TOC NEWS
पटना। रेलवे होटल आवंटन मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शनिवार को यहां सात घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनसे दर्जनों सवाल किए गए। अधिकतर का जवाब राबड़ी ने हां और न में दिया। कुछ सवालों पर अनभिज्ञता जताई।
पूछताछ के बाद ईडी ऑफिस से बाहर निकलीं राबड़ी ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। चुपचाप गाड़ी में बैठकर चली गईं। घंटों की कवायद के बावजूद एजेंसी को कुछ भी हाथ नहीं लगा। रेलवे होटलों के आवंटन के मामले में सात जुलाई को एफआइआर दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को इसके पहले छह समन जारी किए गए थे, लेकिन एक में भी पूछताछ के लिए राबड़ी उपस्थित नहीं हो सकी थीं।
इसके बाद आखिरकार ईडी की टीम को पटना आना पड़ा। मामले में लालू परिवार के कई सदस्य जांच के घेरे में हैं। तेजस्वी से भी पूछताछ की जा चुकी है। पूछताछ के लिए ईडी के पटना स्थित कार्यालय में राबड़ी को दोपहर 11 बजे बुलाया गया था, लेकिन वह तय समय से करीब एक घंटा देर से बड़ी बेटी एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. मीसा भारती एवं लालू के विश्वस्त विधायक भोला यादव के साथ पहुंचीं।
शनिवार को आमतौर पर सरकारी कार्यालयों में छुट्टी रहती है, लेकिन राबड़ी से पूछताछ के लिए इसे खास तौर पर खोला गया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रतिक्रिया में कहा है कि पूछताछ से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। एजेंसियों का काम है पूछताछ करना। हमने कुछ भी छुपा कर नहीं रखा है। वहीं जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए छह बार समन भेजा, किंतु राबड़ी दिल्ली नहीं जा सकीं।
उन्होंने साफ कहा कि एजेंसी को पटना आकर पूछताछ करना है तो करे। मुझे दिल्ली नहीं जाना। पिछले महीने राजद के एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक तौर पर राबड़ी ने कहा था कि रेलवे टेंडर घोटाला और बेनामी संपत्ति के मामले में केंद्रीय एजेंसियां उनके परिवार को डराना चाहती हैं, लेकिन वह डरने वाली नहीं हैं।
क्या है मामला मामला-
यह पूरा मामला वर्ष 2006 का है। तब लालू केंद्र की संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने निजी फायदे के लिए कोचर बंधुओं को रांची एवं पुरी के रेलवे होटलों को गलत तरीके से लीज पर दे दिया था। बदले में कोचर बंधुओं से पटना के बेली रोड पर करीब तीन एकड़ जमीन ली गई थी।
यह जमीन कोचर बंधुओं ने राजद के राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता को दी थी, जिसे बाद में लालू परिवार के सदस्यों की कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया। इस मामले में सीबीआइ ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव तथा सरला गुप्ता को नामजद आरोपी बनाया है।