Friday, July 21, 2017

खूबसूरत किरण यादव ने हिला दिया फेसबुक, लाखों लोगों ने चेक की प्रोफाइल

फेसबुक पर लाखों फॉलोअर्स बनाने वाली इस लड़की का नाम किरण यादव के लिए चित्र परिणाम
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सोशल मीडिया में इन दिनों बिहार की लड़की की खूब चर्चा हो रही है। कुछ ही दिनों में फेसबुक पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 10 लाख से अधिक हो गयी है। खबरों के अनुसार उनकी FB फैन फॉलोइंग इस समय लालू यादव से भी ज्यादा हो गई है। उनके किसी भी पोस्ट को हजारों लाइक्स मिलते हैं। सैकड़ों लोग उनके पोस्ट को शेयर करते हैं। वह कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं, फिर भी सोशल साइट पर लोग उनके दीवाने हैं।
फेसबुक पर लाखों फॉलोअर्स बनाने वाली इस लड़की का नाम किरण यादव हैं। किरण यादव इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। खबरों की मानें तो किरण यादव बिहार के वैशाली जिला की रहने वाली है। उन्होंने हाजीपुर के डीसी कॉलेज से पढ़ाई की है। बताया जाता है कि किरण यादव फिलहाल दिल्ली में रहती हैं। इसके अलावा FB पर इनकी कोई पर्सनल जानकारी नहीं दी है। बहुत कम दिनों में जितनी लोकप्रिय किरण यादव हुईं हैं, वैसी लोकप्रियता बड़े-बड़े स्टार को भी नहीं मिली।
फेसबुक पर लाखों फॉलोअर्स बनाने वाली इस लड़की का नाम किरण यादव के लिए चित्र परिणाम
आश्चर्य की बात यह है कि किरण की पर्सलन लाइफ के बारे में कोई बहुत ज्यादा नहीं जानता है।किरण अलग-अलग विषयों पर पोस्ट करती रहती हैं। उनके अधिकतर पोस्ट पॉलिटिकल होते हैं। किरण यादव सोशल मीडिया में इसलिए भी चर्चा में बनी रहती हैं कि उनके पोस्ट हिंदी में होते है ओर उनमें कई गलतियां होती हैं।
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वह चाहे प्रधानमंत्री के विदेश दौरे का मामला हो या नोटबंदी अथवा जीएसटी लागू करने का, उन्होंने हर मुद्दे को फेसबुक पर पोस्ट किया है। वह राजनेता नहीं हैं, फिर भी सोशल मीडिया पर पॉलिटिकल मुद्दे पोस्ट करती रहती हैं। लोग उन पर कई तरह के कमेंट्स भी करते हैं।  किरण कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं फिर भी वह सामाजिक मुद्दों को भी फेसबुक पर उठाती हैं रहती हैं। वह ‘हैलो’ भी लिख दें, तो उसे सैकड़ों लोग लाइक करते हैं। लोगों के अलग-अलग कमेंट्स भी मिलते हैं।
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देश के इन बैंकों को सरकार बंद करने जा रही है, जल्दी निकाल लें अपना पैसा

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सरकार वैश्विक आकार के 3-4 बैंक तैयार करने के लक्ष्य के साथ बैंकों के विलय के अजेंडे पर काम कर रही है। वह सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों की संख्या 21 से घटाकर करीब 12 करने पर जुटी है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैंकों का विलय कर अगले कुछ सालों में उनकी संख्या 10-12 तक लाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि तीन स्तरीय ढांचे के तहत देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के आकार के कम से कम 3-4 बैंक होंगे। उनके मुताबिक पंजाब ऐंड सिंध बैंक और आंध्रा बैंक जैसे कुछ क्षेत्र विशेष के बैंक अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ बने रहेंगे इसके अलावा मझौले आकार के कुछ बैंक भी अस्तित्व में रहेंगे।
पिछले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की दिशा में सक्रियता से काम कर रही है लेकिन उन्होंने ब्योरा देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि यह मूल्य से जुड़ी संवेदनशील सूचना है। एसबीआई के सफल विलय से उत्साहित वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष के आखिर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैकिंग में ऐसे अन्य प्रस्ताव को मंजूरी देने पर गौर कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि फंसे कर्ज की स्थिति तब तक नियंत्रण में आ जाएगी। 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा, 'इस प्रणाली में कुछ बड़े बैंक होंगे, कुछ छोटे और लोकल बैंक होंगे।' उन्होंने कहा कि इस प्रणाली में विविधता की जरूरत होगी। नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक संभावित विकल्प तो यह हो सकता है कि पंजाब नैशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ऐसे बैंकों की तलाश करना शुरू कर सकते हैं 
जो अधिग्रहण के लिए तैयार हैं। बैंकों के समायोजन में उसके कर्ज, ह्यूमन रिसोर्स, भौगोलिक स्थिति आदि फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाएगा। गौरतलब है कि कुछ माह पहले सरकार ने एसबीआई में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था। इसके बाद से स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा और दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में जगह बनाने में कामयाब रहा है।

