भोपाल : रविवार, अप्रैल 29, 2018,
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत की समृद्धि में शहरों की अर्थ-व्यवस्था का महत्वूपर्ण स्थान है। शहरों के सुनियोजित विकास के लिए भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजना शुरू की गई है। इसमें 100 शहरों को स्मार्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी परियोजना को और मजबूती से लागू करने के लिए प्रदेश में मिनी स्मार्ट सिटी विकसित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने यह बात आज गुना शहर को मिनी स्मार्ट सिटी में शामिल करने के कार्यक्रम में कही।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य संस्कृति] शौर्य और संगीत में समृद्ध राज्य है। इस राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। खेती-किसानी के क्षेत्र में बेहतर उत्पादन के लिए राज्य को लगातार कृषि कमर्ण अवार्ड प्राप्त हो रहा है। म.प्र. से आत्मीय लगाव राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन विकास के क्षेत्र में भी बेहतर काम के लिए मध्यप्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से उनका आत्मीय लगाव रहा है। प्रदेश में लगभग सभी जिलों में उनका भ्रमण हुआ है। गुना में उनके बड़े भाई निवास कर रहे हैं। श्री कोविंद ने कहा कि प्रदेश में संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जन्म-स्थली है। ग्वालियर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली है। इसके साथ ही गुना स्व.राजमाता विजयाराजे सिंधिया की कर्मभूमि भी है।
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना में प्रदेश के 7 शहर शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में 12 मिनी स्मार्ट सिटी बनाने का भी निर्णय लिया है, जिसमें गुना शहर शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि शहर को स्मार्ट बनाने के लिए शहर के निवासियों को भी अपने व्यवहार में परिवर्तन करते हुए शहर विकास में भागीदार बनना जरूरी है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने नागरिकों से आग्रह किया कि स्मार्ट सिटी बनाने के साथ कुपोषण और टी.बी. जैसी गंभीर बीमारी को समूल रूप से खत्म करने के लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि सभी जन-प्रतिनिधि और समाज के गणमान्य नागरिक यह संकल्प लें कि कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहेगा। इसके लिए कुपोषित बच्चों को गोद लेने का काम भी किया जाए। टी.बी. को खत्म करने के लिये समन्वित प्रयास किए जाए।