वाशिंगटन। कंसास की एक संघीय अदालत ने भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोतला की हत्या करने वाले पूर्व अमेरिकी नौसेनिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि बीते साल 22 फरवरी को परिंटन ने एक बार में दो भारतीयों पर गोली चला दी थी, जिसमें कुचिभोटला की मौत हो गई थी।
नस्लीय घृणा की वजह से पिछले साल कंसास शहर में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोतला की पूर्व नौसेना अधिकारी ने हत्या कर दी थी। उसे उम्रकैद की सजा दी गई है। इस साल मार्च में एडम पुरिंटोन को इंजीनियर की हत्या का दोषी पाया गया था। पिछले साल 22 फरवरी को हैदराबाद के रहने वाले श्रीनिवास की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था इसकी आलोचना भी हुई थी।
52 साल के दोषी पुरिंटोन ने श्रीनिवास और उनके दोस्त आलोक मदासानी को उस समय गोली मार दी थी जब वह ओलाथे शहर के ऑस्टिन बार में थे। बीच-बचाव के लिए आगे आए एक अन्य शख्स ईयान ग्रिलट भी इस गोलीबारी में घायल हो गए थे। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया। गोली मारने से पहले पुरिंटोन ने कुचिभोतला से कहा कि मेरे देश से चले जाओ। गोली लगने की वजह से घायल हुए इंजीनियर की मौत हो गई थी जबकि उनका दोस्त और ग्रिलट घायल हो गए थे।
कंसास के एक फेडरल जज ने शुक्रवार को पुरिंटोन को दोषी करार देते हुए इंजीनियर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा और बाकी दो लोगों को गोली मारने के आरोप में 165 महीने की सजा सुनाई है। कुचिभोतला की पत्नी सुनैना दुमाला ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। श्रीनिवास मामले की सुनवाई पिछले साल नवंबर में शुरू हुई थी, लेकिन तब पुरिंटोन ने खुद को बेगुनाह बताया था। पुरिंटोन पर कुचिभोतला की हत्या और दो लोगों की हत्या करने की कोशिश का आरोप था।
श्रीनिवास की पत्नी दुमाला ने एक बयान जारी कर कहा है कि आज मेरे पति के हत्यारे को सजा मिलने से मेरा श्रूनी तो वापस नहीं आएगा लेकिन इससे एक कड़ा संदेश जरूर जाएगा कि नफरत कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मैं जिला अटॉर्नी के ऑफिस और ओलाथे पुलिस को धन्यवाद कहना चाहती हूं क्योंकि वह आरोपी को न्याय के दायरे में लेकर आए।
श्रीनिवास की पत्नी दुमाला ने एक बयान जारी कर कहा है कि आज मेरे पति के हत्यारे को सजा मिलने से मेरा श्रूनी तो वापस नहीं आएगा लेकिन इससे एक कड़ा संदेश जरूर जाएगा कि नफरत कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मैं जिला अटॉर्नी के ऑफिस और ओलाथे पुलिस को धन्यवाद कहना चाहती हूं क्योंकि वह आरोपी को न्याय के दायरे में लेकर आए।