रेलवे का खाना इंसानों के खाने लायक नहीं, कैग की रिपोर्ट में खुलासा

कैग की रिपोर्ट में खुलासा, इंसानों के खाने लायक नहीं है रेलवे का खाना के लिए चित्र परिणाम
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नई दिल्ली। ट्रेनों में और रेलवे स्टेशन पर आप जिस खाने को चाव से खाते हैं वो दरअसल इंसानों के खाने लायक है ही नहीं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि स्टेशनों पर दूषित खाद्य पदार्थ, डिब्बा बंद, रिसाइकिल किया और उपयोग की अंतिम तारीख खत्म हो चुकी चीजें बेची जाती हैं। कैग ने यह खुलासा संसद में रखी अपनी रिपोर्ट में किया है।
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि कैटरिंग पॉलिसी में लगातार बदलाव के चलते यात्रियों को मिलने वाली कैटरिंग सुविधा में अनिश्चितता की स्थिति पैदा करता है। जांच में पता लगा कि साफ सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता वहीं जो भी चीजें यात्रियों को परोसी जाती हैं उनके बिल भी नहीं दिए जाते।
रेलवे और कैग की संयुक्त टीम द्वारा 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों में किए गए सर्वे के बाद ऑडिट नोटिस में कहा गया है कि ट्रेन और स्टेशन दोनों पर साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। इसमें कहा गया है नलों से बिना साफ किया हुए पानी उपयोग पीने की चीजों को बनाने में किया जाता है वहीं खाली कचरे के डिब्बों को ना तो ढका जाता है और ना ही समय-समय पर साफ किया जाता है। 
खाने की चीजों को मक्खियों और अन्य कीड़ों से बचाने के लिए ढका तक नहीं जाता। ट्रेनों में चूहों के अलावा कॉक्रोच, मक्खियां और धूल पाई गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि यात्रियों को खाने के बिल नहीं दिए जाते साथ ही प्रिंटेड मेनू कार्ड भी उपलब्ध नहीं है। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गयै है कि खाने की चीजे लिखी हुई मात्रा से कम होती हैं वहीं बिना अप्रूव किया हुआ पीने का पानी बेचा जाता है। इसके अलावा ट्रेनों में बेचा जाना वाला सामान बाजार भाव से कहीं महंगा होता है।

