भोपाल // अवधेश पुरोहित
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भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदेश की जनता को दिलाने के वायदे का झुनझुना पकड़ा इस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी के राज्य में नित्य नये-नये भ्रष्टाचार के तरीके खोजे जा रहे हैं हाल ही में बिना मंत्रीपरिषद में भेजे एक नीतिगत फैसला प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों सत्ता के दलालों और ठेकेदार के रैकेट के चलते सीधे मुख्यमंत्री को गुमराह करते हुए अचल सम्पत्ति अंतरण अधिनियम २०१६ को अनुमोदन करा दिया गया यही नहीं जल्दबाजी में प्रदेश के नगर निगम और नगरीय निकायों की सम्पत्ति को ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली गई २४ फरवरी २०१६ को प्रकाशित हुए इस असाधारण राजपत्र भी जल्दबाजी में प्रकाशित करा दिया गया भाजपा सरकार में सक्रिय मंत्रियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों का सक्रिय रैकेट नित नये-नये कोई भ्रष्टाचार के तरीके खोजने और उन्हें मुख्यमंत्री को गुमराह कर उन्हें जारी कराने के प्रयास में लगा रहता है जबकि नियम यह है कि कोई भी इस तरह का नीतिगत फैसला बिना मंत्रीपरिषद के निर्णय के बाद ही लागू किया जा सकता है मगर इस रैकेट में शामिल अधिकरियों ने प्रदेश में नगर निगम और नगरीय निकायों को लीज नवीनीकरण में संशोधन करने की तैयारी कर निगमों को अधिकार देकर सरकारी सम्पत्ति को बेचने की तैयारी कर ली है जिससे कि अधिकांश लोगों की जो लीज समाप्त हो रही है उसे इस अधिनियम के तहत नवीनीकरण कर दिया जाए कुल मिलाकर राज्य में मंत्री अधिकरियों सत्ता के दलालों और ठेकेदार के इस रैकेट के द्वारा पटवा सरकार के बाद जिस तरह से सरकारी जमीन को बंदरबांट कर उन्हें बेचने की तैयारी की जा रही है यदि उनकी यह मुहिम सक्रिय हो गई तो राज्यभर में नगर निगमों और नगरीय निकायों के अंतर्गत आनेवाली समस्त सरकारी भूमि लीज नवीनीकरण के नाम पर कौढिय़ों में बेचने की तैयारी की जा रही है इससे राज्य में वैसे भी कोई औद्योगीकरण के नाम पर सार्वजनिक उपयोग की भूमि चरनोई भूमि के साथ-साथ पहले ही उद्योग विकास के नाम पर सरकार द्वारा आवंटित कर दी गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार निरस्त कर दी गई अब राज्य में सक्रिय रैकेट के कारगुजारी के चलते नगर निगम और नगरीय निकायों की चल-अचल सम्पत्ति लीज नवीनीकरण के नाम पर बेचने की तैयारी की जा रही है।
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भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदेश की जनता को दिलाने के वायदे का झुनझुना पकड़ा इस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी के राज्य में नित्य नये-नये भ्रष्टाचार के तरीके खोजे जा रहे हैं हाल ही में बिना मंत्रीपरिषद में भेजे एक नीतिगत फैसला प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों सत्ता के दलालों और ठेकेदार के रैकेट के चलते सीधे मुख्यमंत्री को गुमराह करते हुए अचल सम्पत्ति अंतरण अधिनियम २०१६ को अनुमोदन करा दिया गया यही नहीं जल्दबाजी में प्रदेश के नगर निगम और नगरीय निकायों की सम्पत्ति को ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली गई २४ फरवरी २०१६ को प्रकाशित हुए इस असाधारण राजपत्र भी जल्दबाजी में प्रकाशित करा दिया गया भाजपा सरकार में सक्रिय मंत्रियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों का सक्रिय रैकेट नित नये-नये कोई भ्रष्टाचार के तरीके खोजने और उन्हें मुख्यमंत्री को गुमराह कर उन्हें जारी कराने के प्रयास में लगा रहता है जबकि नियम यह है कि कोई भी इस तरह का नीतिगत फैसला बिना मंत्रीपरिषद के निर्णय के बाद ही लागू किया जा सकता है मगर इस रैकेट में शामिल अधिकरियों ने प्रदेश में नगर निगम और नगरीय निकायों को लीज नवीनीकरण में संशोधन करने की तैयारी कर निगमों को अधिकार देकर सरकारी सम्पत्ति को बेचने की तैयारी कर ली है जिससे कि अधिकांश लोगों की जो लीज समाप्त हो रही है उसे इस अधिनियम के तहत नवीनीकरण कर दिया जाए कुल मिलाकर राज्य में मंत्री अधिकरियों सत्ता के दलालों और ठेकेदार के इस रैकेट के द्वारा पटवा सरकार के बाद जिस तरह से सरकारी जमीन को बंदरबांट कर उन्हें बेचने की तैयारी की जा रही है यदि उनकी यह मुहिम सक्रिय हो गई तो राज्यभर में नगर निगमों और नगरीय निकायों के अंतर्गत आनेवाली समस्त सरकारी भूमि लीज नवीनीकरण के नाम पर कौढिय़ों में बेचने की तैयारी की जा रही है इससे राज्य में वैसे भी कोई औद्योगीकरण के नाम पर सार्वजनिक उपयोग की भूमि चरनोई भूमि के साथ-साथ पहले ही उद्योग विकास के नाम पर सरकार द्वारा आवंटित कर दी गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार निरस्त कर दी गई अब राज्य में सक्रिय रैकेट के कारगुजारी के चलते नगर निगम और नगरीय निकायों की चल-अचल सम्पत्ति लीज नवीनीकरण के नाम पर बेचने की तैयारी की जा रही है।