किसानों का कर्ज माफ एवं फसल बीमा नही मिला तो होगा आंदोलन - पांसे |
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मुलताई, जिला बैतूल
किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीओ को सौंपा ज्ञापन
मुलताई। प्रदेश में किसान विरोधी फैसले हो रहे हैं जिससे किसान परेशान हैं। कोरोना महामारी से पहले ही किसान एवं मजदूरों के सामने समस्याओं का अंबार लग चुका है लेकिन उन्हे राहत देने की जगह भाजपा सरकार किसान एवं मजदूरों को परेशान कर उनके जले पर नमक छिड़क रही है इसलिए समय रहते यदि किसानों की समस्याओ का हल नही किया गया तो कांग्रेस द्वारा सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
उक्त उद्गार विधायक सुखदेव पांसे ने गुरूवार मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम सीएल चनाप को ज्ञापन सौंपकर व्यक्त किए। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश के किसान परेशान हैं इसलिए किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए साथ ही उन्हे बीमा राशि भी मिलना चाहिए। सात बिन्दुओ पर सौंपे गए ज्ञापन में उन्होने किसानों के कर्ज माफी, खाद बीज समस्या, बीमा राशि, दुनावा में सहकारी बैंक की शाखा खोलने, सहकारी समितियों में अनाज के भंडारन की व्यवस्था, दूध के उचित मूल्य सहित अतिवृष्टि के कारण खराब हुई फसल का मुआवजा की मांग की गई है। विधायक पांसे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 15 दिनों में प्रदेश सरकार उक्त मांगों को पूरा नही करती तो कांग्रेस द्वारा सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
सरकार बदलते ही ऋण माफी हुई बंद
विधायक सुखदेव पांसे ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा बैतूल जिले के 65947 किसानों के 50 हजार रूपए तक चालू खाते एवं थकित खाते के 2 लाख रूपए तक 183.66 करोड़ रूपए ऋण माफ कर दिए हैं। इसके बाद दूसरे चरण मे 50 हजार से 1 लाख रूपए तक के चालू खाते 12212 किसानों के 81.107 करोड़ रूपए मप्र सरकार द्वारा ऋण माफी के लिए स्वीकृत कर दिए गए थे लेकिन सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री द्वारा इस पर रोक लगा दी गई जो सरासर कर्जदार किसानों के प्रति अन्याय है।
सड़क पर उतरकर कांग्रेस करेगी आंदोलन
किसानों की समस्या 15 दिनों में हल नही होने पर कांग्रेस द्वारा सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। विधायक सुखदेव पांसे ने कहा कि प्रदेश में किसान परेशान हो गया है तथा वर्तमान सरकार द्वारा किसान विरोधी नीतियां बनाई जा रही है जिससे किसानों में रोष व्याप्त हैं। उन्होने कहा कि फिलहाल ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं लेकिन यदि किसानों की समस्या का 15 दिनों में कोई हल नही निकला तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करने से भी नही चूकेगें।