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इंदौर—मंदसौर—नीमच। अवैध हथियारों के सप्लाय के मामले में एटीएस की गिरफ्त में आए इंसपेक्टर अभिनव शुक्ला, पुलिसकर्मी विनोद नामदेव और शैलेंद्र से एटीएस और पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। तीनो आरोपी फिर से रिमांड पर है। तीन दिवस के रिमांड के बाद इन्हें मंगलवार कोर्ट पेश किया गया, जहां से एक दिन का रिमांड और दिया गया है। एटीएस को कई ऐसी जानकारी मिली है, जिसमें अभिनव शुक्ला के तस्करों से गठजोड था और मंदसौर में सक्रिय मादक पदार्थ के तस्करों तथा अन्य बदमाशों से गठजोड की जानकारी हासिल की जा रही है।
नीमच जिले के केसरपुरा के नजदीक29 मार्च 2015 को एम्बूलेंस कांड हुआ था। एक रांग साइड आ रहे ट्रॉले से डोडाचूरा से भरकर जा रही एम्बूलेंस नुमा गामा भयंकर रूप से टकराई और इससे आग लग गई। इसमें तीन व्यक्ति जिंदा जल गए थे। ये तीनों मंदसौर के थे और एक घायल पुलिसकर्मी का रिश्तेदार निकला। एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की तस्करी की जा रही थी। जली हुई गामा एम्बूलेंस में डोडाचूरा के छिलके और कुछ अवशेष मिले थे। पुलिस ने इस मामले में एनडपीएस एक्ट के तहत एक पुलिसकर्मी के बेटे के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
बताया जा रहा है कि जो आरोपी अभिनव शुक्ला के साथ पुलिसकर्मी शैलेद्र अवैध हथियारों की सप्लाय के मामले में पडकाया है, वह डोडाचूरा से भरी एम्बूलेंस के आगे—पीछे चल रहा था और पायलेटिंग की भूमिका भी निभा रहा था। उसने जिला अस्पताल में मृतको की शिनाख्त भी की थी, जो एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की तस्करी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि भावगढ क्षेत्र से यह डोडाचूरा भरा गया था। एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की गैंग पुलिस और तस्कर का गठजोड मिलकर चला रहा था।
इस मामल में भी पुलिसकर्मी की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी,इस मामले में भी लीपापोती करवाने में इंसपेक्टर अभिनव शुक्ला की संदिग्ध भूमिका नजर आई थी।
एटीएस को आरोपी अभिनव शुक्ला के घर मिले दस्तावेजों में डोडाचूरा ठेके में साझेदारी की पुष्टि हुई है। आरोपी अभिनव शुक्ला मंदसौर सहित अन्य क्षेत्र में डोडाचूरा का साइलेंट ठेकेदार बन गया था और अवेध वसूली में लिप्त था। पुलिस अफसरों से सांठगांठ का भी पता लगाया जा रहा है। पूछताछ में अभिनव शुक्ला ने सांठगांठ होने की बात कबूली है। एटीएस अभिनव शुक्ला के साथ देने वाले लोगों की तलााश् में जुटी हुई है।
इंदौर—मंदसौर—नीमच। अवैध हथियारों के सप्लाय के मामले में एटीएस की गिरफ्त में आए इंसपेक्टर अभिनव शुक्ला, पुलिसकर्मी विनोद नामदेव और शैलेंद्र से एटीएस और पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। तीनो आरोपी फिर से रिमांड पर है। तीन दिवस के रिमांड के बाद इन्हें मंगलवार कोर्ट पेश किया गया, जहां से एक दिन का रिमांड और दिया गया है। एटीएस को कई ऐसी जानकारी मिली है, जिसमें अभिनव शुक्ला के तस्करों से गठजोड था और मंदसौर में सक्रिय मादक पदार्थ के तस्करों तथा अन्य बदमाशों से गठजोड की जानकारी हासिल की जा रही है।
नीमच जिले के केसरपुरा के नजदीक29 मार्च 2015 को एम्बूलेंस कांड हुआ था। एक रांग साइड आ रहे ट्रॉले से डोडाचूरा से भरकर जा रही एम्बूलेंस नुमा गामा भयंकर रूप से टकराई और इससे आग लग गई। इसमें तीन व्यक्ति जिंदा जल गए थे। ये तीनों मंदसौर के थे और एक घायल पुलिसकर्मी का रिश्तेदार निकला। एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की तस्करी की जा रही थी। जली हुई गामा एम्बूलेंस में डोडाचूरा के छिलके और कुछ अवशेष मिले थे। पुलिस ने इस मामले में एनडपीएस एक्ट के तहत एक पुलिसकर्मी के बेटे के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
बताया जा रहा है कि जो आरोपी अभिनव शुक्ला के साथ पुलिसकर्मी शैलेद्र अवैध हथियारों की सप्लाय के मामले में पडकाया है, वह डोडाचूरा से भरी एम्बूलेंस के आगे—पीछे चल रहा था और पायलेटिंग की भूमिका भी निभा रहा था। उसने जिला अस्पताल में मृतको की शिनाख्त भी की थी, जो एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की तस्करी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि भावगढ क्षेत्र से यह डोडाचूरा भरा गया था। एम्बूलेंस के माध्यम से डोडाचूरा की गैंग पुलिस और तस्कर का गठजोड मिलकर चला रहा था।
इस मामल में भी पुलिसकर्मी की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी,इस मामले में भी लीपापोती करवाने में इंसपेक्टर अभिनव शुक्ला की संदिग्ध भूमिका नजर आई थी।
एटीएस को आरोपी अभिनव शुक्ला के घर मिले दस्तावेजों में डोडाचूरा ठेके में साझेदारी की पुष्टि हुई है। आरोपी अभिनव शुक्ला मंदसौर सहित अन्य क्षेत्र में डोडाचूरा का साइलेंट ठेकेदार बन गया था और अवेध वसूली में लिप्त था। पुलिस अफसरों से सांठगांठ का भी पता लगाया जा रहा है। पूछताछ में अभिनव शुक्ला ने सांठगांठ होने की बात कबूली है। एटीएस अभिनव शुक्ला के साथ देने वाले लोगों की तलााश् में जुटी हुई है।