सड़क पर आवारा घूमने वाले पशुओं के विरुद्ध एक अभियान चलाया जाए। इन्हें निकट की गौशाला या कांजी हाउस में शिफ्ट किया जाए। अभियान में नपा भी सहभागिता निभाएगी। ये निर्देश गुरुवार को कमिश्नर व्हीके बाथम ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को दिए। कमिश्नर ने कहा कि सड़क पर घूमने वाले पशुओं को 50-60 की संख्या में कांजी हाउस में रखा जाए। उन्हें एक सप्ताह रखने के बाद यदि पशु मालिक क्लेम नहीं करता है, तो उसे गुरूकुल में भेज दिया जाए। गुरूकुल में वर्तमान में 60-70 पशुओं को रखने की क्षमता है। कमिश्नर ने कहा कि बिना सक्षम आदेश के कोई भी पशु गुरूकुल या कांजी हाउस से बाहर नहीं जाएंगे। डेयरी उद्योग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि दो-चार गाय रखने वाले व्यक्ति को भी डेयरी उद्योग की श्रेणी में शामिल किया जाए।
ग्रीन इंडिया की समीक्षा
कमिश्नर ने बताया कि ग्रीन इंडिया बेबी क्लब कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। यह कार्यक्रम पर्यावरण से सीधा जुड़ा रहेगा। क्लब के अंतर्गत जिले के कुपोषित बच्चों के लिए फलदार पौधे रोपित किए जाएंगे। एक बच्चे के नाम पर पांच फलदार पौधे जैसे आम, अमरूद, कटहल, नींबू, केला, पपीता आदि लगाए जाएंगे। इसके पूर्व खाली भूमि पर सब्जी लगाई जाएगी। कुपोषित बच्चों के पालक पौधे की देखरेख करेंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर भी उन्हें रोजगार प्राप्त हो सकेगा। कमिश्नर ने बताया कि ग्रीन इंडिया बेबी क्लब में कुपोषित बच्चो का चयन स्पर्श अभियान के पोर्टल से किया जाएगा। बहु विकलांग बच्चों के माता-पिता को भी 5 फलदार पौधे दिए जाएंगे। फलदार पौधे से प्रा'त आमदनी बच्चो के खाते में जमा कर दी जाएगी। लड़की का यदि विवाह हो जाता है तो विदाई के समय उसे आमदनी दे दी जाएगी। श्री बाथम ने कहां कि ग्रीन इंडिया बेबी क्लब में पौधो की देखरेख हेतु समिति भी बनाई जा सकेगी। कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने स्वयं 8 बच्चे गोद लिए हैं उनके नाम पर वो शीघ्र ही फलदार पौधे लगाएंगे