सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की फांसी को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व शशि थरूर ने असहज करने वाली टिप्पणी की है।
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सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले इन नेताओं ने पार्टी लाइन से आगे जाते हुए कुछ सवाल उठाए। हालांकि, बाद में इन लोगों ने सफाई देने वाले अंदाज में बात खत्म कर विरोध से बचने का रास्ता भी बना लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेताओं के इस रुख को चिंताजनक बताते हुए कांग्रेस से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नकारात्मक राजनीति न करने की अपेक्षा की है। अन्य सामाजिक संगठन और कानूनविदों ने भी इस घटनाक्रम पर अपनी राय खुलकर रखी।
याकूब की फांसी के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ताबड़तोड़ ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा कि 'याकूब मेमन को फांसी हो गई। आतंक के एक आरोपी को सजा देने में सरकार और न्यायपालिका ने जिस तरह की तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह एक मिसाल है।' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि आतंक के अन्य मामलों में भी जाति, मत और धर्म के आधार को नजरअंदाज कर इसी तरह का कमिटमेंट दिखाया जाएगा।'
दिग्विजय ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम और आतंकी याकूब का एक लाइन में जिक्र करते हुए लिखा, 'क्या संयोग है कि भारत के दो मुसलमानों का अंतिम संस्कार आज ही हो रहा है। डॉक्टर कलाम, जिन्होंने हर भारतीय को गर्व का अहसास कराया, जबकि याकूब मेमन, जिसने पूरे समुदाय को शर्मिंदा कर दिया।'
वहीं, गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले शशि थरूर ने अपने ट्वीट में याकूब की फांसी को सरकार प्रायोजित आतंकवाद करार दे डाला। बकौल थरूर, 'इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मृत्युदंड प्रतिरोधक का काम करता है, तथ्य इसके विपरीत हैं। वास्तव में यह एक तरह का प्रतिशोध है। यह सरकार की नाकामी है।' हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देने के अंदाज में लिखा कि 'वह किसी खास मामले की बात नहीं कर रहे। यह तय करना कोर्ट का काम है, सवाल मृत्युदंड के सिद्धांत और इसकी उपयोगिता को लेकर है।' इसी तरह सवाल उठाने के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी लोगों से गांधीवादी बनने की अपील की।
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सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले इन नेताओं ने पार्टी लाइन से आगे जाते हुए कुछ सवाल उठाए। हालांकि, बाद में इन लोगों ने सफाई देने वाले अंदाज में बात खत्म कर विरोध से बचने का रास्ता भी बना लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेताओं के इस रुख को चिंताजनक बताते हुए कांग्रेस से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नकारात्मक राजनीति न करने की अपेक्षा की है। अन्य सामाजिक संगठन और कानूनविदों ने भी इस घटनाक्रम पर अपनी राय खुलकर रखी।
याकूब की फांसी के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ताबड़तोड़ ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा कि 'याकूब मेमन को फांसी हो गई। आतंक के एक आरोपी को सजा देने में सरकार और न्यायपालिका ने जिस तरह की तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह एक मिसाल है।' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि आतंक के अन्य मामलों में भी जाति, मत और धर्म के आधार को नजरअंदाज कर इसी तरह का कमिटमेंट दिखाया जाएगा।'
दिग्विजय ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम और आतंकी याकूब का एक लाइन में जिक्र करते हुए लिखा, 'क्या संयोग है कि भारत के दो मुसलमानों का अंतिम संस्कार आज ही हो रहा है। डॉक्टर कलाम, जिन्होंने हर भारतीय को गर्व का अहसास कराया, जबकि याकूब मेमन, जिसने पूरे समुदाय को शर्मिंदा कर दिया।'
वहीं, गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले शशि थरूर ने अपने ट्वीट में याकूब की फांसी को सरकार प्रायोजित आतंकवाद करार दे डाला। बकौल थरूर, 'इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मृत्युदंड प्रतिरोधक का काम करता है, तथ्य इसके विपरीत हैं। वास्तव में यह एक तरह का प्रतिशोध है। यह सरकार की नाकामी है।' हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देने के अंदाज में लिखा कि 'वह किसी खास मामले की बात नहीं कर रहे। यह तय करना कोर्ट का काम है, सवाल मृत्युदंड के सिद्धांत और इसकी उपयोगिता को लेकर है।' इसी तरह सवाल उठाने के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी लोगों से गांधीवादी बनने की अपील की।