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इंदौर। नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों के 68 गांवों में खुलेआम सड़क पर चल रहे देह व्यापार पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। इसमें कहा है कि बांछड़ा जनजाति के लोग नाबालिग बच्चियों को जबरदस्ती देह व्यापार में धकेल रहे हैं। पुलिस-प्रशासन कार्रवाई के बजाय तमाशा देख रहे हैं। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है कि इस अनैतिक व्यापार को रोकने के लिए अब तक कदम क्यों नहीं उठाए।
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यह याचिका बांछड़ा जनजाति के ही एक युवक आकाश चौहान ने दायर की है। इसमें कहा है कि बांछड़ा जनजाति की जनसंख्या करीब 23 हजार है। इनमें से 40 फीसदी लोग देह व्यापार में लिप्त हैं। इस जनजाति के लोग नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों के 68 गांवों में रहते हैं। इस जनजाति की नाबालिग बच्चियों को जबरन इस अनैतिक व्यापार में धकेल दिया जाता है। न पुलिस कोई कार्रवाई करती है न महिला एवं बाल विकास विभाग।
हाई-वे पर इस जनजाति की महिलाएं और बच्चियां आपत्तिजनक स्थिति में बैठी रहती हैं। वहीं से अधिकारी, नेता, मंत्रियों की गाड़ियां निकलती हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता। सैकड़ों बच्चियां मंदसौर में इस व्यापार में धकेली जा चुकी हैं। शुक्रवार को डिविजनल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना है। याचिका पर अब जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई होगी।