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ग्वालियर। भले ही मध्य प्रदेश सरकार व्यापम कांड की जांच के लिए सीबीआइ पर दबाव नहीं बना पा रही हो, लेकिन जांच प्रभावित करने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बुधवार को सीबीआइ के डीएसपी ने हाई कोर्ट में प्रदेश सरकार के जांच को प्रभावित करने के तरीकों का खुलासा किया।
डीएसपी ने कहा कि सरकार हमें काम नहीं करने दे रही है। ऑफिस के लिए जो चार कमरे दिए थे, उनमें से दो कमरों पर जल संसाधन विभाग ने ताला लगा दिया, जब कलेक्टर को अवगत कराया तो उन्होंने जवाब दिया कि अपना दफ्तर तिघरा (अन्य स्थान) पर बना लो। हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीबीआइ को निर्देशित किया कि जो समस्याएं बताई जा रही हैं, उन्हें शपथ पत्र पर पेश करें। हम कार्रवाई करेंगे।
बुधवार को न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की कोर्ट में व्यापम कांड के आरोपियों की जमानत पर सुनवाई हुई। सीबीआइ के डीएसपी राजीव चंदोला ने जांच में आ रही परेशानियों से कोर्ट को अवगत कराया। चंबल कॉलोनी में ऑफिस के लिए चार कमरे दिए गए थे, लेकिन अचानक जल संसाधन विभाग के इंजीनियर ने दो कमरों में ताला डाल दिया, जिससे काम करने में परेशानी आ रही है। कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं, जब हमने इंजीनियर से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि रबी की फसल का सीजन शुरू हो रहा है, जिसके लिए अधिकारियों का आना व जाना होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कमरों की जरूरत होगी। इसी प्रकार से कृषि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में सीबीआइ अधिकारियों को रहने के लिए कमरे दिए गए हैं। वहां से भी कमरे खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। कामकाज के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं दिए गए और जो दिए- उनकी दशा खराब है।
ग्वालियर। भले ही मध्य प्रदेश सरकार व्यापम कांड की जांच के लिए सीबीआइ पर दबाव नहीं बना पा रही हो, लेकिन जांच प्रभावित करने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बुधवार को सीबीआइ के डीएसपी ने हाई कोर्ट में प्रदेश सरकार के जांच को प्रभावित करने के तरीकों का खुलासा किया।
डीएसपी ने कहा कि सरकार हमें काम नहीं करने दे रही है। ऑफिस के लिए जो चार कमरे दिए थे, उनमें से दो कमरों पर जल संसाधन विभाग ने ताला लगा दिया, जब कलेक्टर को अवगत कराया तो उन्होंने जवाब दिया कि अपना दफ्तर तिघरा (अन्य स्थान) पर बना लो। हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीबीआइ को निर्देशित किया कि जो समस्याएं बताई जा रही हैं, उन्हें शपथ पत्र पर पेश करें। हम कार्रवाई करेंगे।
बुधवार को न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की कोर्ट में व्यापम कांड के आरोपियों की जमानत पर सुनवाई हुई। सीबीआइ के डीएसपी राजीव चंदोला ने जांच में आ रही परेशानियों से कोर्ट को अवगत कराया। चंबल कॉलोनी में ऑफिस के लिए चार कमरे दिए गए थे, लेकिन अचानक जल संसाधन विभाग के इंजीनियर ने दो कमरों में ताला डाल दिया, जिससे काम करने में परेशानी आ रही है। कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं, जब हमने इंजीनियर से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि रबी की फसल का सीजन शुरू हो रहा है, जिसके लिए अधिकारियों का आना व जाना होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कमरों की जरूरत होगी। इसी प्रकार से कृषि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में सीबीआइ अधिकारियों को रहने के लिए कमरे दिए गए हैं। वहां से भी कमरे खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। कामकाज के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं दिए गए और जो दिए- उनकी दशा खराब है।