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भोपाल। प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय की जगह अब सिंहस्थ का प्रभार परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपने की तैयारी है। श्री विजयवर्गीय के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही सिंहस्थ का प्रभार भी रिक्त है। श्री सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है साथ ही उनकी गिनती तेजतर्रार मंत्रियों में होती है। उन्हें जल्द ही उज्जैन जिले का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा श्री विजयवर्गीय के प्रभार वाले दो अन्य जिलों बुरहानपुर एवं खंडवा के प्रभारी भी बनाए जाने हैं। माना जा रहा है कि खंडवा का प्रभार शिक्षा मंत्री पारस जैन को एवं बुरहानपुर का प्रभार खाद्यमंत्री विजय शाह को सौंपा जा सकता है। इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2016 को पूरा कराने के लिए अपने मंत्रिमंडल में सबसे लायक मंत्री भूपेंद्र सिंह को माना है। वर्तमान में भूपेन्द्र सिंह के पास परिवहन विभाग के आलावा आईटी, लोक सेवा प्रबंधन तथा जनशिकायत विभाग की जिम्मेदारी हैं और वे इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री होने के साथ ही टीकमगढ़ जिले का प्रभार भी उन्हीं के पास हैं।
भूपेन्द्र सिंह को अब उज्जैन जिले का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है, जबकि खाद्य मंत्री विजय शाह के पास वर्तमान में खरगौन तथा बड़वानी जिले का प्रभार हैं और उन्हें बुरहानपुर का भी प्रभार दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन के पास रतलाम तथा शाजापुर जिले का प्रभार है, अब उन्हें खंडवा का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
यह है शिवराज मंत्रिमंडल के सीनियर मंत्री
शिवराज मंत्रिमंडल में सबसे सीनियर मंत्रियों में बाबूलाल गौर, जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, डा. गौरीशंकर शेजवार, सरताज सिंह, डा. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन, उमाशंकर गुप्ता, सुश्री कुसुम महदेले, यशोधरा राजे सिंधिया, पारसचंद जैन, राजेन्द्र शुक्ल, अंतरसिंह आर्य, रामपाल सिंह, ज्ञान सिंह तथा माया सिंह के बाद भूपेंद्र सिंह का नाम आता है। यानी सीनियर्टी में भूपेन्द्र सिंह का स्थान 18वें स्थान पर हैं, मगर मुख्यमंत्री ने उज्जैन में वर्ष 2016 में होने जा रहे सिंहस्थ कार्यों की जिम्मेदारी अन्य सीनियर मंत्रियों को देने की अपेक्षा भूपेंद्र सिंह को दी है। इससे भूपेंद्र का जहां कद बढ़ गया हैं, वहीं सागर में दो मंत्रियों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई को हवा मिल रही है
भोपाल। प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय की जगह अब सिंहस्थ का प्रभार परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपने की तैयारी है। श्री विजयवर्गीय के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही सिंहस्थ का प्रभार भी रिक्त है। श्री सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है साथ ही उनकी गिनती तेजतर्रार मंत्रियों में होती है। उन्हें जल्द ही उज्जैन जिले का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा श्री विजयवर्गीय के प्रभार वाले दो अन्य जिलों बुरहानपुर एवं खंडवा के प्रभारी भी बनाए जाने हैं। माना जा रहा है कि खंडवा का प्रभार शिक्षा मंत्री पारस जैन को एवं बुरहानपुर का प्रभार खाद्यमंत्री विजय शाह को सौंपा जा सकता है। इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2016 को पूरा कराने के लिए अपने मंत्रिमंडल में सबसे लायक मंत्री भूपेंद्र सिंह को माना है। वर्तमान में भूपेन्द्र सिंह के पास परिवहन विभाग के आलावा आईटी, लोक सेवा प्रबंधन तथा जनशिकायत विभाग की जिम्मेदारी हैं और वे इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री होने के साथ ही टीकमगढ़ जिले का प्रभार भी उन्हीं के पास हैं।
भूपेन्द्र सिंह को अब उज्जैन जिले का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है, जबकि खाद्य मंत्री विजय शाह के पास वर्तमान में खरगौन तथा बड़वानी जिले का प्रभार हैं और उन्हें बुरहानपुर का भी प्रभार दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन के पास रतलाम तथा शाजापुर जिले का प्रभार है, अब उन्हें खंडवा का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
यह है शिवराज मंत्रिमंडल के सीनियर मंत्री
शिवराज मंत्रिमंडल में सबसे सीनियर मंत्रियों में बाबूलाल गौर, जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, डा. गौरीशंकर शेजवार, सरताज सिंह, डा. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन, उमाशंकर गुप्ता, सुश्री कुसुम महदेले, यशोधरा राजे सिंधिया, पारसचंद जैन, राजेन्द्र शुक्ल, अंतरसिंह आर्य, रामपाल सिंह, ज्ञान सिंह तथा माया सिंह के बाद भूपेंद्र सिंह का नाम आता है। यानी सीनियर्टी में भूपेन्द्र सिंह का स्थान 18वें स्थान पर हैं, मगर मुख्यमंत्री ने उज्जैन में वर्ष 2016 में होने जा रहे सिंहस्थ कार्यों की जिम्मेदारी अन्य सीनियर मंत्रियों को देने की अपेक्षा भूपेंद्र सिंह को दी है। इससे भूपेंद्र का जहां कद बढ़ गया हैं, वहीं सागर में दो मंत्रियों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई को हवा मिल रही है