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- भारत सरकार की संस्था को गालियो से संबोधित करने वाला थानेदार ।
- पत्रकारो को जूते की नोक पर रखने वाला कानपुर का थानेदार ।
- कानपुर के कप्तान शलभ माथुर् का नाम लेकर धौष् दिखाने वाला थानेदार।
- वर्दी के नशे में चूर कानपुर का नीरज यादव।
सूबे में समाजवादी सरकार है जिसके मुखिया श्री मान अखिलेश यादव जी है अखिलेश सरकार में नाम के आगे यादव लगा होना किसी वरदान से कम नही है , यादव होने के वरदान का सबसे प्रमुख फायदा तब मिलता है जब किसी थानेदार का रिस्तेदार या फिर सम्बन्धी सपा सरकार से जुड़ा हुआ हो ।
ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर महानगर से सामने आया है , कानपुर महानगर के सी ओ बाबुपुरवा सर्किल में आने वाले जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने जन एक्सप्रेस अखबार के सहसंपादक को मामूली सी बात पर ""फोन पर धमकी देते हुए कह दिया कि वह पत्रकारो को जूते की नोक पर रखते है अगर संपादक महोदय उनके थाना छेत्र में कही भी दिखाई दिए तो वह सलाखों के पीछे पहुचा देंगे ।""
जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने भारत सरकार के उस विभाग को भी नहीं बक्शा जो क़ि किसी पत्रकार को यह अधिकार देता है कि वह आम जनता के सरोकारों और उनके उत्पीड़न के खिलाफ अपनी कलम से सत्य उजागर कर सके ।
"" नीरज यादव के अगर पुराने रिकार्ड पर गौर किया जाए तो यह साफ़ पता चलता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में उन्हें सिर्फ थानेदार इस लिए बनाया गया है क्योकि उनके सरनेम के आगे यादव शब्द निहित है ऐसे में नीरज यादव पर किसी तरह की विभागीय कार्यवाही की बात सोचना भी बेईमानी होगी ।
- भारत सरकार की संस्था को गालियो से संबोधित करने वाला थानेदार ।
- पत्रकारो को जूते की नोक पर रखने वाला कानपुर का थानेदार ।
- कानपुर के कप्तान शलभ माथुर् का नाम लेकर धौष् दिखाने वाला थानेदार।
- वर्दी के नशे में चूर कानपुर का नीरज यादव।
सूबे में समाजवादी सरकार है जिसके मुखिया श्री मान अखिलेश यादव जी है अखिलेश सरकार में नाम के आगे यादव लगा होना किसी वरदान से कम नही है , यादव होने के वरदान का सबसे प्रमुख फायदा तब मिलता है जब किसी थानेदार का रिस्तेदार या फिर सम्बन्धी सपा सरकार से जुड़ा हुआ हो ।
ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर महानगर से सामने आया है , कानपुर महानगर के सी ओ बाबुपुरवा सर्किल में आने वाले जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने जन एक्सप्रेस अखबार के सहसंपादक को मामूली सी बात पर ""फोन पर धमकी देते हुए कह दिया कि वह पत्रकारो को जूते की नोक पर रखते है अगर संपादक महोदय उनके थाना छेत्र में कही भी दिखाई दिए तो वह सलाखों के पीछे पहुचा देंगे ।""
जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने भारत सरकार के उस विभाग को भी नहीं बक्शा जो क़ि किसी पत्रकार को यह अधिकार देता है कि वह आम जनता के सरोकारों और उनके उत्पीड़न के खिलाफ अपनी कलम से सत्य उजागर कर सके ।
"" नीरज यादव के अगर पुराने रिकार्ड पर गौर किया जाए तो यह साफ़ पता चलता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में उन्हें सिर्फ थानेदार इस लिए बनाया गया है क्योकि उनके सरनेम के आगे यादव शब्द निहित है ऐसे में नीरज यादव पर किसी तरह की विभागीय कार्यवाही की बात सोचना भी बेईमानी होगी ।