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भोपाल। व्यापमं घोटाले के आरोपी और डीमेट के कोषाध्यक्ष योगेश उपरीत से भोपाल में एसटीएफ ने बुधवार को पूछताछ की। एडीजी एसटीएफ सुधीर शाही की मौजूदगी में देर रात तक उपरीत से और राज उगलवाने की कोशिश चलती रही। उपरीत ने एसटीएफ को भी वो ही बयान दिए, जो उसने ग्वालियर एसआईटी को दिए थे। उसने एसटीएफ को बताया कि व्यापमं के अलावा डीमेट में भी गोले काले किए जाते थे। ग्वालियर एसआईटी के हेड एआईजी वीरेंद्र जैन के नेतृत्व में एक टीम उपरीत को लेकर शताब्दी एक्सप्रेस से करीब तीन बजे भोपाल पहुंची। 75 साल के उपरीत को सीधे एसटीएफ मुख्यालय ले जाया गया। वहां पहुंचकर उन्हें सबसे पहले खाना खिलाया गया। उसके बाद एडीजी एसटीएफ सुधीर शाही ने उनसे पूछताछ शुरू की। व्यापमं के पूर्व डायरेक्टर उपरीत ने कबूल किया कि उसने जबलपुर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएस जौहरी की बेटी ऋचा का प्री पीजी में 25 लाख रुपए लेकर सिलेक्शन कराया था। इस आरोप में ही ग्वालियर एसआईटी ने उसे तीन जून को गिरफ्तार किया था। एडीजी शाही ने जब उससे डीमेट के बारे में पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि इसमें भी 100 फीसदी फर्जीवाड़ा होता था।
‘जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं’ डीमेट में क्या चल रहा है? उसमें पैसे लेकर दाखिले और कौन-कौन करवाता है? ग्वालियर एसआईटी की टीम के इन सवालों पर एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एंड मेडिकल कॉलेज (एपीडीएमसी) के ट्रेजरार योगेश उपरीत हंस देते हैं। फिर पलट कर एसआईटी से सवाल करते हैं, ‘जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं।’ प्रीपीजी-2010 मामले में रिमांड पर चल रहे उपरीत ने ऋचा जौहरी का दाखिला कराने की बात एसआईटी के सामने कबूल की है। बाकी हर सवाल पर मुस्कराते हुए वे चुप्पी साध लेते हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने ऋचा का दाखिला कराने के लिए 25 लाख रुपए लेने की बात कबूल की है। यह रकम व्यापमं के पूर्व प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के कहने पर ली थी। ग्वालियर एसआईटी की टीम उपरीत को लेकर बुधवार दोपहर भोपाल पहुंची। इस बीच ग्वालियर पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी विंध्याचल भवन स्थित एसआईटी दफ्तर पहुंचे। अफसरों ने उपरीत से अब तक हुई पूछताछ की जानकारी एसआईटी को दी। साथ ही अलग-अलग जिलों में चल रही कार्रवाई के बारे में भी एसआईटी को बताया।
भोपाल। व्यापमं घोटाले के आरोपी और डीमेट के कोषाध्यक्ष योगेश उपरीत से भोपाल में एसटीएफ ने बुधवार को पूछताछ की। एडीजी एसटीएफ सुधीर शाही की मौजूदगी में देर रात तक उपरीत से और राज उगलवाने की कोशिश चलती रही। उपरीत ने एसटीएफ को भी वो ही बयान दिए, जो उसने ग्वालियर एसआईटी को दिए थे। उसने एसटीएफ को बताया कि व्यापमं के अलावा डीमेट में भी गोले काले किए जाते थे। ग्वालियर एसआईटी के हेड एआईजी वीरेंद्र जैन के नेतृत्व में एक टीम उपरीत को लेकर शताब्दी एक्सप्रेस से करीब तीन बजे भोपाल पहुंची। 75 साल के उपरीत को सीधे एसटीएफ मुख्यालय ले जाया गया। वहां पहुंचकर उन्हें सबसे पहले खाना खिलाया गया। उसके बाद एडीजी एसटीएफ सुधीर शाही ने उनसे पूछताछ शुरू की। व्यापमं के पूर्व डायरेक्टर उपरीत ने कबूल किया कि उसने जबलपुर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएस जौहरी की बेटी ऋचा का प्री पीजी में 25 लाख रुपए लेकर सिलेक्शन कराया था। इस आरोप में ही ग्वालियर एसआईटी ने उसे तीन जून को गिरफ्तार किया था। एडीजी शाही ने जब उससे डीमेट के बारे में पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि इसमें भी 100 फीसदी फर्जीवाड़ा होता था।
‘जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं’ डीमेट में क्या चल रहा है? उसमें पैसे लेकर दाखिले और कौन-कौन करवाता है? ग्वालियर एसआईटी की टीम के इन सवालों पर एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एंड मेडिकल कॉलेज (एपीडीएमसी) के ट्रेजरार योगेश उपरीत हंस देते हैं। फिर पलट कर एसआईटी से सवाल करते हैं, ‘जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं।’ प्रीपीजी-2010 मामले में रिमांड पर चल रहे उपरीत ने ऋचा जौहरी का दाखिला कराने की बात एसआईटी के सामने कबूल की है। बाकी हर सवाल पर मुस्कराते हुए वे चुप्पी साध लेते हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने ऋचा का दाखिला कराने के लिए 25 लाख रुपए लेने की बात कबूल की है। यह रकम व्यापमं के पूर्व प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के कहने पर ली थी। ग्वालियर एसआईटी की टीम उपरीत को लेकर बुधवार दोपहर भोपाल पहुंची। इस बीच ग्वालियर पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी विंध्याचल भवन स्थित एसआईटी दफ्तर पहुंचे। अफसरों ने उपरीत से अब तक हुई पूछताछ की जानकारी एसआईटी को दी। साथ ही अलग-अलग जिलों में चल रही कार्रवाई के बारे में भी एसआईटी को बताया।