा हैं।'
अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बारे में सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कहा, 'किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा या किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
गैर सरकारी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून के बाहर जाकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और कोई भी देशभक्त नागरिक इस पर आपत्ति नहीं उठा सकता है। अपने विदेशी दौरों के बारे में भी मोदी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष मेरे विदेश दौरों के बारे में आधारहीन आरोप लगा रहा है।