- *आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक ने कांग्रेस अध्यक्ष पर बोला बड़ा हमला*
- *बिजली घोटाले पर चुप्पी के बारे में किए सवाल, कहा- परिवार को लाभ पहुंचा इसलिए चुप हैं क्या कांग्रेस नेता*
*भोपाल।* कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष एक और जहां अपने प्रथम नगर आगमन पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल ने बिजली घोटाले को लेकर एक बड़ा हमला बोला है। श्री अग्रवाल ने सवाल पूछा है कि आज कमलनाथ जी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार भोपाल पधारे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब कांग्रेस अध्यक्ष महंगी बिजली के जरिये मध्य प्रदेश की जनता के 585 करोड़ रुपए लूटने वाली एमबी पावर/मोसर बेयर कंपनी के खिलाफ बोलेंगे। हालांकि साथ ही उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा है कि या फिर वे अपनी बड़ी बहन की कंपनी होने के कारण या शिवराज जी से मित्रता के कारण इस बड़े घोटाले पर चुप्पी साधे रहेंगे। श्री अग्रवाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इस पर सवाल उठाया है।
गौरतलब है कि अनूपपुर में एमबी पॉवर लिमिटेड कंपनी की परियोजना के कारण गत तीन वर्षों में मध्य प्रदेश की जनता को 585 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस कंपनी में कमलनाथ की बड़ी बहन, उनके पति और बेटे की हिस्सेदारी है। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संबंधों के कारण प्रदेश की जनता को हो रहे नुकसान पर बड़ा खुलासा किया था। पार्टी ने कमलनाथ के परिवार से संबंधित बिजली कंपनी के साथ किए गए गैरकानूनी समझौते के हवाले से प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला था।
श्री अग्रवाल ने कहा कि एमबी पॉवर लिमिटेड कंपनी का संबंध कमलनाथ जी के परिवार से रहा है और शायद यही कारण है कि श्री कमलनाथ ने सन 2011 में कंपनी बनने के बाद पिछले 7 साल में कभी भी इस गैरकानूनी समझौते के बारे में आवाज नहीं उठाई है। इससे साफ होता है कि प्रदेश में बिजली की हो रही लूट में भाजपा और कांग्रेस साझीदार हैं। उन्होंने कहा कि एमबी पॉवर लिमिटेड कंपनी से राज्य सरकार का 5 जनवरी 2011 में समझौता हुआ। केंद्र सरकार की 6 जनवरी 2006 की टैरिफ पॉलिसी के अनुसार कोई भी समझौता केवल प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के माध्यम से ही हो सकता था। परंतु राज्य सरकार ने इस नियम का खुला उल्लंघन करते हुए एमबी पॉवर लिमिटेड के साथ सीधा समझौता किया। दूसरा गंभीर मुद्दा यह है कि 5 जनवरी 2011 को समझौता करने वाले मुख्य अभियंता श्री गजरा मेहता उक्त तिथि को उस पद पर पदस्थ ही नहीं थे। दस्तावेजों से साफ है कि उनकी उक्त पद पर पदस्थापना 31 जनवरी 2011 को हुई है। अत: निश्चित रूप से यह समझौता गैरकानूनी था और इसके कारण 2015 से 2018 के बीच इस परियोजना की बिजली महंगी होने के कारण मध्य प्रदेश की जनता को 585 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
उन्होंने बताया कि एमबी पॉवर कंपनी, मोजरबियर कंपनी द्वारा विशेष रूप से बनाई गई कंपनी है। मोजरबियर कंपनी में श्री कमलनाथ के जीजा दीपक पुरी चैयरमैन हैं और उनकी बहन नीता पुरी और उनके भांजे रातुल पुरी भी कंपनी में शामिल हैं। साथ ही कमलनाथ जी के भांजे रातुल पुरी एमबी पॉवर के डॉयरेक्टर हैं। मोजरवियर कंपनी में कमलनाथ जी खुद भी शेयरधारक हैं। कमलनाथ जी के चुनाव आयोग में सन 2014 दिए गए शपथ पत्र के अनुसार कंपनी में उनके 6450 शेयर हैं। अत: स्पष्ट रूप है कि कमलनाथ जी के परिवार का एमबी पॉवर से सीधा संबंध है और शायद यही कारण है कि श्री कमलनाथ ने पिछले 7 साल में कभी इस गैरकानूनी और प्रदेश की जनता को लूटने वाले समझौते का विरोध नहीं किया।
उन्होंने इस क्रम में कमलनाथ से कुछ सवाल किए हैं-
1- क्या कमलनाथ जी जवाब देंगे कि उन्होंने पिछले 7 सालों में इस गैरकानूनी और जनविरोधी समझौते का विरोध क्यों नहीं किया?
2- क्या कमलनाथ जी यह बताएंगे कि उनके और उनके परिवार के महंगी बिजली द्वारा जनता का पैसा लूटने वाली इस कंपनी के क्या संबंध हैं?
3- क्या इस कंपनी के बारे में इतना खुलासा होने के बाद कमलनाथ जी इस कंपनी के साथ हुए समझौते को रद्द करने की मांग करेंगे?