TOC NEWS // अवधेश पुरोहित
भोपाल। जिस ग्वालियर की धरती पर प्रभात झा बिहार से आकर ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयराजे सिंधिया के रहकमोकरम के चलते प्रभात झा को तारघर भवन में एक कमरा रहने को दिया गया हो और इसी कमरे में रहकर वर्षों तक प्रभात झा ने ग्वालियर को अपनी कर्मभूमि बनाया। आज उन्हीं विजयराजे सिंधिया के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया केा टारगेट बनाकर प्रभात झा घेरने में लगे हुए हैं
प्रभात झा की इस तरह की घेराबंदी से नाराज उसी ग्वालियर के कांग्रेस के पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल सहित तमाम संगठन के अधिकारियों ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आयकर विभाग और सीबीआई निदेशक को शिकायतें भेजकर अग्रवाल ने यह मांग की है कि प्रभात झा की देशभर में स्थित जमीनों, बंगलों सीमेंट कम्पनियों से जुड़े कारोबार, प्रापार्टी कारोबार जिसकी जानकारी पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने शिकायती पत्र में दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराई है
श्री चौहान ने कहा कि माखन जाटव की हत्या के जिस मामले को लेकर माननीय न्यायालय में धारा 319 के तहत श्री लालसिंह आर्य को अभियुक्त बनाने की अपील की गयी थी उसमें माननीय न्यायालय ने श्री लालसिंह आर्य को बिना समन जारी किए ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
उसकी जांच कराने की मांग की है और कहा है कि जो प्रभात झा ४२ साल पहले जब ग्वालियर में आये थे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयराजे सिंधिया ने रहने के लिये तारघर भवन में एक कमरा दिया था, आज ४२ साल बाद प्रभात झा के बाद इतनी प्रोपर्टी कहां से आई है खैर यह भाजपा के नेताओं का यह अपना मामला है कि वह वर्षों पूर्व जिस भाजपा की ज्योतिरिादिथ्य सिंधिया की दादी श्रीमती विजय राजे सिंधिया ने तन, मन और धन से मदद ही नहीं की बल्कि अपना खूद पसीना पार्टी के लिये बहाया है
आज वर्षों बाी जब भाजपा केन्द्र से लेकर विभिन्न राज्यों में सत्ता पर काबिज है तो सत्ता के इस अहम में उसके नेता अब उन्हें राजमाता विजय सिंधिया के उन अहसानों का बदला किस प्रकार की राजनीति के चलते ले रहे हैं कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री राजमता की पुत्री यशोधरा राजे का एक के बाद एक विभाग छीनकर उन्हें केवल खेल विभाग देकर मंत्रीमण्डल का सदस्य बनाए हुए हैं
तो वहीं उनके निर्वाचन क्षेत्र शिवपुरी में कलेक्टर से लेकर सीएमओ जैसे अधिकारी तक यशोधरा राजे के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किया जाना तमाम सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं तो वहीं भाजपा के एक और नेता जिन्हें ४२ वर्ष पूर्व राजमाता ने ग्वालियर में अपने तारघर में रहने के लिए एक कमरा दिया था आज उनके वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति के चलते घेरने में लगे हुए हैं,
स्वर्गीय राजमाता सिंधिया के साथ अपनाई जा रही इस तरह की रणनीति को लेकर भाजपा से लेकर लेकर राज्य के राजनैतिक क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं और लोग न जाने क्या-क्या भाजपा के नेताओं के बारे में कहते नजर आ रहे हैं तो भाजपा से जुड़े लोग यह कहने से भी नहीं चूक रहे हैं कि राजनीति का यह गंदा खेल आखिर कब तक चलता रहेगा और राजनमता जैसे तमाम लोगों ने इस भाजपा को अपनी त्याग, तपस्या अैर मेहतन के जरिये इस मुकाम पर पहुंचाया है आज उन्हीं के वंशजों की इस तरह की उपेक्षा औश्र छीछलेदर कहां तक उचित है तो दबी जुबान से भाजपा के कुछ नेता यह कहने में भी नहीं हिचक रहे हैं क अज राजनीति के चलते अहसासानों को इस तरह से चुकाया जा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो कल पार्ट के उन त्याग, तपस्वती और कर्मठ कुशाभाई, प्यारेलाल खंडेलवाल जैसे नेताओं की स्थिति के प्रति हमारे नेताओं का क्या आस्था व श्रद्धाभाव यह तो भविष्य बताएगा।