शिवराज सरकार ने जारी किया पहली बार नियमों का प्रारुप
डा नवीन आनंद जोशी
Present by - toc news
भोपाल।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम,2005 यानी मनरेगा के तहत शिवराज सरकार ने पहली बार इस योजना के तहत जॉबकार्डधारी को पन्द्र दिवस में रोजगार उपलब्ध न कराने पर दैनिक भत्ते का भुगतान करने के संबंध में नियमों का प्रारुप जारी किया है। आगामी 20 जून के बाद ये नये नियम प्रभावशील हो जायेंगे।
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, बेरोजगारी भत्ते का प्रत्येक भुगतान उस तारीख से जिससे कि जॉबकार्डधारी भुगतान हेतु पात्र हो जाता है, तीस दिन के भीतर किया किया जायेगा। व्यथित व्यक्ति को कार्यक्रम अधिकारी को सीधे या ग्राम पंचायत के माध्यम से, उन दिनों की संख्या का स्पष्ट कथन करते हुये, जिनके लिये बेरोजगारी भत्ते का दावा किया जा रहा है, लिखित या मौखिक रुप से आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा जिसकी उसे पावती दी जाना जरुरी होगा।
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, किसी गृहस्थी के किसी आवेदक को संदेय बेरोजगारी भत्ते का भुगतान उस वित्तीय वर्ष के दौरान गृहस्थी की हकदारी के अध्यधीन रहते हुये प्रथम तीस दिन के लिये, स्कीम की प्रचलित मजदूरी की एक चौथाई के बराबर दर से किया जायेगा तथा उस वित्तीय वर्ष की बची हुई कालावधि हेतु मजदूरी दर के आधे के बराबर की दर से भुगतान किया जायेगा।
इन स्थितियों में नहीं मिलेगी बेकारी भत्ता :
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, चार प्रकार की स्थितियों में जॉबकार्डधारी को बेकारी भत्ता नहीं दिया जायेगा यथा एक, आवेदक के गृहस्थी ने मजदूरी और बेरोजगारी भत्ता दोनों को मिलकार या अलग-अलग उतना उपार्जित कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष के दौरान सौ दिन के कार्य की मजदूरी के बराबर है। दो, यदि आवेदक की गृहस्थी के वयस्क सदस्यों ने वित्तीय वर्ष में कम से कम कुल सौ दिन का रोजगार प्राप्त कर लिया है। तीन, वह कालावधि जिसके लिये नियोजन चाहा गया है, समाप्त हो जाती है और आवेदक की गृहस्थी का कोई सदस्य रोजगार पर नहीं आता है। चार, ग्राम पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदक को या स्वयं या उसकी गृहस्थी के कम से कम एक वयस्क सदस्य को कार्य पर उपस्थित होने के लिये निर्देशित किया जाता है।
राजेंद्र शुक्ल की नई पहल
भोपाल। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने हाल ही में नई पहल की है। उन्होंने सीएम को प्रस्ताव दिया है कि वे लोक निर्माण विभाग के माध्यम से केंद्र के पास यह प्रस्ताव भिजवायें कि वह नेशनल हाईवे क्रमांक 94 ए निर्मित करे। यह नया नेशनल हाईवे मप्र, उप्र और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में सुगम यातायात स्थापित करने में सहायक होगा। ज्ञातव्य है कि अभी जो नेशनल हाईवे क्रमांक 94 है वह उत्तरखण्ड में है जो ऋषिकेश से प्रारंभ होता है और यमुनौत्री पर खत्म होता है।
डा नवीन आनंद जोशी
Present by - toc news
भोपाल।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम,2005 यानी मनरेगा के तहत शिवराज सरकार ने पहली बार इस योजना के तहत जॉबकार्डधारी को पन्द्र दिवस में रोजगार उपलब्ध न कराने पर दैनिक भत्ते का भुगतान करने के संबंध में नियमों का प्रारुप जारी किया है। आगामी 20 जून के बाद ये नये नियम प्रभावशील हो जायेंगे।
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, बेरोजगारी भत्ते का प्रत्येक भुगतान उस तारीख से जिससे कि जॉबकार्डधारी भुगतान हेतु पात्र हो जाता है, तीस दिन के भीतर किया किया जायेगा। व्यथित व्यक्ति को कार्यक्रम अधिकारी को सीधे या ग्राम पंचायत के माध्यम से, उन दिनों की संख्या का स्पष्ट कथन करते हुये, जिनके लिये बेरोजगारी भत्ते का दावा किया जा रहा है, लिखित या मौखिक रुप से आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा जिसकी उसे पावती दी जाना जरुरी होगा।
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, किसी गृहस्थी के किसी आवेदक को संदेय बेरोजगारी भत्ते का भुगतान उस वित्तीय वर्ष के दौरान गृहस्थी की हकदारी के अध्यधीन रहते हुये प्रथम तीस दिन के लिये, स्कीम की प्रचलित मजदूरी की एक चौथाई के बराबर दर से किया जायेगा तथा उस वित्तीय वर्ष की बची हुई कालावधि हेतु मजदूरी दर के आधे के बराबर की दर से भुगतान किया जायेगा।
इन स्थितियों में नहीं मिलेगी बेकारी भत्ता :
नये प्रारुप नियमों के अनुसार, चार प्रकार की स्थितियों में जॉबकार्डधारी को बेकारी भत्ता नहीं दिया जायेगा यथा एक, आवेदक के गृहस्थी ने मजदूरी और बेरोजगारी भत्ता दोनों को मिलकार या अलग-अलग उतना उपार्जित कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष के दौरान सौ दिन के कार्य की मजदूरी के बराबर है। दो, यदि आवेदक की गृहस्थी के वयस्क सदस्यों ने वित्तीय वर्ष में कम से कम कुल सौ दिन का रोजगार प्राप्त कर लिया है। तीन, वह कालावधि जिसके लिये नियोजन चाहा गया है, समाप्त हो जाती है और आवेदक की गृहस्थी का कोई सदस्य रोजगार पर नहीं आता है। चार, ग्राम पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदक को या स्वयं या उसकी गृहस्थी के कम से कम एक वयस्क सदस्य को कार्य पर उपस्थित होने के लिये निर्देशित किया जाता है।
राजेंद्र शुक्ल की नई पहल
भोपाल। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने हाल ही में नई पहल की है। उन्होंने सीएम को प्रस्ताव दिया है कि वे लोक निर्माण विभाग के माध्यम से केंद्र के पास यह प्रस्ताव भिजवायें कि वह नेशनल हाईवे क्रमांक 94 ए निर्मित करे। यह नया नेशनल हाईवे मप्र, उप्र और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में सुगम यातायात स्थापित करने में सहायक होगा। ज्ञातव्य है कि अभी जो नेशनल हाईवे क्रमांक 94 है वह उत्तरखण्ड में है जो ऋषिकेश से प्रारंभ होता है और यमुनौत्री पर खत्म होता है।