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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से लोढ़ा समिति की सिफारिशों की अवहेलना करने के आरोप में अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के पर कड़ी कार्रवाई के बाद देश के विभिन्न राज्यों के क्रिकेट संघ से भी बड़े बदलाव की खबर आ रही है। बुधवार को पहले मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया और अध्यक्ष संजय जगदाले समेत राज्य क्रिकेट संघ के चार आला पदाधिकारियों के इस्तीफे की खबर आयी। अब मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) से दिलीप वेंगसरकर ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, ओडिशा क्रिकेट संघ (ओसीए) के अध्यक्ष रंजीब बिस्वाल और सचिव आशीर्वाद बेहेरा ने भी बुधवार को अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
मैं बाहर हो गया हूं, इस्तीफे की जरूरत नहीं : शाह चार दशक से अधिक समय तक सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) का हिस्सा रहे अनुभवी प्रशासक निरंजन शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह राज्य संघ से बाहर हो गए हैं। शाह ने कहा कि उनके एससीए में सचिव पद से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लोढ़ा समिति की सिफारिशों ने उन्हें क्रिकेट प्रशासन में किसी भी पद पर बने रहने के लिए अयोग्य कर दिया है। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआइ और राज्य संघों में पदाधिकारियों की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तक सीमित कर दी है। शाह 72 वर्ष के हैं। तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के सचिव काशी विश्वनाथन ने कहा कि कोर्ट के आदेश ने उन्हें अयोग्य कर दिया है।
विश्वनाथन ने कहा, 'इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। मैं पहले ही दस साल से अधिक समय से टीएनसीए का सचिव हूं और इसलिए मैं अयोग्य हूं।'
19 जनवरी को फैसला लेंगे कैब के के पदाधिकारी :
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के संयुक्त सचिव सुबीर गांगुली और कोषाध्यक्ष बिस्वरूप डे ने कहा कि वे इस्तीफा देने के लिए 19 जनवरी तक इंतजार करेंगे। कैब के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले से ही राज्य की कार्यकारी समिति की बैठक तय कर रखी है। डे ने कहा, 'सोमवार की बैठक में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने पर विचार किया जाएगा। हमें फिलहाल इस्तीफा न देने के लिए कहा गया है।'