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नई दिल्ली। अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय ने विशेष पीठ का गठन कर दिया है। शुक्रवार को 3 न्यायाधीशों की विशेष पीठ मामले पर सुनवाई करेगी। भगवान श्री रामलला विराजमान समेत सभी पक्षों ने राम जन्मभूमि को 3 बराबर हिस्सों में बांटने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की 3 न्यायाधीशों की पीठ ने 30 सितंबर 2010 को दो एक के बहुमत से फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि को 3 बराबर हिस्सों में राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेट्रल वक्फ बोर्ड मे बांटने का आदेश दिया था। सभी पक्षों ने फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपीलें विचारार्थ स्वीकार करते हुए 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही कहा था कि मामला लंबित रहने तक संबंधित पक्षकार विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखेंगे।
गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाइट पर नोटिस जारी कर 11 अगस्त को दोपहर 2 बजे तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ के मामले पर सुनवाई करने की जानकारी दी है। यह पहला मौका है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ का गठन किया है।
शुक्रवार से इस मामले पर नियमित सुनवाई होगी या फिर अंतरिम राहत आदि मांगने वाली अर्जियों पर विचार होगा ये बात उसी दिन स्पष्ट हो पाएगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के नोटिस में यह बात स्पष्ट नहीं है और न ही संबंधित पक्षकारों को कोर्ट रजिस्ट्री की ओर से अलग से कोई ऐसी सूचना दी गई है।