खनन माफिया ने पत्रकार को ट्रैक्टर से कुचल कर मार डाला

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खनन माफिया के शिकार अमर उजाला के पत्रकार मिंटू मिश्रा
एक और कलम के सिपाही की निर्मम हत्या कर दी गई. खनन माफिया ने बेहजम (लखीमपुर खीरी) के अमर उजाला के पत्रकार मिंटू मिश्रा की शाम होते ही भरे चौराहे पर टैक्टर टाली से कुचल दिया. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अखबारों ने पत्रकार की हत्या को दुर्घटना में मौत बताकर छापा. इससे साथी पत्रकारों में आक्रोश है. पुलिस ने भी दुर्घटना का मुकदमा दर्ज किया है. हत्या के दो घंटे बाद मौके पर पहुंची थी पुलिस. आक्रोशित लोगों ने लखीमपुर मैगल गंज मार्ग जाम कर अपना विरोध प्रकट किया.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई पत्रकार की मौत अखबारों की सुर्खी बना. लेकिन इन सुर्खियों में कहीं भी उसकी हत्या का उल्लेख नहीं था. किसी अखबार ने उसे अपना पत्रकार मानकर उसकी हत्या का उल्लेख करना मुनासिब नहीं समझा. नतीजन मामले को दबाने के प्रयास तेज हो गए. लखीमपुर खीरी जिले में बेख़ौफ़ खनन माफिया ने एक पत्रकार की ट्रैक्टर ट्राली से कुचलवा कर के निर्मम हत्या करा दी. वही चंद कदमों की दूरी पर बनी पुलिस चौकी ने घटना की जानकारी होने के बावजूद भी घटना स्थल पर पहुंचना मुनासिब नहीं समझा.
थाना नीमगाँव के बेहजम कस्बा निवासी पत्रकार शैलेंद्र मिश्र उर्फ़ मिंटू रोज की तरह शाम करीब सात बजे अपने घर से निकल कर के इलाहाबाद बैंक के पास चौराहे पर पान की दुकान के पास खड़े थे. तब तक तेज़ रफ़्तार से उलटे हाथ पर आ रहे ट्रैक्टर ने शैलेंद्र मिश्र को टक्कर मार दी जिससे शैलेंद्र की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. घटना की जानकारी होते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. लेकिन घटना स्थल से पांच सौ मीटर की दूरी पर बनी पुलिस चौकी ने घटना की जानकारी होने के दो घण्टे बाद भी मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा. इस बात से मृतक पत्रकार के परिजनों ने आक्रोशित होकर शव को रोड पर रख कर जाम लगा दिया. जाम लगते ही प्रशासन के हाँथ पाँव फूलने लगे, लेकिन पत्रकार के परिवार को न्याय नहीं मिला।
दरअसल खनन माफिया बड़े पैमाने पर अवैध खनन करता है. दिखाएंगे अगर एक ट्राली तो खनन करते थे कई ट्राली. जब इस पर पत्रकार रिपोर्टिंग के लिए तैयार हुआ तो उसे धमकी मिली. इसकी उसने शिकायत भी दर्ज कराई. इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और उसे ट्राली ने रौंद दिया. परिवारीजनों ने शव वहां से हटाने से मना कर दिया क्योंकि वह हत्या का मामला दर्ज कराने के लिए प्रयास कर रहे थे. अब खनन में खनन माफिया, नेता, अधिकारी सब सवालों के घेरे में हैं. परिवार वाले हत्या कह रहे हैं और अधिकारी इसे दुर्घटना कह रहे हैं. स्वयं एस डी एम पर तहरीर बदलवाने के आरोप लग रहे हैं.
पत्रकार हत्या की घटना को छिपाने व खनन माफिया रियासत को बचाने के लिए दो बार तहरीर बदलवाई गयी. इसका खुलासा तब हुवा जब उनके परिवार वालों से बात की गई. मृतक पत्रकार के भाई शिशु मिश्र ने बताया कि एसडीएम व थानेदार ने कहा कि मुकदमा लड़ते फिरोगे,  दुर्घटना लिखवाओगे तो कुछ क्लेम मिल जायेगा. कुछ टीवी चैनलों ने इसे हत्या कहकर रिपोर्ट चलाई. कुछ पत्रकार संगठन भी मैदान में कूदते नजर आ रहे हैं. इस मुद्दे पर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति ने रात को आपात बैठक भी बुलाई.

