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भोपाल.राज्य के श्रम विभाग के अधीन संचालित मप्र भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अब अपने मकान में शौचालय बनाने के लिये सरकार की ओर से पन्द्रह हजार रुपये मुफ्त में दिये जायेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार ने योजना बनाकर उसे प्रभावशील कर दिया है।
योजना के मुताबिक, लगातरा तीन वर्ष से पंजीकृत निर्माण श्रमिक को उसके जीवनकाल में सिर्फ एक मकान के लिये पन्द्रह हजार रुपये की राशि शौचालय बनाने के लिये दी जायेगी। शौचालय का निर्माण श्रमिक को स्वयं के साधनों से करना होगा। उसे दो किश्तों में यह राशि दी जायेगी। 50 प्रतिशत राशि अनुदान स्वीकृत करने वाले अधिकारी को प्रस्ताव प्रस्तुत करने एवं नींव खुदाई की प्रारंभिक कार्यवाही करने पर मिलेगी जबकि शेष 50 प्रतिशत राशि शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दी जायेगी।
योजना के अनुसार, शौचालय का निर्माण पूर्ण होने के संबंध में प्रमाण स्वरुप शौचालय का फोटो निर्माण श्रमिक के साथ खिंचवाकर कार्यालय में जमा करना होगा। पन्द्रह हजार रुपये का यह अनुदान उसी पंजीकृत श्रमिक को मिलेगा जिसके मकान में शौचालय नहीं है। इस अनुदान को प्राप्त करने के लिये ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तथा शहरी क्षेत्र में अपने-अपने क्षेत्राधिकार वाले सहायक श्रमायुक्त, श्रम पदाधिकारी, सहायक श्रम पदाधिकारी को आवेदन किया जा सकेगा।
उर्दू अकादमी में समाहित
भोपाल। राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने अल्लामा इकबाल अदबी मरकज को साहित्य अकादमी मप्र संस्कृति परिषद भोपाल से पृथक कर इसे मप्र उर्दू अकादमी में समाहित कर दिया है तथा संस्कृति परिषद को अल्लामा इकबाल के लिये आवंटित बजट एवं इसकी चल-अचल सम्पत्ति भी उर्दू अकादमी को सौंप दी है। ऐसा उर्दू अकादमा को महत्व देने के लिये किया गया है।
भोपाल.राज्य के श्रम विभाग के अधीन संचालित मप्र भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अब अपने मकान में शौचालय बनाने के लिये सरकार की ओर से पन्द्रह हजार रुपये मुफ्त में दिये जायेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार ने योजना बनाकर उसे प्रभावशील कर दिया है।
योजना के मुताबिक, लगातरा तीन वर्ष से पंजीकृत निर्माण श्रमिक को उसके जीवनकाल में सिर्फ एक मकान के लिये पन्द्रह हजार रुपये की राशि शौचालय बनाने के लिये दी जायेगी। शौचालय का निर्माण श्रमिक को स्वयं के साधनों से करना होगा। उसे दो किश्तों में यह राशि दी जायेगी। 50 प्रतिशत राशि अनुदान स्वीकृत करने वाले अधिकारी को प्रस्ताव प्रस्तुत करने एवं नींव खुदाई की प्रारंभिक कार्यवाही करने पर मिलेगी जबकि शेष 50 प्रतिशत राशि शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दी जायेगी।
योजना के अनुसार, शौचालय का निर्माण पूर्ण होने के संबंध में प्रमाण स्वरुप शौचालय का फोटो निर्माण श्रमिक के साथ खिंचवाकर कार्यालय में जमा करना होगा। पन्द्रह हजार रुपये का यह अनुदान उसी पंजीकृत श्रमिक को मिलेगा जिसके मकान में शौचालय नहीं है। इस अनुदान को प्राप्त करने के लिये ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तथा शहरी क्षेत्र में अपने-अपने क्षेत्राधिकार वाले सहायक श्रमायुक्त, श्रम पदाधिकारी, सहायक श्रम पदाधिकारी को आवेदन किया जा सकेगा।
उर्दू अकादमी में समाहित
भोपाल। राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने अल्लामा इकबाल अदबी मरकज को साहित्य अकादमी मप्र संस्कृति परिषद भोपाल से पृथक कर इसे मप्र उर्दू अकादमी में समाहित कर दिया है तथा संस्कृति परिषद को अल्लामा इकबाल के लिये आवंटित बजट एवं इसकी चल-अचल सम्पत्ति भी उर्दू अकादमी को सौंप दी है। ऐसा उर्दू अकादमा को महत्व देने के लिये किया गया है।