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भोपाल, 26 अप्रैल 2016। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भोपाल से 186 समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। भोपाल से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की प्रसार संख्या 5 अरब 12 करोड़ 76 लाख 75 हजार 317 है। भोपाल की आबादी 1 करोड़ 91 लाख 7051 के अनुसार अगर हम यह मान ले कि प्रति परिवार द्वारा 2 समाचार पत्र ही खरीदे जाते है, तब भी 5 अरब तक नहीं पहुंच पायेंगे। यह संख्या 4 करोड़ मान सकते है। हम यहां फिलहाल कुछ ही समाचार पत्रों की प्रसार संख्या दे रहे हैं। बाकी विस्तृत खबर आपको 2 मई तक उपलब्ध करा पायेंगे कि मध्यप्रदेश में कितने समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और उनकी प्रसार संख्या सब मिलाकर कितनी होगी। जबकि मध्यप्रदेश की आबादी 7 करोड़ 26 लाख तक की मान सकते हैं।
1. पत्रिका : 2 लाख 75 हजार 501, 2. दैनिक भास्कर : 2 लाख 35007, 3. प्रदेश टुडे : 2 लाख 23 हजार 141, 4. राजएक्सप्रेस : 2 लाख 11 हजार 883, 5. दैनिक जागरण : 1 लाख 62 हजार 300, 6. नव दुनिया : 1 लाख 25 हजार 467, 7. नवभारत : 1 लाख 8 हजार 194, 8. सांध्य प्रकाश : 87 हजार 2073, 9. अमन का ऐलान : 75 हजार, 10. सिटी टुडे : 75 हजार, 11. दबंग दुनिया : 75 हजार, 12. हरीभूमि : 75 हजार, 13. नई दुनिया : 75 हजार, 14. पीपुल्स समाचार : 75 हजार, 15. समय जगत : 75 हजार, 16. स्वतंत्र समय : 75 हजार, 17. जन-जन जागरण : 74 हजार, 18. अग्निबाण : 73 हजार 845, 19. स्वदेश : 72 हजार, 20. जनता सरकार : 71 हजार 865, 21. हिन्दुस्तान एक्सप्रेस : 71 हजार 250, 22. हक एवं इंसाफ : 70 हजार, 23. राष्ट्रबोध : 69 हजार, 24. रोजगार निर्माण : 66 हजार, 25. देशबंधु : 66 हजार
यह जो 5 अरब का हमने आंकड़ा दिया है वर्तमान में सिर्फ 50 समाचार पत्र-पत्रिकाओं का है। यदि यह आंकड़े सही है तो हम मान सकते हैं कि भोपाल में शत-प्रतिशत साक्षारता हो चुकी है। कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि केन्द्र और राज्य सरकार को लूटने का बड़ा षडय़ंत्र है और इसमें प्रमुख हाथ रजिस्टार न्यूज पेपर ऑफ इंडिया के अधिकारियों पर उगंली उठती है। आखिर वो भौतिक रूप से समाचार पत्रों की प्रसार संख्या का आंकलन क्यों नहीं करते। इस प्रसार संख्या को देखकर भारी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
भोपाल, 26 अप्रैल 2016। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भोपाल से 186 समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। भोपाल से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की प्रसार संख्या 5 अरब 12 करोड़ 76 लाख 75 हजार 317 है। भोपाल की आबादी 1 करोड़ 91 लाख 7051 के अनुसार अगर हम यह मान ले कि प्रति परिवार द्वारा 2 समाचार पत्र ही खरीदे जाते है, तब भी 5 अरब तक नहीं पहुंच पायेंगे। यह संख्या 4 करोड़ मान सकते है। हम यहां फिलहाल कुछ ही समाचार पत्रों की प्रसार संख्या दे रहे हैं। बाकी विस्तृत खबर आपको 2 मई तक उपलब्ध करा पायेंगे कि मध्यप्रदेश में कितने समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और उनकी प्रसार संख्या सब मिलाकर कितनी होगी। जबकि मध्यप्रदेश की आबादी 7 करोड़ 26 लाख तक की मान सकते हैं।
1. पत्रिका : 2 लाख 75 हजार 501, 2. दैनिक भास्कर : 2 लाख 35007, 3. प्रदेश टुडे : 2 लाख 23 हजार 141, 4. राजएक्सप्रेस : 2 लाख 11 हजार 883, 5. दैनिक जागरण : 1 लाख 62 हजार 300, 6. नव दुनिया : 1 लाख 25 हजार 467, 7. नवभारत : 1 लाख 8 हजार 194, 8. सांध्य प्रकाश : 87 हजार 2073, 9. अमन का ऐलान : 75 हजार, 10. सिटी टुडे : 75 हजार, 11. दबंग दुनिया : 75 हजार, 12. हरीभूमि : 75 हजार, 13. नई दुनिया : 75 हजार, 14. पीपुल्स समाचार : 75 हजार, 15. समय जगत : 75 हजार, 16. स्वतंत्र समय : 75 हजार, 17. जन-जन जागरण : 74 हजार, 18. अग्निबाण : 73 हजार 845, 19. स्वदेश : 72 हजार, 20. जनता सरकार : 71 हजार 865, 21. हिन्दुस्तान एक्सप्रेस : 71 हजार 250, 22. हक एवं इंसाफ : 70 हजार, 23. राष्ट्रबोध : 69 हजार, 24. रोजगार निर्माण : 66 हजार, 25. देशबंधु : 66 हजार
यह जो 5 अरब का हमने आंकड़ा दिया है वर्तमान में सिर्फ 50 समाचार पत्र-पत्रिकाओं का है। यदि यह आंकड़े सही है तो हम मान सकते हैं कि भोपाल में शत-प्रतिशत साक्षारता हो चुकी है। कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि केन्द्र और राज्य सरकार को लूटने का बड़ा षडय़ंत्र है और इसमें प्रमुख हाथ रजिस्टार न्यूज पेपर ऑफ इंडिया के अधिकारियों पर उगंली उठती है। आखिर वो भौतिक रूप से समाचार पत्रों की प्रसार संख्या का आंकलन क्यों नहीं करते। इस प्रसार संख्या को देखकर भारी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।