प्याज का डकैत : खाद्य आपूर्ति निगम के जीएम श्रीकांत सोनी गिरफ्तार

जीएम श्रीकांत सोनी के लिए चित्र परिणाम
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मध्यप्रदेश में हुए प्याज घोटाले में शामिल नागरिक आपूर्ति निगम के जीएम श्रीकांत सोनी को निलंबित किए जाने के बाद गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक अन्य मंडी सचिव को निलंबित कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई प्याज के सौदे के एवज में रिश्वत मांगने वाले एमपी खाद्य एवं आपूर्ति निगम के जीएम एस के सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है. एस के सोनी के खिलाफ ये कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद हुई है. दरअसल, एस के सोनी पर एक स्टिंग ऑपरेशन में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई प्याज के एवज में 5 लाख रुपए की रिश्तव मांगने का आरोप लगा था. इस खुलासे के बाद एस को सोनी को सस्पेंड कर दिया गया था.
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खाद्य आपूर्ति निगम के जीएम श्रीकांत सोनी गिरफ्तार
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की ओर से उनके खिलाफ गुरुवार को राजधानी भोपाल में ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई. ईओडब्ल्यू की टीम ने एस के सोनी के दफ्तर जाकर कुछ अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं. मध्य प्रदेश सरकार किसानों से आठ रुपये किलो प्याज खरीदकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है, 
मगर एक निजी समाचार चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए प्याज खरीदी में हो रहे गड़बड़ झाले की हकीकत को उजागर कर दिया है.  गड़बड़ी के खुलासे के बाद से सरकार में हड़कंप मच गया है. खाद्य आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक श्रीकांत सोनी को निलंबित कर दिया गया है.
सरकार ने प्याज की बंपर पैदावार के चलते आठ रुपये किलो प्याज खरीदने का फैसला लिया. इसके चलते कई हजार टन प्याज सरकार द्वारा खरीदी जा चुकी है.  वहीं बड़े पैमाने पर प्याज सड़ रही है. राज्य के कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन भी मानते हैं कि प्याज खरीदी से सरकार को कई सौ करोड़ का नुकसान होने वाला है.

KBC में 50 लाख जीतने वाली महिला अधिकारी ने PM से किया सवाल, 14 साल की नौकरी में 25 ट्रांसफर क्यों?

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भोपाल। मध्य प्रदेश की एक महिला अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किए हैं। महिला अधिकारी ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री से सवाल पूछा है। कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में 50 लाख का ईनाम जीत चुकी तहसीलदार अमिता सिंह तोमर ने बार-बार किए जा रहे अपने ट्रांसफर को लेकर पीएम मोदी से सवाल पूछकर जवाब मांगा है।
मध्य प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस में राजगढ़ जिले में तहसीलदार के पद पर नियुक्ति अमिता सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सवाल किया है कि ईमानदारी से काम करने के बावजूद उनका 14 सालों की नौकरी में 25 बार ट्रांसफर क्यों किया गया है? अमिता ने लिखा है कि मैंने ईमारदारी से काम करते हुए कई अवार्ड जीते, अपनी जिम्मेदारियों बखूबी निभाई, लेकिन इसके बावजूद 14 साल की नौकरी में उनका 25वां ट्रांसफर क्यों किया गया?
उन्होंने पूछा है कि हर बार जब भी मेरा ट्रांसफर किया जाता है हर बार 500 किमी दूर ही भेजा जाता है। तलाकशुदा महिला करना चाहती थी शादी, 'नमस्ते' के चक्कर में लुट गई हाईवे पर दुर्घटना के बाद कांवड़ियों का बवाल, पुलिस चौकी में लगा दी आग क्या आपके पास भी है जियो की पुरानी सिम, खबर आपके लिए है Featured Posts अमिता ने अपनी समस्या बताते हुए लिखा है कि इस तबादले की वजह से वो मानसिक दबाव है।
उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि तहसीलदारों की पूरी सर्विस 2-4 जिलों में ही निकल जाती है, लेकिन अब तक उनका 9 जिले और 25 तहसील में तबादला हो चुका है। अमिता को अब प्रधानमंत्री के जवाब का इंतजार है। हालांकि आपको बता दें कि अमिता का विवादों से पुराना नाता रहा है। अपने बयानों से वो सुर्खियों में रही हैं।
23 जून को पीएम के अफगानिस्तान दौरे के दौरान विवादित पोस्ट लिखा था, जिसके बाद उनका तबादला राजगढ़ जिले में नरसिंहगढ़ कर दिया गया। इतना ही नहीं 21 जनवरी को उन्होंने खुले में शौच करने के आरोप में 10वीं की एक लड़की को चांटा मार दिया था। आपको बता दें कि साल 2011 में अमिता ने कौन बनेगा करोड़पति में हिसा लेकर आखिरी राउंड तक पहुंची थी, लेकिन आखिरी सवाल का जवाब न दे पाने की वजह से वो 1 करोड़ रुपए नहीं जीत पाई।

कांग्रेस का गंभीर आरोप : मंदसौर किसान आंदोलन में पुलिस ने कथित आरोपियों की फर्जी सूची जारी की

