लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने देश के 20 फीसदी गरीबों को हर साल 72 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की है। यह पैसा किसे मिलेगा और गरीबी का निर्धारण करने के लिए कौन सी शर्तें रहेंगी, यह सवाल लोगों के जेहन में घूम रहा है। कांग्रेस ने एक बात साफ कर दी है कि इस योजना के मापदंड तय करने के लिए बीपीएल होने या न होने का कोई चक्कर नहीं होगा। इसके लिए अलग से मापदंड तैयार किए जाएंगे। इनमें दो मुख्य शर्तें होंगी। आवेदक के पास जमीन और मकान नहीं होना चाहिए। सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से सर्वे होगा, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन बातों का जिक्र रहेगा।
कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश कहते हैं कि बीपीएल एक अलग तरह की योजना थी। इसके आधार पर 20 फीसदी गरीब लोगों का निर्धारण नहीं होगा। कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए एक विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया है। दो अप्रैल को जब पार्टी का घोषणा पत्र जारी होगा तो उसमें यह सब शामिल रहेगा।
किन लोगों को सालाना 72 हजार रुपये मिलेंगे, इसके लिए जो मापदंड बनाए गए हैं, उसमें कई बातें शामिल हैं। जो सबसे बड़ी बात है, वह यह है कि आवेदक के पास खुद की जमीन या मकान नहीं होना चाहिए। इसके बाद कई दूसरे आधार भी देखे जाएंगे। जैसे, परिवार की कुल आय, कोई दुपहिया वाहन है या नहीं और रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले कौन से साधन हैं, आदि।
कांग्रेस पार्टी का मकसद है कि जो सही मायने में गरीब हैं, उन्हीं के खाते में हर साल 72 हजार रुपये जमा हों। रमेश ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में दो मुद्दों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है। एक रोजगार और दूसरा किसान-खेती मजदूर। देश में सरकारी और निजी क्षेत्र में किस तरह से रोजगार सृजन होगा, ये सब बातें घोषणा पत्र में शामिल होंगी।