मध्यप्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह के खास समर्थक भाजपा नेता राजेश तिवारी निवासी खंडवा के खिलाफ शासकीय कार्य में पचास लाख चालीस हजार रुपयों की राशि हड़पने की शिकायत खंडवा जिले के खालवा थाणे में दर्ज।
मामला 9/4/2013 का है , मंत्री के खास समर्थक ने बाड़ी परियोजना का कार्य 19/11/2014 तक किया
इस मामले की शिकायत लोकायुक्त को की , जिसमे जाँच पश्चात शासन की और से अपराध क्रमांक 26/11में आईपीसी की धारा 420,406 और 409 के तहत खालवा थाणे में कायमी 3/2/16 की गई।
जिसकी जांच अधिकारी असलम कुरैशी द्वारा की जा रही है ।
आरोपी
सचिव राजेश तिवारी
निवासी रामेश्वर नगर खंडवा के खिलाफ आरोप है की राजेश तिवारी द्वारा हितग्राही कार्यों के लिए 50,40,000 रुपयों की राशि स्वयं हड़प लिए। व कोई हिसाब नहीं दिया।
अभिनव भारत योजना के अंतर्गत कुपोषण से निपटने के लिए खंडवा के आदिवासी विकासखंड खालवा को 150 लाख रुपयो कि जो विशेष सहायता मिली , उसमे कुल 50 लाख 40 हजार रुपयों कि राशि ,बगैर कोई कार्य किये निकाल ली गई , यह मामला सामने तब आया , जब एक आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इस आर टी आई कार्यकर्ता ने पुरे मामले कि मय दस्तावेज लोकायुक्त इंदौर में 21-8-13 को शिकायत कि। लोकायुक्त ने यह मामला जाँच हेतु खंडवा कलेक्टर को भेजा,
खंडवा जिले के ग्राम आशापुर निवासी ,आर टी आई कार्यकर्ता भविष्य जैन , जो अपने स्तर पर क्षेत्र के आदिवासियों को उनका हक दिलाने कि लड़ाई लड़ रहे है। इन्हे जानकारी मिली कि खालवा के जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी ने इसी वर्ष के पांचवे माह खंडवा जिला पंचायत को पत्र क्रमांक 954 में यह लिखा कि संबंधित एन जी ओ ने 633 हितग्राहियों कि संख्या बताकर देड करोड़ कि राशि में से चालीस प्रतिशत राशि जो 50लाख,40हजार रुपयों का आहरण कर लिया है जिसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही कि जावे। बस यही से मामला बिगड़ गया। और बड़ी मशक्क़त के बाद इस मामले कि पूरी जानकारी आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत निकाली और इंदौर लोकायुक्त को मय दस्तावेज 21-8-13 को इसकी शिकायत की ,
पूरा मामला क्या है -
केंद्र सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए वर्ष 2010 -11 में अभिनव भारत योजना के तहत कुल एक करोड़ पचास लाख रूपये कि बाड़ी परियोजना ,खंडवा जिले के आदिवासी विकास खंड खालवा जनपद पंचायत को 29 मार्च 2011 को आवंटित कि , जिसके तहत कुपोषित बच्चो के आदिवासी माता -पिता को अपने -घर आँगन में फल-सब्जी लगाये जाने हेतु न सिर्फ प्रशिक्षित किया जाना था ,बल्कि उन्हें उपयोगी सामग्री भी देनी थी। शासन कि गाइड लाइन के हिसाब से परियोजना को संचालित किये जाने के लिए कुल पांच एन जी ओ को काम दिया जाना था।हालांकि इस परियोजना के संचालित किये जाने के लिए प्रारम्भ में पांच एन जी ओ के नाम भी शामिल किये गए ,लेकिन दिल्ली से हितग्राहीयों कि राशि में वृद्धि करने कि मांग के नाम पर इस योजना को एक साल तक पेंडिंग रखा , और बाद में अपने चहेते को ना सिर्फ काम सौप दिया, बल्कि बिना काम किये कुल राशि के चालीस प्रतिशत राशि का चैक भी बनाकर दे दिया।जबकि नाबार्ड के नियमो के आधार पर पहले हितग्राहियों को चयनित किया जाकर उनकी सूचि बनाई जाती , फिर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता , उसके बाद उन्हें बाड़ी लगाई जाने के लिए उपयोगी सामग्री दी जाती।और फिर हितग्राहियों को बाड़ी कि प्रोग्रेस के आधार पर किश्तो में राशि का भुगतान किया गया
लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह मामला प्रदेश के केबिनेट जातीमंत्री विजय शाह कि विधान सभा का होने के कारण , सभी नियमो को ताक पर रखकर , चयन समिति को आधार बनाकर , मंत्री के ख़ास भाजपा नेता राजेश तिवारी के तेजस्वी लोक सेवा कार्यक्रम एवं शोध संस्थान , पता रामेश्वर रोड खंडवा नामक एन जी ओ को काम दे दिया गया। जबकि योजनानुसार प्रारम्भ में यह कार्य जिले के उद्यानिकी विभाग से करवाया जाना था। लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते उद्यानिकी विभाग ने कर्मचारियों कि संख्या में कमी दर्शाते हुए इस कार्य को करने में अपनी असमर्थता जाहिर कि, फिर यह कार्य जिले के आदिम जाती कल्याण विभाग के जरिये खालवा जनपद पंचायत को करवाने हेतु भेजा , यही से खेल आरम्भ हुआ। बाड़ी परियोजना को खालवा विकासखंड के पांच राजस्व ग्राम और लगभग बीस वनग्रामों में लागू किये जाने के नाम पर इसी वर्ष के मई माह कि एक तारीख को जनपद पंचायत खालवा को लिखे पत्र में हितग्राहियों कि संख्या 633 बताकर चालीस प्रतिशत राशि कि मांग कि और सबसे मजेदार बात यह रही कि आवेदन प्राप्त होने के छठवें दिन याने सात मई को विभाग ने चेक नंबर 3022752 के माध्यम से पचास लाख चालीस हजार रुपयों कि राशि आंवटित कर दी। जिसके बाद खालवा जनपद पंचायत कि नींद खुली और उसने जिला मुख्यालय खंडवा को भेजे पत्र क्रमांक 954 में एनजीओ द्वारा फर्जी तरीके से राशि के आहरण कि बात लिखते हुए उसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने कि मांग कि। चूँकि मामला प्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह के ख़ास भाजपा नेता से जुड़ा होने के कारण प्रशासन खुलकर कार्यवाही करने से कतरा रहा है। आर टी आई कार्यकर्ता ने जो शिकायत लोकायुक्त भोपाल को कि थी , लोकायुक्त ने वह शिकायत खंडवा कलेकटर को जाँच के लिए भेज दी। कलेक्टर ने सक्षम अधिकारी से फिल्ड स्तर पर जाँच करवायी ।
लोकायुक्त ने जाँच हेतु यह प्रकरण खंडवा कलेकटर को भेजा तो ताबड़ -तोड़ खालवा जनपद पंचायत सीओ को पदमुक्त करते हुए उनकी जगह बैतूल के एक अधिकारी को ,खालवा जनपद पंचायत का कार्यभार सौंप दिया, इससे जाँच कि विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे है।
मामला 9/4/2013 का है , मंत्री के खास समर्थक ने बाड़ी परियोजना का कार्य 19/11/2014 तक किया
इस मामले की शिकायत लोकायुक्त को की , जिसमे जाँच पश्चात शासन की और से अपराध क्रमांक 26/11में आईपीसी की धारा 420,406 और 409 के तहत खालवा थाणे में कायमी 3/2/16 की गई।
जिसकी जांच अधिकारी असलम कुरैशी द्वारा की जा रही है ।
आरोपी
सचिव राजेश तिवारी
निवासी रामेश्वर नगर खंडवा के खिलाफ आरोप है की राजेश तिवारी द्वारा हितग्राही कार्यों के लिए 50,40,000 रुपयों की राशि स्वयं हड़प लिए। व कोई हिसाब नहीं दिया।
अभिनव भारत योजना के अंतर्गत कुपोषण से निपटने के लिए खंडवा के आदिवासी विकासखंड खालवा को 150 लाख रुपयो कि जो विशेष सहायता मिली , उसमे कुल 50 लाख 40 हजार रुपयों कि राशि ,बगैर कोई कार्य किये निकाल ली गई , यह मामला सामने तब आया , जब एक आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इस आर टी आई कार्यकर्ता ने पुरे मामले कि मय दस्तावेज लोकायुक्त इंदौर में 21-8-13 को शिकायत कि। लोकायुक्त ने यह मामला जाँच हेतु खंडवा कलेक्टर को भेजा,
खंडवा जिले के ग्राम आशापुर निवासी ,आर टी आई कार्यकर्ता भविष्य जैन , जो अपने स्तर पर क्षेत्र के आदिवासियों को उनका हक दिलाने कि लड़ाई लड़ रहे है। इन्हे जानकारी मिली कि खालवा के जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी ने इसी वर्ष के पांचवे माह खंडवा जिला पंचायत को पत्र क्रमांक 954 में यह लिखा कि संबंधित एन जी ओ ने 633 हितग्राहियों कि संख्या बताकर देड करोड़ कि राशि में से चालीस प्रतिशत राशि जो 50लाख,40हजार रुपयों का आहरण कर लिया है जिसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही कि जावे। बस यही से मामला बिगड़ गया। और बड़ी मशक्क़त के बाद इस मामले कि पूरी जानकारी आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत निकाली और इंदौर लोकायुक्त को मय दस्तावेज 21-8-13 को इसकी शिकायत की ,