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जब अभी तक गोलीकांड की एफआईआर ही नहीं, तो आरोपियों की लिस्ट को लेकर पुलिस उतावली क्यों ? : के.के. मिश्रा

भोपाल, 20 जुलाई 2017 । प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने गत्    6 जून को मंदसौर जिले में हुए किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत के बाद उतावली स्थानीय पुलिस द्वारा कथित रूप से चिन्हित 32 आरोपित किसानों की जारी सूची को फर्जी करार देते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को आश्चर्य तो इस बात का है कि गोली कांड की घटना को लेकर डेढ़ माह का समय बीत चुका है, किन्तु पुलिस ने आज तक इस घटना को लेकर कोई भी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? जब एफआईआर ही नहीं हुई है तो सरकार द्वारा गठित जांच आयोग अपनी रिपोर्ट कैसे व किसे देगा? आंदोलन के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा जारी 32 कथित आरोपियों की सूची को फर्जी करार देते हुए    श्री मिश्रा ने कहा कि इसमें दो नाम ऐसे भी हैं, जिनका घटना से कोई सरोकार ही नहीं है,
पुष्कर नामक व्यक्ति 8 मार्च, 2017 से जहां जेल में है, वहीं बद्रीलाल नामक व्यक्ति वर्ष 2011 से दिव्यांग होकर अपने घर बिस्तर पर है। ऐसी सूरत में पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए, कि पुष्कर क्या जेल से बाहर आकर आंदोलन में शामिल हुआ और जो बद्रीलाल सिर्फ बिस्तर पर होने के कारण चल-फिर भी नहीं सकता है, वह आंदोलन में कैसे आया?
श्री मिश्रा ने कहा कि इन नामों को लेकर मंदसौर एसपी का यह कथन कि यदि ये बेगुनाह हैं तो उनका नाम सूची से बाहर निकाल दिया जायेगा, पुलिस द्वारा जारी 32 नामों की पूरी सूची को संदिग्ध साबित करने के लिए पर्याप्त होकर पुलिस और सरकार की समूची कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है!

PM ने नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दी बधाई…

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नई दिल्ली: रामनाथ कोविंद रायसीना हिल्स की रेस जीत गए हैं| इस तरह कोविंद अब देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे| रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को देश के 14वें राष्ट्रपति के पद की शपथ लेगें| 25 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है| 
प्रधान मोदी ने राष्ट्रपति के लिए चुने जाने पर रामनाथ कोविंद को दी बधाई साथ ही उन्होंने मीरा कुमार को भी लोकतंत्र के तहत किए गए प्रयास के लिए बधाई दी है|
रामनाथ कोविंद को कुल 7,02,044 वोट मिले, वहीं मीरा कुमार को 3,67,314 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा| गौरतलब है कि 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी को 7,13,763 और विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा को 3,15,987 वोट मिले थे| 
उन्हें 66 फीसदी वोट मिले हैं| NDA उम्मीदवार कोविंद 65.65 फीसदी वोट मिले जबकि UPA की उम्मीदवार मीरा कुमार को कुल 34.35 फीसदी वोट मिले| राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सोमवार को हुआ था|
इस बार करीब 99 प्रतिशत मतदान हुआ था| 
चनाव में कुल 4,896 मतदाता (4,120 विधायक और 776 निर्वाचित सांसद) वोट देने के लिए पात्र थे| पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की तुलना में अधिकतर मत बिहार के पूर्व राज्यपाल और सत्तारुढ़ गठबंधन राजग रामनाथ कोविंद के पक्ष में डाले गए थे|

