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ब्यूरो चीफ गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर // अरुण श्रीवास्तव : 91316 56179
ड्यूटी से गायब रहने बालों पर क्या होगी कार्यवाही
नरसिंहपुर। जिले में कानून प्रशासन मानो खत्म सा हो गया हो कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है विगत 21 8 2018 जनसुनवाई से उठा मुद्दा जो एक 61 वर्षीय बुजुर्ग पी के पुरोहित के द्वारा सड़क की मांग को लेकर पहुंचे पुरोहित ने जब कलेक्टर अभय वर्मा से गुहार लगाई तो वाक्या जो भी हुआ हो कलेक्टर के द्वारा श्री पुरोहित को पुलिस रिमांड में भेजकर 4 दिन के लिए जेल भेज दिया गया 151 की धारा में 10 एकड़ की वही की मांग की गई इस बात को लेकर अनेकों संगठन राजनीतिक पार्टियां विरोध करने मैदान में उत्तर पड़ी इस बात को लेकर पत्रकारों के द्वारा भी इस मुद्दे को उठाया गया लेकिन बात किसी संगठन या राजनीतिक पार्टियों पर किसी भी प्रकार का शासन के द्वारा दबाव नहीं डाला गया लेकिन चार पत्रकारों को चिन्हित कर उन पर मामला बनाने के लिए जिले के सभी अधिकारी कर्मचारी पूरा जिला प्रशासन सड़क पर उतर आया
जनसुनवाई से गायब रहे कई अधिकारी
पूरा मामला जनसुनवाई से ही शुरू हुआ था आज मंगलवार को जन सुनवाई से कई अधिकारी गायब रहे, 21 तारीख की जनसुनवाई में 171 मामले आए थे वही जब दूसरा मंगलवार आया और यह प्रकरण लोगों के संज्ञान में आते ही दूसरे मंगलवार 28 8 2018 को जनसुनवाई मैं मात्र 35 आवेदन जनसुनवाई में पहुंचे इतना बड़ा फर्क आज तीसरे मंगलवार को जनसुनवाई तो हुई लेकिन लोग परेशान ही रहे,क्योंकि सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी ज्ञापन देने में व्यस्त रहे इस कारण जनता की सुनवाई ठीक से नहीं हो सकी
पोषक आहार नहीं हुए वितरित
जिले के समस्त ग्रामों से आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ताओं को भी ज्ञापन में अधिकारियों के द्वारा आदेश देकर बुलवाया गया जिसके चलते पोषक आहार भी वितरित नहीं हो सके और पूरे जिले के एक-एक गांव से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी इस ज्ञापन में उपस्थिति रही
नगर की यातायात मार्ग रहे बंद
पूरे जिले से पहुंचे अधिकारी कर्मचारियों की संख्या इतनी अधिक थी और उस पर भी नगर के मुख्य मार्ग गांधी चौक पर सभी का एकत्रीकरण हुआ और रैली निकालकर कलेक्ट्रेट भवन तक यह काफिला निकाला गया जिसमें अनेकों प्रकार के नारे लगाते हुए हजारों की संख्या में कर्मचारी सड़क पर रहने के कारण नगर में यातायात कर रहे आम आदमियों को अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ा
सभी दफ्तर भी रहे लगभग बंद परेशान होते रहे आमजन
ज्ञापन इतना महत्वपूर्ण था कि शासकीय कार्य को ताक पर रख सभी विभागों के कार्य पूर्ण रूप से बंद रहे जो ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शासकीय विभागों में कार्य करवाने आए यहां से वहां भटकते रहे लेकिन विभागों में कर्मचारियों के ना रहने से किसी के कार्य नहीं हो सके पूर्व में 2 दिन की छुट्टी होने के बावजूद भी तीसरे दिन भी कार्यालयों में नहीं हो सके
शासकीय विभागों की हुई छुट्टी जैसी स्थिति...
जिले के सभी शासकीय विभागों के कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण अधिकारियों को अवकाश घोषित करना पड़ा क्योंकि ड्यूटी के समय अधिकारियों के ही आदेश पर सभी तहसीलों सभी ग्रामों के कर्मचारी ज्ञापन सौंपने जिला मुख्यालय आने के कारण दफ्तरों मैं कोई कर्मचारी मौजूद ना होने के कारण आखिर छुट्टी की तरह स्थिति बनी रही।