पूरा मामला क्या है -
केंद्र सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए वर्ष 2010 -11 में अभिनव भारत योजना के तहत कुल एक करोड़ पचास लाख रूपये कि बाड़ी परियोजना ,खंडवा जिले के आदिवासी विकास खंड खालवा जनपद पंचायत को 29 मार्च 2011 को आवंटित कि , जिसके तहत कुपोषित बच्चो के आदिवासी माता -पिता को अपने -घर आँगन में फल-सब्जी लगाये जाने हेतु न सिर्फ प्रशिक्षित किया जाना था ,बल्कि उन्हें उपयोगी सामग्री भी देनी थी। शासन कि गाइड लाइन के हिसाब से परियोजना को संचालित किये जाने के लिए कुल पांच एन जी ओ को काम दिया जाना था।हालांकि इस परियोजना के संचालित किये जाने के लिए प्रारम्भ में पांच एन जी ओ के नाम भी शामिल किये गए ,लेकिन दिल्ली से हितग्राहीयों कि राशि में वृद्धि करने कि मांग के नाम पर इस योजना को एक साल तक पेंडिंग रखा , और बाद में अपने चहेते को ना सिर्फ काम सौप दिया, बल्कि बिना काम किये कुल राशि के चालीस प्रतिशत राशि का चैक भी बनाकर दे दिया।जबकि नाबार्ड के नियमो के आधार पर पहले हितग्राहियों को चयनित किया जाकर उनकी सूचि बनाई जाती , फिर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता , उसके बाद उन्हें बाड़ी लगाई जाने के लिए उपयोगी सामग्री दी जाती।और फिर हितग्राहियों को बाड़ी कि प्रोग्रेस के आधार पर किश्तो में राशि का भुगतान किया गया
लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह मामला प्रदेश के केबिनेट जातीमंत्री विजय शाह कि विधान सभा का होने के कारण , सभी नियमो को ताक पर रखकर , चयन समिति को आधार बनाकर , मंत्री के ख़ास भाजपा नेता राजेश तिवारी के तेजस्वी लोक सेवा कार्यक्रम एवं शोध संस्थान , पता रामेश्वर रोड खंडवा नामक एन जी ओ को काम दे दिया गया। जबकि योजनानुसार प्रारम्भ में यह कार्य जिले के उद्यानिकी विभाग से करवाया जाना था। लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते उद्यानिकी विभाग ने कर्मचारियों कि संख्या में कमी दर्शाते हुए इस कार्य को करने में अपनी असमर्थता जाहिर कि, फिर यह कार्य जिले के आदिम जाती कल्याण विभाग के जरिये खालवा जनपद पंचायत को करवाने हेतु भेजा , यही से खेल आरम्भ हुआ। बाड़ी परियोजना को खालवा विकासखंड के पांच राजस्व ग्राम और लगभग बीस वनग्रामों में लागू किये जाने के नाम पर इसी वर्ष के मई माह कि एक तारीख को जनपद पंचायत खालवा को लिखे पत्र में हितग्राहियों कि संख्या 633 बताकर चालीस प्रतिशत राशि कि मांग कि और सबसे मजेदार बात यह रही कि आवेदन प्राप्त होने के छठवें दिन याने सात मई को विभाग ने चेक नंबर 3022752 के माध्यम से पचास लाख चालीस हजार रुपयों कि राशि आंवटित कर दी। जिसके बाद खालवा जनपद पंचायत कि नींद खुली और उसने जिला मुख्यालय खंडवा को भेजे पत्र क्रमांक 954 में एनजीओ द्वारा फर्जी तरीके से राशि के आहरण कि बात लिखते हुए उसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने कि मांग कि। चूँकि मामला प्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह के ख़ास भाजपा नेता से जुड़ा होने के कारण प्रशासन खुलकर कार्यवाही करने से कतरा रहा है। आर टी आई कार्यकर्ता ने जो शिकायत लोकायुक्त भोपाल को कि थी , लोकायुक्त ने वह शिकायत खंडवा कलेकटर को जाँच के लिए भेज दी। कलेक्टर ने सक्षम अधिकारी से फिल्ड स्तर पर जाँच करवायी ।
लोकायुक्त ने जाँच हेतु यह प्रकरण खंडवा कलेकटर को भेजा तो ताबड़ -तोड़ खालवा जनपद पंचायत सीओ को पदमुक्त करते हुए उनकी जगह बैतूल के एक अधिकारी को ,खालवा जनपद पंचायत का कार्यभार सौंप दिया, इससे जाँच कि विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे है।