अफगानिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार को सात भारतीय इंजीनियरों और एक अफगान नागरिक का अपहरण कर लिया। ये सभी उत्तर में स्थित बघलान प्रांत के एक बिजली स्टेशन में काम करते हैं। अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास इनकी सुरक्षित रिहाई का प्रयास कर रहा है।
बघलान पुलिस के प्रवक्ता जबीहुल्ला शुजा ने बताया कि अपहरण की घटना तब हुई जब भारतीय इंजीनियर मिनी बस से बिजली स्टेशन जा रहे थे। प्रेट्र के मुताबिक, भारतीय कंपनी केईसी में काम करने वाले छह भारतीय और एक अफगान कर्मचारी का अपहरण किया गया। कंपनी को बिजली सब-स्टेशन का ठेका मिला है। अभी तक किसी संगठन ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि बघलान की प्रांतीय परिषद ने अपहरण की घटना को तालिबान से जुड़ा बताया है।
काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय इंजीनियरों के अपहरण की पुष्टि की। एक अधिकारी ने कहा कि हम अपने इंजीनियरों की रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें भारतीय नागरिकों के अपहरण की जानकारी मिली है। इस मामले में हम अफगान अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं और विस्तृत जानकारी ली जा रही है। दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान में मौजूदा समय में करीब 150 भारतीय इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
अफगानिस्तान में फिरौती के लिए लोगों का अपहरण आम है। 2016 में काबुल में एक भारतीय सहायता कार्यकर्ता का अपहरण कर लिया गया था। 40 दिनों के बाद उसकी रिहाई हुई थी। भारत सरकार अफगानिस्तान में रहने वाले और वहां की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए समय-समय पर सुरक्षा अलर्ट जारी करती है।
अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में मतदाता पंजीकरण केंद्र के रूप इस्तेमाल किए जा रहे एक मस्जिद में रविवार को विस्फोट हुआ। धमाके में मरने वालों की सही संख्या का पता नहीं चला है। लेकिन 30 लोगों के मारे जाने और घायल होने की बात कही गई है। विस्फोट की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन तालिबान और इस्लामिक स्टेट (आइएस) दोनों अफगानिस्तान में चुनावी प्रक्रिया को निशाना बना रहे हैं।