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कर्मचारी चयन आयोग (SSC) प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में सीबीआइ जांच को लेकर दिल्ली में छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शनकारियों से नेताओं और सामाजिक संस्थाओं के लोगों को मिलना जारी है।इस कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे रविवार को दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। इससे पहले अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।बता दें कि इस एसएससी छात्रों की समस्या को लेकर अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है. अन्ना से छात्रों के धरने को पूर्ण समर्थन की बात कही.
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एसएससी पेपर लीक मामले छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सीबीआई जांच की मांग कर रहे छात्रों से मिलने रविवार को समाजसेवी अन्ना हजारे पहुंचे। अन्ना हजारे ने छात्रों से कहा कि आंदोलन करें लेकिन ध्यान रखें कि किसी तरह से शांति भंग ना होने पाए। छात्रों के प्रदर्शन का आज यह पांचवां दिन है, छात्रों का कहना है कि जब तक मामले की सीबीआई जांच शुरू नहीं होती है हमारा प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले अन्ना हजारे, मामले को लेकर पीएम को पत्र भी लिख चुके हैं और जांच की मांग भी कर चुके हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जिस तरह का मामला सामने आया है उससे उनका भविष्य खराब हो रहा है, सरकार इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी भी छात्रों से मिल चुके हैं और उन्होंने छात्रों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था।
मनोज तिवारी एसएससी के चेयरमैन से भी मुलाकात कर चुके हैं। मनोज तिवारी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी छात्रों से मुलाकात कर चुके हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने छात्रों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में बताया था कि छात्रों को माइक और दरी तक इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा है, आखिर देश में यह किस तरह का लोकतंत्र है, इसपर सरकार की चुप्पी सवाल खड़े करती है।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि छात्र 27 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन की वजह 17-21 फरवरी को हुई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा है जिसमें छात्रों का कहना है कि परीक्षा का पेपर लीक हुआ है, इस मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार से कलम या मोबाइल परीक्षाकेंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं होती है इसके बावजूद भी प्रश्न पत्र का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।एक छात्र का कहना है कि 21 फरवरी को गणित के पेपर शुरू होने के 15 मिनट बाद कहा जाता है कि पेपर आउट होने के कारण परीक्षा रोकी जा रही है, दोपहर 12ः30 पर दूसरे सेट के साथ परीक्षा हुई लेकिन कई केंद्रों पर परीक्षा के समय में कोई बदलाव नहीं हुआ, ऐसा क्यों? छात्रों की मांग है कि पता लगाया जाए कि आखिर ऐसा किसने किया?