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जया राजौरा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: हमारे देश में जहां विकास की बहुत बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं वहां का एक कड़वा सच यह भी है कि यहां पर कई रेड लाइट एरिया हैं। देश में महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत बातें की जाती हैं, कई प्रकार की योजनायें चलाई जा रही हैं। लेकिन फिर भी जरूरतमंद लोगों तक मदद नहीं पहुंच पाती है। 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन हकीकत इससे बहुत अलग है।
ये है देश का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया
कोलकाता के पश्चिमी हिस्से में बसा सोनागाछी नामक स्थान अपने देश का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया माना जाता है। एक सर्वे के अनुसार यहां पर 14 हजार से भी ज्यादा महिलायें इस पेशे में हैं। हर साल यहां 1 हजार नई लड़कियां लायी जाती हैं।
ऐसे आती हैं इस प्रोफेशन में महिलायें
कई प्रकार के सर्वे और महिलाओं के अनुभव जानने के बाद यह बात सामने आई कि कुछ महिलायें इस पेशे में “ट्रैफिकिंग” की वजह से आती हैं तो बहुत सी महिलायें स्वयं ही इस काम को अपनी मर्जी से चुनती हैं। ये महिलायें इस पेशे में क्यों और कैसे आईं, इस प्रश्न का जवाब हम आपको बता रहे हैं उन्हीं महिलाओं की जुबानी।
1- यहां काम करने वाली बैशाखी बताती हैं कि “मैं पहले घरों में नौकरानी का काम करती थी। तब सिर्फ 1 से 1.5 हजार रुपए महीना ही कमा पाती थी, लेकिन अब 16 से 18 हजार रुपर हर महीने आसानी से कमा लेती हूं”।
2- दास नाम की एक महिला ने कहा कि “मेरे दोनों लड़कों ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और अब एक लड़का नौकरी भी करने लगा है। यदि मैं घर पर ही रहती तो क्या उनकी फीस दे पाती”?
इन महिलाओं ने अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित करने और बेहतर भविष्य देने के लिए इस पेशे को चुना है। इन सब स्थितियों को देखते हुए बस यही कहा जा सकता है कि हमें अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ करना है।