यूपी के अमरोहा डिस्ट्रिक्ट का गांव – बावनखेड़ी. रात के लगभग डेढ़ दो बजे होंगे. एक लड़की ज़ोर-ज़ोर से चीखती है. उसकी चीख सुनकर आस पड़ोस वाले इकट्ठा हो जाते हैं. घर के अंदर घुसते हैं तो वहां के हालात देखकर दंग रह जाते हैं. अंदर सात लाशें पड़ी हैं. इस लड़की के परिवार के सारे सदस्य मारे गए हैं.
जीवित बची है तो ये 25 साल की लड़की, जिसका नाम शबनम है. जो मरे, वो थे – शबनम के मां-बाप. शबनम के दो भाई. शबनम की एक भाभी. शबनम की एक मौसी की बेटी. शबनम का एक भतीजा.रुकिए! दरअसल ज़िंदा बचने वालों में केवल शबनम ही नहीं थी. कोई और भी उसके परिवार में था जिसे एक खरोंच तक नहीं लगी. और वो था, उसके पेट में दो महीने का बच्चा. बहरहाल, इस घटना के चलते इतनी घुप्प रात में उस सुनसान से गांव में भी हड़कंप मच जाता है. आस-पास के गांव से भी भीड़ इकट्ठी हो जाती है.
मीडिया से लेकर पुलिस, नेता सब पहुंच जाते हैं. इकट्ठा हुए लोगों के बीच आपस में खुसुर-फुसुर होने लगती है. लेकिन इन सभी बातों में, कानाफूसियों में, अनुमान की मात्रा ज़्यादा और सच की कम, बहुत कम रहती है. क्यूंकि कोई नहीं जानता कि ये सब क्यूं हुआ. कई लोग तो अब तक ये भी सही से नहीं जान पाते कि क्या हुआ. जानते हैं तो बस इतना कि कुछ बुरा, बहुत बुरा हुआ है. ऐसा जो इस गांव को हमेशा के लिए बदल कर रख देगा.
उधर शबनम पछाड़ खाते हुए, बिलखते हुए इस रात की घटना सबको बताती है. कि कैसे लुटेरे उसके घर में घुस गए और उसके पूरे परिवार का क़त्ल कर डाला. वो बच गई क्यूंकि वो बाथरूम में थी.यूं एक तरफ पुलिस उन लुटेरों की खोजबीन में लग जाती है और दूसरी तरफ तफ्तीश और पोस्टमॉर्टम भी करवा लेती है. उस दिन के कॉल डिटेल्स भी निकाले जाते हैं. लुटेरे तो नहीं मिलते लेकिन बाकी की जांच से निकल कर आता इन कत्लों का घिनौना सच.
दरअसल पुलिस ने तफ्तीश में जाना कि वो लुटेरे नहीं थे जिन्होंने शबनम के परिवार का क़त्ल किया. क्यूंकि अव्वल तो मृतकों द्वारा खुद को बचाने की कोई कोशिश की गई हो, ऐसा किसी भी एंगल से नहीं दिखता था. साथ ही, जो क़त्ल का उद्देश्य शबनम बता रही थी – यानी लूट-पाट – ऐसा पूरे घर में कुछ भी नहीं पाया गया था. और हां, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये भी पता चला कि मृतकों की हत्या करने से पहले उन्हें बेहोशी की दवाई या कोई ज़हर भी दिया गया था.तो?
लेकिन दोनों के परिवारों को, ख़ास तौर पर शबनम के परिवार को ये रिश्ता कतई मंज़ूर न था. उधर शबनम को परिवार का ये रिश्ता मंज़ूर न करना मंज़ूर न था. बस फिर क्या था, जैसे वन फाइन डे होता है, वैसे ही वन बेड नाईट में शबनम ने मौका देखकर और सलीम के साथ प्लानिंग कर इन 7 लोगों की हत्याओं को अंजाम दे दिया.
पहले इन दोनों ने सबके खाने में कुछ मिलाया और उसके बाद एक धारदार कुल्हाड़ी से एक के बाद एक, पूरे परिवार की हत्या कर दी. जिस एक इंसान के साथ शबनम उस रात लगातार कॉल में थी वो दरअसल सलीम ही था. सलीम ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया था और वो कुल्हाड़ी, जिससे क़त्ल किया गया था, वो भी ठीक उसी जगह मिली जहां उसने बताई थी. यानी एक गंदले से तालाब के किनारे.