साली ने खोला अपने जीजा का ये घिनौना राज जिसे सुन दंग रह जाएंगे आप…

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साली ने खोला अपने जीजा का वो राज़, जिसके बाद जीजा मुहं छिपा रहा है , ग्वालियर में काकी कौर की जलकर मौत होने की सूचना मिलने पर बिलासपुर से आई बहन अमृता कौर ने आरोप लगाया कि पति गुरनेल ने उसकी बहन की हत्या की है| मारने के बाद उसने जला दिया| और जेल जाने से बचने के लिए बचाने का नाटक कर अपने हाथ-पैर झुलसा लिए हैं| मृतका के 2 बेटे हैं| 
बड़ा बेटा मौसी अमृता कौर के पास ही रहता है|मृतका की बहन अमृता कौर ने बताया कि उसकी बहन काकी कौर की शादी 12 वर्ष पूर्व गुरनेल से हुई थी| पति कोई काम-धंधा नहीं करता था| बहन राशि के स्टोन व अन्य काम कर घर चला रही थी| गुरनेल उसकी कमाई भी शराब में उड़ा देता था| 24 घंटे नशे में रहता था| शराब के लिए पैसे नहीं देने पर उसकी मारपीट करता था| मृतका के बड़े बेटे राजू को अपने साथ बिलासपुर ले गई|
5 साल का कालू, काकी कौर के पास था| कालू ने उसे बताया कि रात में पापा ने मम्मी को मारा था| सुबह मम्मी बेहोश हो गई थीं| तभी आग लग गई|नूरगंज में काकी कौर पत्नी गुरनेल ने शनिवार को शरीर पर केरोसिन डालकर आत्महत्या कर ली थी| मायके पक्ष की मौजूदगी में डॉक्टरी परीक्षण कराने के लिए शव को डेड हाउस में रखवा दिया था|
मृतक के भाई-बहनों के बिलासपुर से आने के बाद काकी कौर के शव का डॉक्टरी परीक्षण कराया गया और अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौप दिया| अमृता कौर का आरोप है कि उसकी बहन की चोट लगने के कारण मौत हो गई| उसके बाद पति ने सुसाइड बताने के लिए उसे जला दिया| पुलिस का कहना है कि महिला की मौत का असल कारण पीएम रिपोर्ट से उजागर हो सकेगा|

डॉक्टर ब्रेन सर्जरी कर रहे थे और युवक गिटार बजा रहा था

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जिस समय डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे थे, उस समय युवक गिटार बजा रहा था।

बेंगलुरु. ब्रेन सर्जरी का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां 32 साल के एक युवक के न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के बाद उसका ऑपरेशन किया गया, जिस समय ऑपरेशन टेबल पर डॉक्टर सर्जरी कर रहे थे, उस समय युवक साथ-साथ गिटार भी बजा रहा था। पिछले हफ्ते सिटी हॉस्पिटल में 7 घंटे की सर्जरी के बाद युवा संगीतकार को काफी राहत है। यह युवक एक इंजीनियर से संगीतकार बना है। गिटार बजाते समय उसकी उंगलियों में बेहद दर्द होता था।
ऑपरेशन का यह अपनी तरह का पहला मामला है।
तुषार (परिवर्तित नाम) को करीब डेढ़ साल पहले गिटार बजाते हुए पहली बार समस्या का पता चला। दिमाग की मासपेशियों में गड़बड़ी की वजह से युवक को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टर जिस समय उसके दिमाग की अतिरिक्त मासपेशियों को 'जला' रहे थे, जिससे तहत उसकी मासपेशियों को असामान्य झटके दिए जाने थे। उस समय तुषार लगातार गिटार बजा रहा था ताकि समस्या वाली जगह का जल्दी पता चल सके।
ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजव सी सी ने बताया, 'उसे समस्या उस समय आती थी जब वह गिटार बजाता था, ऐसे में हमारे लिए प्रॉब्लम और उसकी सही जगह समझना बेहद जरूरी था।'
जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मूवमेंट डिस्ऑर्डर ऐंड स्टीरियोटैक्टिक न्यूरोसर्जन डॉ. शरन श्रीनिवासन ने बताया, 'यह एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें दिमाग में प्रॉब्लम वाली जगह को जलाकर खत्म किया जाता है। 
ऑपरेशन से पहले युवक के दिमाग में चार खास तरह के फ्रेम लगाए गए थे।' युवक के एमआरआई के बाद आई तस्वीरों में टारगेट एरिया का पता लगाया गया। कॉडिनेट्स के मुताबिक, युवक की खोपड़ी में 14 एमएम का छेद किया गया, जिसमें खास तरह की इलेक्ट्रॉड पास कराई गई और उसके बाद आगे का ऑपरेशन किया गया। तुषार की हालत अब बेहतर है। जब तुषार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अचानक जादुई ढंग से उसकी उंगलियों का दर्द खत्म हो गया।

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