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सपा में चल रही उठापटक के बीच मंगलवार को मुलायम और अखिलेश यादव ने लखनऊ में 3 घंटे मीटिंग की। बताया जा रहा है कि बातचीत फेल रही। रामगोपाल यादव ने कहा, 'सपा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम अखिलेश की अगुआई में चुनाव लड़ेंगे। पार्टी सिंबल का फैसला चुनाव आयोग लेगा।' इस बीच, अखिलेश खेमा चुनाव आयोग से मिला था। इसमें रामगोपाल, नरेश अग्रवाल समेत कई नेता थे। आजम खान ने कहा, 'अभी भी देर नहीं हुई है। सुलह हो सकती है।' वहीं, चुनाव आयोग पार्टी के सिंबल को फ्रीज कर दोनों धड़ों को अलग-अलग चिह्न दे सकता है।
- पार्टी से जुड़े लोगों के मुताबिक, मुलायम ने अमर सिंह को चुनाव आयोग जाने और रामगोपाल के खिलाफ ज्ञापन देने को कहा है।
- सूत्रों की मानें तो अगर अखिलेश को 'साइकिल' चुनाव चिह्न नहीं मिलता है तो वे मोटरसाइकिल को सिंबल के तौर पर अपना सकते हैं।
- रामगोपाल ने चुनाव आयोग को बताया, 'अखिलेश यादव को 90% एमएलए का सपोर्ट हासिल है। वे ही पार्टी को लीड कर रहे हैं। लिहाजा इस धड़े को ही सपा मानना चाहिए।'
- मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को 393 कैंडिडेट्स की मीटिंग बुलाई थी। लेकिन उनके यहां सिर्फ 17 विधायक और 103 उम्मीदवार पहुंचे। बाद में यह मीटिंग रद्द हो गई।
- अखिलेश के घर हुई मीटिंग में 224 में से 207 विधायक शामिल हुए। 37 एमएलसी और 53 कैंडिडेट्स भी शामिल हुए।
- इस लिहाज से अखिलेश के पास 90% MLA हैं
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