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भोपाल। पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने सरपंच-सचिवों को एक बार फिर रेत उत्खनन के अधिकार दे दिए हैं। सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे निर्माण कार्यों के लिए उत्खनन के अधिकार दिए गए हैं। बता दें कि इससे पहले भी एक बार सरपंच-सचिवों को रेत उत्खनन के अधिकार दिए गए थे। इसके चलते सरपंच-सचिवों ने अवैध रेत उत्खनन शुरू कर दिया था, जिसके चलते यह अधिकार वापस ले लिया गया था।
अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ व जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सरपंच-सचिवों को रेत निकालने से न रोका जाए, रेत की उपलब्धता बताकर सरपंच-सचिव रेत निकाल सकते हैं। हालांकि अपर मुख्य सचिव ने इसमें नया पेंच डाल दिया है, सरपंच-सचिव सिर्फ आसपास की नदियों से रेत निकाल सकते हैं इन्हें नर्मदा से रेत निकालने की इजाजत नहीं दी गई है।
गिट्टी-मुरम निकालने में पूरी छूट
अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को सरपंच-सचिवों को रेत संबंधी पॉवर दिए जाने के साथ-साथ कहा कि सरपंच-सचिवों को गिट्टी और मुरम ढोने की पूरी छूट रहेगी, कहीं से भी सरपंच-सचिव गिट्टी-मुरम ढो सकते हैं।
स्टोन रेत का ज्यादा इस्तेमाल करें
अपर मुख्य सचिव ने रेत की कमी को देखते हुए सरपंच-सचिवों से कहा कि वह निर्माण कार्यों में स्टोन रेत का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इसके लिए सरपंच-सचिवों को स्टोन के्रशर मालिकों से मिलकर स्टोन रेत का इंतजाम करना होगा।
इससे पहले भी मिले थे अधिकार
सरपंच-सचिवों को रेत निकालने का अधिकार मिलना पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी सरपंच-सचिवों को कलेक्टर की अनुमति से रेत निकासी के अधिकार जनपद सीईओ द्वारा दिए जा चुके हैं, किंतु इसकी आड़ में सरपंच-सचिवों ने अवैध रेत निकालने का कार्य शुरू कर दिया था।
फिर अवैध रेत निकलेगी
अपर मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास की अधोसंरचना के तहत भले ही सरपंच-सचिवों को रेत निकालने की अनुमति दे दी है, लेकिन इससे एक बार फिर अवैध रेत उत्खनन का कार्य शुरू हो जाएगा। साथ ही रेत को लेकर क्षेत्रवाद और वर्चस्व को लेकर विवाद भी शुरू हो जाएंगे। इससे पहले भी जबलपुर जनपद की ग्राम पंचायतों में रेत को लेकर सरपंच-सचिव और जनपद सदस्यों में द्वंद हो चुका है।