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फरीदाबाद। पत्रकार पूजा तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत का मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने उठने के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई है। पूजा मौत प्रकरण की जांच में शुरुआती लापरवाही के बाद पुलिस टीम अब सघन जांच में जुट गई है। गौरतलब है कि सोमवार को जिले के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा था, जिसमें पूजा की मौत की जांच एसआइटी से कराने की मांग की गई थी।
पुलिस को साख बचाने की चुनौती
पुलिस इस मामले की तह तक जाकर अपनी साख भी बचाना चाहती है। यही कारण है कि पुलिस ने इंस्पेक्टर अमित का रिमांड खत्म होने के आखिरी दिन भी कई तथ्य भी जुटाए।
इंस्पेक्टर अमित की हैंड राइटिंग के नमून लिए
पुलिस ने फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने इंस्पेक्टर अमित कुमार की हैंड राइटिंग व उसकी आवाज के सैंपल लिए। इनसे पुलिस को जांच करने में महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लग सकते हैं।
वहीं, चार दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने पर इंस्पेक्टर अमित कुमार को आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तरुण सिंघल की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बता दें कि दो मई की रात सेक्टर-46 सदभावना अपार्टमेंट से गिरकर पत्रकार पूजा तिवारी की मौत हो गई थी। उस दौरान इंस्पेक्टर अमित कुमार व उसकी महिला दोस्त थी।
रविवार को एफएसएल की टीम जांच के लिए फरीदाबाद आई। टीम ने सदभावना अपार्टमेंट से पूजा की मौत के मामले में बारीकी पहलुओं से जांच की। उनके साथ इंस्पेक्टर अमित कुमार भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने टीम को पूरा घटनाक्रम बताया। टीम ने घटनास्थल पर मिले सामान को अपने कब्जे में लिया।
टीम ने अमित कुमार की हैंड राइटिंग का सैंपल पूजा के नाम से मिले सुसाइड नोट और आवाज के सैंपल घटना से पहले पूजा व उसके मित्र भरत के बीच बातचीत के ऑडियो की जांच को लिए हैं।
इस चर्चित मामले में इंस्पेक्टर अमित को अदालत में पेश करने से पहले उसकी संलिप्तता या बेगुनाही से संबंधित सभी तथ्य और सबूत पुलिस जुटाना चाहती है। चूंकि कोर्ट में पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी को लेकर सही स्थिति पेश कर सके। यही वजह है कि पुलिस हर पहलू का बारीकी से अध्ययन कर रही है।
फरीदाबाद। पत्रकार पूजा तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत का मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने उठने के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई है। पूजा मौत प्रकरण की जांच में शुरुआती लापरवाही के बाद पुलिस टीम अब सघन जांच में जुट गई है। गौरतलब है कि सोमवार को जिले के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा था, जिसमें पूजा की मौत की जांच एसआइटी से कराने की मांग की गई थी।
पुलिस को साख बचाने की चुनौती
पुलिस इस मामले की तह तक जाकर अपनी साख भी बचाना चाहती है। यही कारण है कि पुलिस ने इंस्पेक्टर अमित का रिमांड खत्म होने के आखिरी दिन भी कई तथ्य भी जुटाए।
इंस्पेक्टर अमित की हैंड राइटिंग के नमून लिए
पुलिस ने फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने इंस्पेक्टर अमित कुमार की हैंड राइटिंग व उसकी आवाज के सैंपल लिए। इनसे पुलिस को जांच करने में महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लग सकते हैं।
वहीं, चार दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने पर इंस्पेक्टर अमित कुमार को आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तरुण सिंघल की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बता दें कि दो मई की रात सेक्टर-46 सदभावना अपार्टमेंट से गिरकर पत्रकार पूजा तिवारी की मौत हो गई थी। उस दौरान इंस्पेक्टर अमित कुमार व उसकी महिला दोस्त थी।
रविवार को एफएसएल की टीम जांच के लिए फरीदाबाद आई। टीम ने सदभावना अपार्टमेंट से पूजा की मौत के मामले में बारीकी पहलुओं से जांच की। उनके साथ इंस्पेक्टर अमित कुमार भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने टीम को पूरा घटनाक्रम बताया। टीम ने घटनास्थल पर मिले सामान को अपने कब्जे में लिया।
टीम ने अमित कुमार की हैंड राइटिंग का सैंपल पूजा के नाम से मिले सुसाइड नोट और आवाज के सैंपल घटना से पहले पूजा व उसके मित्र भरत के बीच बातचीत के ऑडियो की जांच को लिए हैं।
इस चर्चित मामले में इंस्पेक्टर अमित को अदालत में पेश करने से पहले उसकी संलिप्तता या बेगुनाही से संबंधित सभी तथ्य और सबूत पुलिस जुटाना चाहती है। चूंकि कोर्ट में पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी को लेकर सही स्थिति पेश कर सके। यही वजह है कि पुलिस हर पहलू का बारीकी से अध्ययन कर रही है।