जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 25 करोड़ रुपये लोन के नाम पर 50 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने वाली कंपनी के व्यक्तियों को गिरफ्तार नहीं किये जाने व अब तक मामले की केस डायरी पेश न किये जाने पर भोपाल पुलिस अधीक्षक को तलब किया है।
न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष पूर्व आदेश के परिपालन में सीएसपी जहांगीराबाद हाजिर हुए, मामले में केस डायरी न आने और मामले की जांच में कोई प्रगति न होने को आड़े हाथों लेते हुए न्यायालय ने भोपाल एसपी को अगली सुनवाई के दौरान हाजिर होने के निर्देश दिये। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को निर्धारित की है।
हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है। मामला भोपाल की एक इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर जीशान अली की ओर से दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि उनके तथा सिंडिकेट फायनेन्स कंपनी के बीच 25 करोड़ रूपये लोन का एमओयू हुआ था। कंपनी ने कानूनी चार्ज के रूप में उनसे 50 लाख रूपये लिये थे। कंपनी द्वारा कहा गया था कि लोन की राशि दस दिन में जारी कर दी जायेगी।
लोन की राशि जारी नहीं करते हुए कंपनी उसे लगातार समय देती रही। जिसके बाद उसने कंपनी के भोपाल निवासी एस सी तिवारी तथा मुम्बई निवासी एन कुमार, नरेन्द्र कुमार, जिग्नेश शाह, शईना तथा खान नामक व्यक्ति के खिलाफ कोहेफिजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 406 तथा 420 के तहत अपराध दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया था। अपराध दर्ज होने के बावजूद भी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की गयी थी।
एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधीक्षक भोपाल मुम्बई निवासी आरोपियों को तहत नोटिस जारी करें तथा पुलिस कमीशनर मुम्बई के माध्यम से उन तक पहुंचाए। इसके बाद भी वह विवेचना अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होते है तो पुलिस बल का प्रयोग कर उन्हें विवेचना अधिकारी के समक्ष पेश करे।